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मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का सख्त निर्देश: 'प्रोजेक्ट्स के लिए अब पांच नहीं, ढाई साल की टाइमलाइन होगी'

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का सख्त निर्देश: 'प्रोजेक्ट्स के लिए अब पांच नहीं, ढाई साल की टाइमलाइन होगी'

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य में चल रही विभिन्न सरकारी परियोजनाओं में हो रही देरी पर नाराजगी जताई है। उन्होंने इस संबंध में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए।

मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने राज्य में चल रही सरकारी परियोजनाओं की धीमी रफ्तार पर गहरी नाराज़गी जताई है। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अब किसी भी प्रोजेक्ट के लिए “पांच साल की टाइमलाइन” नहीं चलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास परियोजनाओं को ढाई साल के भीतर पूरा किया जाना चाहिए — चाहे वह इंफ्रास्ट्रक्चर, शहरी विकास, या ग्रामीण कनेक्टिविटी से जुड़ा प्रोजेक्ट हो।

बैठक में फडणवीस का कड़ा संदेश — 'ऐसा कहीं नहीं होता कि प्रोजेक्ट 5 साल चले'

सीएम फडणवीस ने मंत्रालय में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में कई विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की।
इस बैठक में जब कुछ अफसरों ने बताया कि कुछ प्रोजेक्ट्स अब भी “पांच साल की टाइमलाइन” पर चल रहे हैं, तो सीएम का पारा चढ़ गया। उन्होंने अधिकारियों से सख्त लहजे में कहा, ये जो पांच-पांच साल की टाइमलाइन देते हैं, वो कहीं दुनिया में नहीं होता। अब हर प्रोजेक्ट को ढाई साल के भीतर पूरा करना ही होगा।

सीएम ने सवाल उठाया कि जब तकनीकी क्षमता, संसाधन और डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम उपलब्ध हैं, तो फिर किसी भी प्रोजेक्ट को तीन, चार या पांच साल तक लटकाना स्वीकार्य नहीं है।

कॉन्ट्रैक्टर कौन है? — देरी पर जताई नाराज़गी

बैठक के दौरान फडणवीस को बताया गया कि एक प्रमुख प्रोजेक्ट समय पर पूरा नहीं हुआ है। इस पर उन्होंने तुरंत पूछा, इस काम का कॉन्ट्रैक्टर कौन है? क्या हमने इतनी तकनीक इसलिए ली है कि काम देर से पूरा हो? उन्होंने कहा कि अब राज्य सरकार “Accountability और Transparency” के सिद्धांत पर काम करेगी। अगर कोई अधिकारी या ठेकेदार काम में देरी करता है, तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि अब से महाराष्ट्र सरकार हर प्रोजेक्ट की रियल-टाइम मॉनिटरिंग करेगी। इसके लिए एक ‘Project War Room’ तैयार किया गया है, जो सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़ा होगा। इस वार रूम के माध्यम से हर कार्य की प्रगति रिपोर्ट मुख्यमंत्री को साप्ताहिक रूप से दी जाएगी। फडणवीस ने कहा, हर टास्क की जिम्मेदारी तय होगी। अगर कोई बाधा आती है, तो उसे तुरंत दूर किया जाएगा। हम महाराष्ट्र को विकास की तेज रफ्तार पर ले जाना चाहते हैं।

राज्य के विकास को नई गति देने की तैयारी

महाराष्ट्र सरकार वर्तमान में मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक, नागपुर-मुंबई समृद्धि महामार्ग, पुणे रिंग रोड और मेट्रो नेटवर्क जैसे कई मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है। इनमें से कई प्रोजेक्ट्स तय समय सीमा से पीछे चल रहे हैं। सीएम फडणवीस का यह निर्देश ऐसे समय आया है जब राज्य में 2025 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। ऐसे में सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि विकास कार्यों की रफ्तार जनता के सामने नतीजों के रूप में दिखाई दे।

फडणवीस ने साफ कहा कि सरकारी प्रोजेक्ट्स में देरी का मतलब है — जनता का पैसा और समय दोनों की बर्बादी। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा, वक्त की कीमत समझो। हर प्रोजेक्ट में जनता का पैसा लगा है। देरी का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने बताया कि अब सरकार हर विभाग से “Performance Review” रिपोर्ट मांगेगी।

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