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डिंपल यादव पर विवादित टिप्पणी के बाद संसद में हंगामा, मणिपुर मुद्दे पर बीजेपी की चुप्पी पर उठे सवाल

डिंपल यादव पर विवादित टिप्पणी के बाद संसद में हंगामा, मणिपुर मुद्दे पर बीजेपी की चुप्पी पर उठे सवाल

सपा सांसद डिंपल यादव पर मौलाना साजिद रशीदी की आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद संसद में एनडीए सांसदों ने विरोध जताया। डिंपल ने मणिपुर की घटना पर भाजपा की चुप्पी पर सवाल खड़ा किया।

Dimple Yadav News: एक टीवी डिबेट के दौरान ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन (AIIA) के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद डिंपल यादव की मस्जिद में मौजूदगी और उनके पहनावे पर आपत्तिजनक टिप्पणी की। उनके बयान ने राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया को जन्म दिया। मौलाना ने यह टिप्पणी करते हुए डिंपल यादव की धार्मिक आस्थाओं और व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर सवाल खड़े किए।

एनडीए सांसदों का प्रदर्शन

इस विवादित बयान के विरोध में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के सांसदों ने संसद परिसर में जमकर विरोध प्रदर्शन किया। सांसदों ने मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए इसे महिलाओं के सम्मान के खिलाफ बताया। विरोध का यह स्वरूप भाजपा की ओर से महिला सांसदों के सम्मान के समर्थन के तौर पर प्रस्तुत किया गया।

डिंपल यादव ने क्या कहा?

इस पूरे घटनाक्रम पर सपा सांसद डिंपल यादव ने संयमित प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि मौलाना की टिप्पणी निंदनीय है, लेकिन भाजपा का विरोध प्रदर्शन राजनीति से प्रेरित लगता है। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि भाजपा महिलाओं के अधिकारों को लेकर इतनी ही संवेदनशील है, तो वह मणिपुर की घटना पर चुप क्यों है। डिंपल यादव ने स्पष्ट शब्दों में कहा, "बेहतर होता यदि भाजपा मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ हुई हिंसा पर आवाज उठाती।"

मणिपुर मुद्दे को लेकर भाजपा पर निशाना

डिंपल यादव ने अपने बयान में मणिपुर की उस घटना का जिक्र किया, जिसमें महिलाओं को नग्न घुमाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। उन्होंने कहा कि यह देश की महिलाओं के लिए शर्मनाक और दुखद घटना थी, लेकिन भाजपा ने इसे लेकर कोई ठोस विरोध या कार्रवाई नहीं की। डिंपल ने भाजपा सांसदों को नसीहत दी कि महिला सशक्तिकरण की बात केवल मंचों तक सीमित न रहे, बल्कि वास्तविक पीड़िताओं के साथ खड़ा होना ज़रूरी है।

राजनीतिक लाभ की कोशिश?

बताया जा रहा है कि, भाजपा ने इस प्रकरण को डिंपल यादव के खिलाफ मुद्दा बनाकर एक नैतिक आधार तैयार करने की कोशिश की है। हालांकि, विपक्ष का मानना है कि यह विरोध सिर्फ एक राजनीतिक रणनीति है, ताकि भाजपा महिलाओं के समर्थन में दिख सके और सपा को बैकफुट पर ला सके।

मौलाना रशीदी अपने बयान पर कायम

विवाद बढ़ने के बावजूद मौलाना साजिद रशीदी अपने बयान पर अडिग हैं। उन्होंने मीडिया से बातचीत में यह दावा किया कि उन्होंने किसी का अपमान नहीं किया बल्कि धार्मिक मर्यादा का उल्लंघन उठाया था। हालांकि, राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने उनके बयान की आलोचना की है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

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