पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को विधानसभा के विशेष सत्र में जल संकट और इंडस वॉटर ट्रीटी को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पंजाब के पास अब किसी अन्य राज्य को देने के लिए एक भी बूंद पानी नहीं है। मान ने केंद्र से इंडस वॉटर ट्रीटी पर पुनर्विचार की मांग करते हुए कहा कि पंजाब की नदियों का जल राज्य का अधिकार है और उसकी सुरक्षा के लिए उनकी सरकार हर कदम उठाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल पंजाब के लिए सिर्फ एक संसाधन नहीं, बल्कि अस्मिता और अस्तित्व का प्रश्न है। यह जल किसी और को देने का सवाल ही नहीं उठता, उन्होंने कहा। मान ने भाखड़ा-नंगल डैम पर CISF की तैनाती का विरोध करते हुए यह भी कहा कि जल विवाद की शुरुआत 1955 में हुई थी, लेकिन तब से आज तक इस पर कभी कोई व्यापक समीक्षा नहीं की गई। जबकि ऐसे मामलों की हर 25 साल में समीक्षा होनी चाहिए थी।
इंडस वॉटर ट्रीटी से मिल सकता है पंजाब को बड़ा लाभ
मुख्यमंत्री ने भारत सरकार द्वारा इंडस वॉटर ट्रीटी को स्थगित करने के हालिया फैसले को पंजाब के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर बताया। उन्होंने कहा कि अगर इस फैसले पर प्रभावी अमल हुआ तो राज्य को सिंधु, झेलम और चिनाब जैसी पश्चिमी नदियों से लगभग 23 मिलियन एकड़ फीट (MAF) अतिरिक्त पानी मिल सकता है। यह जल पंजाब की खेती, सिंचाई और पीने की जरूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभा सकता है।
मान ने केंद्र से आग्रह किया कि इस पानी के उपयोग में पंजाब को प्राथमिकता दी जाए। साथ ही उन्होंने यह भी मांग की कि हिमाचल प्रदेश में स्थित भाखड़ा और पोंग डैम के ऊपर नए जलाशयों का निर्माण कराया जाए ताकि जल प्रबंधन और वितरण को बेहतर बनाया जा सके।
देश को अन्नदाता बनाने की कीमत पंजाब चुका रहा है
मुख्यमंत्री ने भावुक होते हुए कहा कि पंजाब ने हरित क्रांति के दौर में देश को खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए अपने जल और भूमि संसाधनों का बेजा इस्तेमाल किया है। अब वक्त आ गया है कि केंद्र पंजाब को इसका उचित मुआवज़ा दे, उन्होंने कहा।
मान ने विपक्षी दलों पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पिछले छह दशकों में पंजाब के जल संसाधनों की लूट में कांग्रेस और बीजेपी दोनों की बराबर की भागीदारी रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ कांग्रेस नेता सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर की नींव रखने में शामिल थे और अब वही लोग जनता को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं।
प्रताप सिंह बाजवा पर भी साधा निशाना
मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा पर व्यक्तिगत हमला बोलते हुए कहा कि उन्हें तो पंजाबी भाषा तक का ज्ञान नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं को जनता का सामना करने से बचने के लिए बस बहाने चाहिए होते हैं। यह विधानसभा पंजाब की 3.5 करोड़ जनता की आवाज़ है। यहां वही बैठ सकता है जिसे जनता ने चुना है, न कि वे जो केवल राजनीतिक ड्रामा करने आते हैं, मान ने कहा।
मान ने कांग्रेस और बीजेपी पर देश को भाषाई, सांप्रदायिक और क्षेत्रीय आधार पर बांटने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अगर ये पार्टियां अपनी विभाजनकारी नीतियों को छोड़ दें तो भारत हर क्षेत्र में प्रगति कर सकता है। उन्होंने जनता से अपील की कि वह अब असली मुद्दों को पहचाने और उन ताकतों को बेनकाब करे जो समाज को बांटने की साजिश कर रही हैं।