डेंगू और मलेरिया के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली MCD ने हिंदू राव, स्वामी दयानंद और कस्तूरबा अस्पतालों को 'प्रहरी निगरानी केंद्र' घोषित किया है। इन अस्पतालों में 167 बेड, दवाइयां और डॉक्टरों की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
Delhi Health Alert: दिल्ली में बरसात के मौसम के साथ ही डेंगू, मलेरिया और अन्य मच्छरजनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली नगर निगम (MCD) ने स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए तीन प्रमुख अस्पतालों को 'प्रहरी निगरानी अस्पताल' घोषित किया है। ये कदम राजधानी में संभावित बीमारियों के प्रकोप से निपटने की रणनीति का अहम हिस्सा है।
कौन-कौन से अस्पताल बनाए गए प्रहरी निगरानी केंद्र
MCD ने हिंदू राव अस्पताल, स्वामी दयानंद अस्पताल और कस्तूरबा अस्पताल को विशेष रूप से डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मामलों की निगरानी और इलाज के लिए तैयार किया है। इन तीनों अस्पतालों में कुल 167 बिस्तर आरक्षित किए गए हैं। इनमें से 70 हिंदू राव, 22 स्वामी दयानंद और 75 कस्तूरबा अस्पताल में उपलब्ध होंगे।
24x7 मेडिकल सुविधाएं और संसाधनों की भरपूर व्यवस्था
इन अस्पतालों में चौबीसों घंटे डॉक्टरों, नर्सों और तकनीकी स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत चिकित्सा सेवा दी जा सके। इसके साथ ही दवाओं, प्लेटलेट्स और अंतःशिरा तरल पदार्थों की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है। MCD का उद्देश्य यह है कि डेंगू से जुड़े हर मरीज को समय पर और प्रभावी इलाज मिल सके।
स्वास्थ्य सेवाओं की बहु-आयामी तैयारी
स्थायी समिति की अध्यक्ष सत्या शर्मा ने बताया कि अस्पतालों में भर्ती से लेकर इलाज और रिकवरी तक की सभी सुविधाएं एक सुनियोजित प्रणाली के अंतर्गत संचालित की जा रही हैं। मरीजों की देखभाल में किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो, इसके लिए अस्पताल प्रशासन को सख्त निर्देश दिए गए हैं।
हैजा से भी सतर्क हुआ नगर निगम
सिर्फ डेंगू और मलेरिया ही नहीं, बल्कि MCD ने हैजा से निपटने के लिए भी कदम उठाए हैं। दिल्ली के कुछ क्षेत्रों में संदिग्ध पेयजल के कारण हैजा के मामले सामने आने लगे हैं। ऐसे इलाकों में MCD ने विशेष अभियान चलाकर तरल क्लोरीन और ORS (Oral Rehydration Solution) पैकेट वितरित करने शुरू कर दिए हैं। इसका मकसद संक्रमण और निर्जलीकरण को रोकना है।