महाराष्ट्र में मराठी भाषा को लेकर विवाद बढ़ गया है। MNS कार्यकर्ताओं ने दुकानदार और बिजनेसमैन पर हमला किया। मंत्री आशीष शेलार ने भाषा के नाम पर हिंसा की तुलना पहलगाम आतंकी हमले से की।
Maharashtra: महाराष्ट्र में मराठी भाषा को लेकर जारी विवाद अब राजनीतिक तकरार में बदल गया है। MNS कार्यकर्ताओं की हिंसक हरकतों पर राज्य के मंत्री आशीष शेलार ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जैसे पहलगाम में धर्म के नाम पर हमले हुए थे, वैसे ही महाराष्ट्र में भाषा के नाम पर हिंसा हो रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बीजेपी हर नागरिक की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, चाहे वह मराठी हो या गैर-मराठी।
मराठी भाषा के नाम पर बढ़ती हिंसा
महाराष्ट्र में मराठी भाषा को लेकर राजनीतिक तनाव एक बार फिर चर्चा में है। इस बार मुद्दा सिर्फ भाषाई पहचान का नहीं, बल्कि उसके नाम पर हो रही हिंसा और गुंडागर्दी का बन गया है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ताओं ने हाल ही में कुछ घटनाओं को अंजाम दिया है, जिन्होंने पूरे राज्य में चिंता का माहौल पैदा कर दिया है।
MNS कार्यकर्ताओं का हिंसक रवैया
राज ठाकरे की पार्टी MNS लंबे समय से महाराष्ट्र में मराठी भाषा और मराठी मानुष के अधिकारों को लेकर आक्रामक रवैया अपनाए हुए है। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें MNS कार्यकर्ताओं को एक दुकानदार को सिर्फ इसलिए थप्पड़ मारते देखा गया क्योंकि वह मराठी भाषा में बात नहीं कर रहा था। इसके बाद एक और घटना में प्रसिद्ध व्यवसायी सुशील केडिया के दफ्तर पर हमला किया गया।
बिजनेसमैन सुशील केडिया के खिलाफ हमला
सुशील केडिया ने ट्विटर पर एक पोस्ट में लिखा कि वह पिछले 30 वर्षों से महाराष्ट्र में रह रहे हैं, लेकिन मराठी भाषा नहीं सीख पाए हैं। उन्होंने राज ठाकरे को टैग करते हुए लिखा – "मैं मराठी नहीं सीखूंगा। बोलो क्या करना है?" इस बयान के बाद MNS कार्यकर्ता भड़क उठे और मुंबई स्थित उनके ऑफिस पर हमला कर दिया। ईंट-पत्थर फेंककर तोड़फोड़ की गई। इस हमले की चारों ओर निंदा हो रही है।
मंत्री आशीष शेलार का तीखा हमला
इन घटनाओं के बाद बीजेपी नेता और राज्य सरकार में मंत्री आशीष शेलार ने MNS के रवैये पर कड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि जिस तरह पहलगाम में आतंकियों ने धर्म के आधार पर लोगों को मारा था, उसी तरह महाराष्ट्र में अब भाषा के आधार पर लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह बेहद शर्मनाक है कि एक हिंदू दूसरे हिंदू को सिर्फ भाषा के नाम पर पीट रहा है और कुछ नेता इसे देखकर चुप हैं।
मराठी को राजनीतिक मुद्दा न बनाएं: शेलार
आशीष शेलार ने साफ कहा कि मराठी भाषा उनकी पार्टी के लिए कभी कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं रही है। बीजेपी राज्य की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में मराठी और गैर-मराठी दोनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाती है। उन्होंने सवाल किया कि क्या अब महाराष्ट्र में भाषा के आधार पर हिंसा को जायज ठहराया जाएगा।
'पहलगाम और महाराष्ट्र में समानता'
शेलार ने अपनी बात को और स्पष्ट करते हुए कहा कि पहलगाम में जब आतंकी हमला हुआ था, तो धर्म के आधार पर लोगों को पूछा गया और गोली मारी गई। अब महाराष्ट्र में भी वही तरीका अपनाया जा रहा है, फर्क सिर्फ इतना है कि यहां धर्म की जगह भाषा को आधार बनाया गया है। उन्होंने कहा – "यह बेहद दुखद है कि अब भाषा के नाम पर नफरत फैलाई जा रही है।"