SIR प्रक्रिया को लेकर विपक्षी दलों ने संसद के मकर द्वार के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। खड़गे, राहुल गांधी, सोनिया गांधी और अखिलेश यादव भी मौजूद रहे। नेताओं ने लोकतंत्र कमजोर करने के आरोप लगाए और सरकार को घेरा।
MPS Protest: मतदाता सूची के विवादास्पद विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) को लेकर सोमवार को संसद परिसर के बाहर विपक्षी दलों ने एकजुट प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन का नेतृत्व कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने किया।
प्रदर्शन के दौरान विपक्षी नेताओं ने हाथों में "लोकतंत्र पर वार" और "स्टॉप SIR" लिखी तख्तियां पकड़ रखी थीं। नेताओं ने केंद्र सरकार पर लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करने और निष्पक्ष चुनाव प्रणाली के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया।
कई दलों की भागीदारी ने दी गंभीरता
इस विरोध में असम कांग्रेस प्रमुख गौरव गोगोई और सीपीआई (एमएल) लिबरेशन के सांसद राजा राम सिंह कुशवाहा जैसे वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए। इन नेताओं की मौजूदगी यह दिखाती है कि SIR के खिलाफ चिंता केवल कांग्रेस तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे INDIA गठबंधन की साझा चिंता बन गई है।
विपक्ष का आरोप है कि SIR के तहत मतदाता सूची में अनावश्यक और मनमानी पुनरीक्षण की प्रक्रिया से निष्पक्षता प्रभावित हो रही है। इसे सरकार द्वारा चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप के तौर पर देखा जा रहा है।
SIR क्या है और क्यों उठा विरोध
SIR यानी Special Intensive Revision चुनाव आयोग की एक प्रक्रिया है जिसके तहत मतदाता सूची का गहन निरीक्षण किया जाता है। लेकिन इस बार SIR पर सवाल इसलिए उठे हैं क्योंकि विपक्ष का आरोप है कि यह प्रक्रिया जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की मूल भावना के खिलाफ इस्तेमाल की जा रही है।
SIR के नाम पर कुछ राज्यों में मतदाता सूची से लोगों के नाम हटाने या जोड़ने की प्रक्रिया को लेकर भेदभाव के आरोप सामने आए हैं। विपक्ष का दावा है कि यह सत्तारूढ़ दल को चुनावी लाभ पहुंचाने की मंशा से किया जा रहा है।
सरकार ने दिखाई शक्ति, NDA सांसदों को बुलाया
विपक्ष के प्रदर्शन के बीच, सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने भी अपनी ताकत दिखाने का प्रयास किया। बीजेपी ने अपने सभी सहयोगी दलों के सांसदों को सोमवार सुबह 10 बजे संसद के मकर द्वार पर पहुंचने का निर्देश दिया था।
संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा भी केंद्र में
सोमवार को संसद में केवल SIR पर विरोध ही नहीं बल्कि पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत के ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा भी प्रस्तावित है। लोकसभा की कार्यसूची में इस विषय को "भारत के सशक्त, सफल और निर्णायक 'ऑपरेशन सिंदूर' पर विशेष चर्चा" के रूप में शामिल किया गया है।