पुणे और नाशिक के बीच सफर करने वाले लाखों लोगों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। महाराष्ट्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना “पुणे-नाशिक इंडस्ट्रियल एक्सप्रेसवे” अब अंतिम चरण में है। इस प्रोजेक्ट की मंजूरी के बाद इसके निर्माण कार्य की शुरुआत जल्द की जाएगी।
यह जानकारी महाराष्ट्र विधान परिषद में स्कूल शिक्षा मंत्री दादाजी भूसे ने दी, जब विधायक सत्यजीत तांबे ने इस विषय में सवाल पूछा। मंत्री भूसे ने बताया कि एक्सप्रेसवे का रूट (अलाइनमेंट) तय करने के लिए तकनीकी स्तर पर काम किया जा रहा है और जल्द ही इसका निर्माण शुरू होगा।
अब 5 घंटे का सफर घटकर रह जाएगा 2.5 से 3 घंटे का
फिलहाल पुणे से नाशिक का सफर सड़क मार्ग से करने में करीब 5 घंटे या उससे अधिक का समय लग जाता है। लेकिन जैसे ही यह एक्सप्रेसवे तैयार होगा, दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय घटकर 2.5 से 3 घंटे हो जाएगा। इससे ना केवल यात्रा आसान होगी बल्कि उद्योग, व्यापार और टूरिज्म को भी जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा।
औद्योगिक को मिलेगा सीधा लाभ
पुणे और नाशिक दोनों ही राज्य के बड़े औद्योगिक हब माने जाते हैं। इस एक्सप्रेसवे के बनने से दोनों शहरों के बीच एक सशक्त औद्योगिक गलियारा बन जाएगा। इससे छोटे, मध्यम और बड़े उद्योगों को सीधा और तेज संपर्क मिलेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि बेहतर सड़क संपर्क से कच्चा माल लाने और उत्पाद बाजार तक पहुंचाने में समय और खर्च दोनों की बचत होगी। इसका असर औद्योगिक उत्पादन और रोजगार दोनों पर पड़ेगा।
प्रोजेक्ट की लंबाई और निर्माण की अवधि
इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई लगभग 133 किलोमीटर होगी। सरकार का अनुमान है कि इसके निर्माण में करीब 3 साल का समय लगेगा। इसके लिए 1545 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (MSRDC) इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी संभाल रहा है।
पर्यटन और तीर्थस्थलों को भी मिलेगा बढ़ावा
इस एक्सप्रेसवे के रूट में कई धार्मिक और पर्यटन स्थलों का भी समावेश होगा। जिससे न केवल स्थानीय श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी बल्कि राज्य में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। नाशिक और उसके आसपास त्र्यंबकेश्वर, सप्तश्रृंगी गढ़ जैसे तीर्थ स्थल आते हैं, वहीं पुणे में भोर घाट और अन्य पर्यटन स्थल मौजूद हैं।
इन स्थानों तक जल्दी और आरामदायक सफर से राज्य के धार्मिक पर्यटन को नई रफ्तार मिलने की संभावना है।
रोजगार के नए अवसर खुलेंगे
जैसे ही इस प्रोजेक्ट का काम शुरू होगा, बड़ी संख्या में लोगों को निर्माण और उससे जुड़ी सेवाओं में काम मिलेगा। एक्सप्रेसवे बनने के बाद इसके आस-पास के क्षेत्रों में लॉजिस्टिक्स, होटल, ढाबे और सर्विस सेक्टर से जुड़े नए कारोबार पनप सकते हैं।
पुणे और नाशिक के बीच में आने वाले छोटे कस्बों और गांवों को भी इससे फायदा मिलेगा, क्योंकि वे अब दो बड़े औद्योगिक शहरों से सीधे जुड़ जाएंगे।
अहिल्यानगर और नाशिक जैसे शहर होंगे मुख्य लाभार्थी
पुणे-नाशिक एक्सप्रेसवे का असर केवल इन दो शहरों तक सीमित नहीं रहेगा। बल्कि अहिल्यानगर, अकोला, मनमाड जैसे अन्य कस्बे भी सीधे तौर पर इसका लाभ उठाएंगे। इन क्षेत्रों में पहले से ही उद्योगों की संभावना है और बेहतर कनेक्टिविटी से उनमें तेजी आएगी।
फाइनल रूट तय करने पर चल रहा है काम
मंत्री दादाजी भूसे के अनुसार, फिलहाल एक्सप्रेसवे के लिए रूट तय करने का काम जारी है। इसके लिए भू-तकनीकी सर्वे, भूमि अधिग्रहण योजना और पर्यावरणीय मंजूरी जैसी प्रक्रियाएं चल रही हैं। सरकार का लक्ष्य है कि इन सभी औपचारिकताओं को जल्द पूरा कर काम शुरू कर दिया जाए।