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क्या आगे बढ़ सकती है ITR फाइलिंग की तारीख, GCCI ने CBDT को लिखा पत्र

क्या आगे बढ़ सकती है ITR फाइलिंग की तारीख, GCCI ने CBDT को लिखा पत्र

गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (GCCI) ने CBDT को पत्र लिखकर ITR फाइलिंग और टैक्स ऑडिट रिपोर्ट की समयसीमा बढ़ाने की मांग की है। संगठन का कहना है कि देर से जारी फॉर्म्स, पोर्टल की तकनीकी खामियां और धीमा इंटरनेट टैक्सपेयर्स व प्रोफेशनलों के लिए बड़ी चुनौती बन रहे हैं।

ITR Filing 2025: आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की डेडलाइन फिर आगे बढ़ सकती है। गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (GCCI) ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) को पत्र लिखकर समयसीमा बढ़ाने की अपील की है। GCCI का कहना है कि ITR फॉर्म और यूटिलिटीज देर से जारी हुईं, कई जगह इंटरनेट कनेक्शन धीमा है और पोर्टल पर तकनीकी गड़बड़ियां बनी हुई हैं। ऐसे में 15 सितंबर और 30 सितंबर की मौजूदा समयसीमा करदाताओं और टैक्स प्रोफेशनलों पर अतिरिक्त दबाव डाल रही है।

सरकार पहले ही दे चुकी है राहत

सरकार ने पहले ही बिना ऑडिट वाले टैक्सपेयर्स के लिए ITR दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी थी। लेकिन GCCI का कहना है कि यह राहत पर्याप्त नहीं है। उनका तर्क है कि जरूरी फॉर्म्स अगस्त तक उपलब्ध नहीं थे, ऐसे में टैक्सपेयर्स को फाइलिंग के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाया।

यूटिलिटी में बार-बार बदलाव से बढ़ी मुश्किल

GCCI ने कहा है कि आयकर विभाग की ओर से जारी की गई यूटिलिटीज में बार-बार बदलाव किए गए। इससे टैक्स प्रोफेशनलों को क्लाइंट्स का डाटा तैयार करने और फाइलिंग करने में दिक्कत आई। कई इलाकों में धीमे इंटरनेट कनेक्शन ने भी समस्या बढ़ाई। संगठन का कहना है कि इन हालात में ITR फाइलिंग और टैक्स ऑडिट रिपोर्ट दोनों की समयसीमा आगे बढ़ाना जरूरी है।

ITR-5 की देरी ने बढ़ाया दबाव

आम तौर पर टैक्सपेयर्स को फाइलिंग के लिए कई महीने मिलते हैं। लेकिन इस बार स्थिति अलग रही। ITR-5 यूटिलिटी, जो फर्मों, एलएलपी, ट्रस्ट, एओपी और बीओआई जैसी इकाइयों के लिए जरूरी है, 8 अगस्त 2025 को जारी की गई। इसके बाद नॉन-ऑडिट मामलों के लिए अंतिम तारीख 15 सितंबर ही रखी गई है। यानी सिर्फ एक महीने से भी कम समय मिला है। GCCI का कहना है कि इतने कम समय में फर्मों और प्रोफेशनलों के लिए वित्तीय डाटा जुटाना, गणना की सटीकता सुनिश्चित करना और समय पर रिटर्न दाखिल करना बेहद चुनौतीपूर्ण है।

पोर्टल की तकनीकी दिक्कतें

करदाताओं और टैक्स प्रोफेशनलों ने आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल की तकनीकी खामियों की भी शिकायत की है। इनमें सबसे बड़ी समस्याएं हैं।

  • रिटर्न और ऑडिट रिपोर्ट अपलोड में दिक्कतें।
  • फॉर्म 26AS, AIS और TIS में डेटा अपडेट न होना या मेल न खाना।
  • पोर्टल की धीमी गति, पेज लोडिंग में देरी और सेशन टाइमआउट।
  • यूटिलिटी का कई बार सिस्टम के अपडेटेड वर्जन पर काम न करना।

इन समस्याओं के कारण फाइलिंग की प्रक्रिया बाधित हो रही है। टैक्स प्रोफेशनलों का कहना है कि जब एक ही समय पर हजारों रिटर्न अपलोड होते हैं तो सिस्टम अक्सर एरर दिखाने लगता है।

कब जारी हुए ITR फॉर्म्स

इस बार ITR फॉर्म्स और यूटिलिटी सामान्य समय से देर से जारी हुए।

  • ITR-1 से ITR-4 : मई से जुलाई 2025 के बीच।
  • ITR-5 : 8 अगस्त 2025।
  • ITR-6 एक्सेल यूटिलिटी : 15 अगस्त 2025।
  • ITR-7 : अब तक जारी नहीं।
  • ऑडिट फॉर्म 3CA-3CD और 3CB-3CD : 29 जुलाई 2025।

GCCI का कहना है कि इतने देर से जारी हुए फॉर्म्स के बाद करदाताओं को डेडलाइन पूरी करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला।

मौजूदा डेडलाइंस

फिलहाल ITR फाइलिंग और टैक्स ऑडिट रिपोर्ट की अंतिम तारीखें इस प्रकार हैं।

  • 15 सितंबर 2025 : बिना ऑडिट वाले टैक्सपेयर्स के लिए।
  • 30 सितंबर 2025 : टैक्स ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की आखिरी तारीख।
  • 31 अक्टूबर 2025 : कंपनियों, पार्टनरशिप फर्म्स और ऑडिट वाले मामलों के लिए ITR की डेडलाइन।
  • 30 नवंबर 2025 : इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन या खास डोमेस्टिक डीलिंग वाले मामलों के लिए।

CBDT से अपील

इन्हीं कारणों से संगठन ने CBDT से अपील की है कि वह ITR फाइलिंग और टैक्स ऑडिट रिपोर्ट की तारीख आगे बढ़ाए। GCCI का मानना है कि ऐसा करने से न सिर्फ टैक्सपेयर्स को राहत मिलेगी बल्कि प्रोफेशनलों को भी समय पर और सटीक फाइलिंग करने में आसानी होगी।

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