गुजिया उत्तर भारत की एक पारंपरिक मिठाई है जो विशेष रूप से होली, दिवाली या त्योहारों पर बनाई जाती है। इसकी बाहरी परत कुरकुरी और भीतर की भरावन रसीली व स्वादिष्ट होती है। खासतौर से मावे से बनी गुजिया स्वाद, पौष्टिकता और परंपरा का सुंदर संगम होती है। मावा, ड्रायफ्रूट्स और इलायची के मिश्रण से तैयार यह मिठाई हर उम्र के लोगों को खूब भाती है।
सामग्री (5 लोगों के लिए)
आटे के लिए
- मैदा – 1 किलो
- घी – 2 बड़े चम्मच (मोयन के लिए)
- दूध – 1–2 गिलास (माढने के लिए)
भरावन के लिए
- मावा – 750 ग्राम
- किशमिश – 50 ग्राम
- काजू – 50 ग्राम (बारीक कटे हुए)
- बादाम – 50 ग्राम (बारीक कटे हुए)
- इलायची पाउडर – डेढ़ चम्मच
अन्य सामग्री
- मैदा + पानी का घोल (गुजिया चिपकाने के लिए)
- रुई और लकड़ी की तीली (घोल लगाने के लिए)
- तेल – लगभग 250 ग्राम (तलने के लिए)
बनाने की विधि
1. मैदा गूंथना
सबसे पहले एक बड़ी परात लें और उसमें मैदा छानकर डालें। अब 2 बड़े चम्मच घी गर्म करें और उसे मैदा में मिलाएँ (इसे ही ‘मोयन’ कहते हैं)। अब दूध की मदद से मैदे को टाइट गूंथ लें, जिससे वह ज्यादा नरम न हो। आटा गूंथने के बाद उसे गीले कपड़े से ढँककर 30 मिनट के लिए सैट होने दें।
2. मावे की भरावन तैयार करना
अब एक कढ़ाई लें और उसमें मावा डालकर मध्यम आँच पर सुनहरा होने तक भूनें। जैसे ही मावा भूनने लगे, उसमें कटे हुए काजू, बादाम, किशमिश और इलायची पाउडर मिलाएँ। सभी सामग्री को अच्छी तरह से मिक्स करें और हल्का भूरा रंग आते ही गैस बंद कर दें। मिश्रण को थोड़ा ठंडा होने दें।
3. गुजिया का आकार बनाना
गूंथे हुए आटे से छोटी-छोटी लोई बना लें। हर लोई को बेलन की मदद से पूड़ी के आकार में बेलें। एक पूड़ी लें और उसके बीच में 1–2 चम्मच मावे की भरावन रखें।
अब एक कटोरी में 1 चम्मच मैदा लें और थोड़ा पानी मिलाकर पतला घोल बना लें। लकड़ी की तीली के एक छोर पर रुई बाँधें, इस रुई को मैदा वाले घोल में डुबोकर पूड़ी के किनारों पर लगाएँ। फिर पूड़ी को आधे में मोड़कर किनारों को अच्छे से दबा दें, ताकि भरावन बाहर न निकले। चाहें तो गुजिया के किनारों को सांचे या हाथ से डिज़ाइन कर सकते हैं। इसी प्रकार सारी गुजिया तैयार कर लें।
4. गुजिया तलना
मावे की गुजिया उत्तर भारत की पारंपरिक मिठाई है, जो मावा, सूखे मेवे और इलायची से भरकर बनाई जाती है। यह कुरकुरी, स्वादिष्ट और त्योहारों पर घर में आसानी से तैयार की जा सकती है।
जरूरी टिप्स
- मावा ताज़ा और सूखा होना चाहिए। गीला मावा भरावन को बहा सकता है।
- आटा टाइट गूंथे, वरना गुजिया फट सकती है।
- यदि पहली बार बना रहे हैं, तो सांचे से बनाना आसान रहेगा।
- गुजिया को एयरटाइट कंटेनर में स्टोर करके 4–5 दिन तक इस्तेमाल कर सकते हैं।
मावे की गुजिया सिर्फ एक मिठाई नहीं, बल्कि भारतीय त्योहारों की परंपरा और स्वाद का प्रतीक है। घर पर बनाई गई गुजिया में शुद्धता, प्यार और उत्सव की मिठास छिपी होती है। इसे बनाना आसान है और इसका स्वाद सभी को खुशी से भर देता है।