IPO Alert: कंपनी का आईपीओ 14 जुलाई को स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होगा। निवेशकों के डीमैट अकाउंट में शेयर 11 जुलाई को ही क्रेडिट कर दिए गए हैं।
ट्रैवल फूड सर्विसेज लिमिटेड का आईपीओ निवेशकों के बीच जोरदार चर्चा का विषय बना हुआ है। कंपनी की लिस्टिंग 14 जुलाई को होने वाली है, लेकिन उससे पहले ही ग्रे मार्केट में शेयर को लेकर अच्छी हलचल देखने को मिल रही है। निवेशकों के डीमैट खातों में 11 जुलाई को शेयर आ चुके हैं और जिनको शेयर अलॉट नहीं हुए, उन्हें रिफंड भी जारी कर दिया गया है।
IPO को मिला अच्छा रिस्पॉन्स, QIB ने सबसे ज्यादा दिखाई दिलचस्पी
कंपनी का पब्लिक इश्यू 7 जुलाई से 9 जुलाई तक खुला रहा। तीन दिन के भीतर इसे कुल 2.88 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। खास बात यह रही कि क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) ने 7.70 गुना की जबरदस्त भागीदारी दिखाई। वहीं, गैर-संस्थागत निवेशकों (NII) की श्रेणी में 1.58 गुना और रिटेल कैटेगरी में 69 फीसदी आवेदन मिले।
IPO में 50 फीसदी हिस्सा QIB, 15 फीसदी NII और 35 फीसदी रिटेल निवेशकों के लिए रिजर्व किया गया था। कंपनी ने इस इश्यू के जरिए 2,000 करोड़ रुपये जुटाए, जो पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) था। कपूर फैमिली ट्रस्ट ने इस OFS के तहत अपनी हिस्सेदारी बेची।
IPO प्राइस बैंड और लॉट साइज की जानकारी
कंपनी ने अपने IPO का प्राइस बैंड 1,045 रुपये से 1,100 रुपये प्रति शेयर तय किया था। एक लॉट में 13 शेयर थे और इसके बाद 13 के गुणकों में आवेदन करना था। यानी न्यूनतम निवेश 14,300 रुपये के आसपास बनता था।
ब्रांड वैल्यू और पार्टनरशिप का मजबूत नेटवर्क
ट्रैवल फूड सर्विसेज की बड़ी खासियत इसकी ब्रांड वैल्यू और मजबूत साझेदारी है। यह न केवल खुद के ब्रांड्स ऑपरेट करती है, बल्कि KFC, Domino’s, Starbucks जैसे अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स के साथ भी पार्टनरशिप में काम करती है।
इस मॉडल ने कंपनी को एक मजबूत मार्केट प्लेस में स्थापित किया है और इससे उसे बड़े ऑर्डर व स्थिर रेवेन्यू की सुविधा मिलती है। यही वजह है कि निवेशकों को कंपनी के ग्रोथ पोटेंशियल पर भरोसा नजर आ रहा है।
लिस्टिंग से पहले ही चर्चा में क्यों है यह IPO
ट्रैवल फूड सर्विसेज का IPO इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि यह पूरी तरह OFS था, फिर भी इसे अच्छा रिस्पॉन्स मिला। आमतौर पर निवेशक उन IPOs को ज्यादा तरजीह देते हैं जिनमें ताजा इश्यू यानी नए शेयर जारी किए जाते हैं, जिससे कंपनी को पैसा मिलता है। लेकिन इस इश्यू में निवेशकों ने कंपनी के मौजूदा बिजनेस मॉडल और उसके एयरपोर्ट्स पर पकड़ को देखते हुए उत्सुकता दिखाई।
बाजार में पहले से मौजूद कंपनियों से तुलना में कंपनी की अलग पहचान
ट्रैवल सेगमेंट में इतनी सशक्त मौजूदगी के कारण ट्रैवल फूड सर्विसेज की तुलना किसी भी अन्य QSR ऑपरेटर से सीधे नहीं की जा सकती। एयरपोर्ट्स पर लाउंज और फूड सर्विस देना एक सीमित लेकिन प्रभावी बाजार है, जहां प्रतिस्पर्धा कम और ब्रांड वफादारी ज्यादा होती है।
कंपनी ने पिछले कुछ वर्षों में कोरोना जैसी चुनौतियों के बावजूद अपने नेटवर्क को संभालकर रखा है और अब फिर से यात्रा बढ़ने के साथ इसकी आय में तेजी देखी जा रही है।
IPO में निवेशकों की नजरें अब लिस्टिंग पर
अब सबकी निगाहें 14 जुलाई की लिस्टिंग पर हैं। निवेशक यह जानना चाहते हैं कि GMP के अनुसार जो लिस्टिंग प्राइस अनुमानित है, क्या वह वास्तविकता में भी कायम रहेगा या फिर बाजार कुछ अलग रुख दिखाएगा।
गौर करने वाली बात यह भी है कि हाल के कुछ IPOs में पहले GMP अच्छा रहा, लेकिन लिस्टिंग पर निवेशकों को निराशा भी मिली। इसलिए इस बार बाजार की चाल पर निवेशकों की नजर टिकी है।