भारतीय ओलंपिक मेडलिस्ट वेटलिफ्टर मीराबाई चानू के लिए एक बड़ा झटका सामने आया है। एलए 2028 ओलंपिक में इंटरनेशनल वेटलिफ्टिंग फेडरेशन (IWF) द्वारा जारी की गई नई बॉडीवेट कैटेगरी सूची में 49 किलोग्राम वर्ग को हटा दिया गया है।
Sports News: भारत की स्टार वेटलिफ्टर और ओलंपिक सिल्वर मेडलिस्ट मीराबाई चानू को एक बड़ा झटका लगा है। लॉस एंजिलिस ओलंपिक 2028 (LA Olympics 2028) के लिए अंतरराष्ट्रीय वेटलिफ्टिंग फेडरेशन (IWF) ने जो नई वेट कैटेगरीज जारी की हैं, उनमें महिलाओं की 49 किलोग्राम वेट कैटेगरी को पूरी तरह हटा दिया गया है। यही वह कैटेगरी है जिसमें मीराबाई चानू ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत के लिए सिल्वर मेडल जीता था।
मीराबाई चानू की वेट कैटेगरी हुई खत्म
मणिपुर की रहने वाली मीराबाई चानू 49 किलोग्राम वेट कैटेगरी में भारत का प्रतिनिधित्व करती रही हैं और उन्होंने इसी वर्ग में अपने करियर की सबसे बड़ी सफलता हासिल की। टोक्यो 2020 ओलंपिक में उन्होंने भारत के लिए पहला सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रचा था। लेकिन, अब इंटरनेशनल वेटलिफ्टिंग फेडरेशन द्वारा जारी नई श्रेणियों के अनुसार, महिलाओं की 49 किग्रा कैटेगरी को LA 2028 ओलंपिक से हटा दिया गया है। इसका मतलब है कि मीराबाई को या तो अपना वजन बढ़ाकर अगली कैटेगरी (53 किग्रा) में प्रतिस्पर्धा करनी होगी या फिर ओलंपिक से दूरी बनानी पड़ेगी।
IWF ने घोषित की नई वेट कैटेगरीज

इंटरनेशनल वेटलिफ्टिंग फेडरेशन (IWF) ने ओलंपिक 2028 के लिए वेट कैटेगरीज में बड़े बदलाव किए हैं। नई सूची के मुताबिक:
- पुरुष वर्ग: 65kg, 75kg, 85kg, 95kg, 110kg, +110kg
- महिला वर्ग: 53kg, 61kg, 69kg, 77kg, 86kg, +86kg
इस सूची में न तो महिलाओं की 49 किग्रा कैटेगरी और न ही पुरुषों की 61 किग्रा कैटेगरी को जगह मिली है।
अब 53 किलोग्राम कैटेगरी में उतरना होगा
विशेषज्ञों का मानना है कि मीराबाई अब 53 किलोग्राम वेट कैटेगरी में हिस्सा ले सकती हैं, क्योंकि यही उनके वजन के सबसे करीब है। लेकिन, यह बदलाव आसान नहीं होगा। 49 से 53 किग्रा में आने का मतलब है —
- शरीर का वजन बढ़ाना,
- स्ट्रेंथ और बैलेंस बनाए रखना,
और नई कैटेगरी के शीर्ष लिफ्टर्स के स्तर तक खुद को ढालना। चूंकि 53 किग्रा में दुनिया की कई शीर्ष महिला वेटलिफ्टर पहले से हैं, इसलिए प्रतिस्पर्धा बेहद कड़ी होगी। मीराबाई चानू ने टोक्यो 2020 ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर भारतीय वेटलिफ्टिंग का गौरव बढ़ाया था। उन्होंने चीन की होउ झिहुई के बाद दूसरा स्थान हासिल किया था।












