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महाराष्ट्र में राज ठाकरे ने दी चेतावनी, कहा- 'हालात न सुधरे तो बंद कराएंगे स्कूल'

महाराष्ट्र में राज ठाकरे ने दी चेतावनी, कहा- 'हालात न सुधरे तो बंद कराएंगे स्कूल'

महाराष्ट्र में एक बार फिर भाषा विवाद ने तूल पकड़ लिया है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे ने राज्य सरकार को साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि अगर पहली कक्षा से हिंदी को अनिवार्य करने की कोशिश हुई, तो मनसे राज्यभर के स्कूल बंद कराने से पीछे नहीं हटेगी। शुक्रवार को मीरा-भायंदर में आयोजित एक जनसभा में उन्होंने ये तीखा बयान दिया।

राज ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में हिंदी थोपने की कोई भी कोशिश स्वीकार नहीं की जाएगी। उनका यह बयान त्रिभाषा नीति को लेकर बढ़ते विवाद के बीच आया है, जिसे लेकर राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।

मराठी को दबने नहीं देंगे

राज ठाकरे ने अपने भाषण में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर सीधा निशाना साधा और कहा कि मराठी भाषा और संस्कृति से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि त्रिभाषा नीति के बहाने हिंदी को प्राथमिक शिक्षा में जबरन थोपने की साजिश की जा रही है।

ठाकरे ने कहा, महाराष्ट्र की मातृभाषा मराठी है। अगर सरकार इसे दरकिनार कर हिंदी थोपेगी, तो हम आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि मनसे इससे पहले भी राज्य सरकार की ऐसी कोशिशों को रोक चुकी है और आगे भी ऐसा ही करेगी।

मुंबई को धीरे-धीरे गुजरात से जोड़ने की साजिश

राज ठाकरे ने हिंदी थोपने के प्रयासों को एक सोची-समझी साजिश करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह एक प्रयोग है, जिसके जरिए मुंबई को धीरे-धीरे गुजरात से जोड़ने की कोशिश की जा रही है। ठाकरे ने कहा, हिंदी महज 200 साल पुरानी भाषा है, जबकि मराठी का इतिहास 3,000 साल से भी पुराना है। मराठी का सम्मान करना महाराष्ट्र की पहचान का सम्मान करना है।

उन्होंने मुख्यमंत्री फडणवीस द्वारा गठित समिति पर भी तंज कसा और कहा कि ऐसी ही कोशिशों पर पहले भी MNS ने सरकार की दुकानें बंद कर दी थीं।

बीजेपी सांसद को चुनौती

राज ठाकरे ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के पटक-पटक के मारेंगे बयान पर पलटवार करते हुए कहा, दुबे तुम मुंबई आओ, डुबो-डुबो के मारेंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जब गुजरात में बिहारी प्रवासियों पर हमले होते हैं तो उन्हें मुद्दा नहीं बनाया जाता, लेकिन महाराष्ट्र में छोटी-छोटी घटनाओं को जानबूझकर तूल दिया जाता है।

ठाकरे की अपील

राज ठाकरे ने राज्य की जनता से अपील की कि वे मराठी में संवाद करें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ भाषा का सवाल नहीं, बल्कि राजनीतिक चेतना और क्षेत्रीय अस्मिता से जुड़ा विषय है।

इससे पहले राज्य सरकार के दो आदेश, जिनमें पहली कक्षा से हिंदी अनिवार्य करने की बात थी, विरोध के बाद वापस लिए जा चुके हैं। हालांकि मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा है कि त्रिभाषा नीति लागू होगी, लेकिन यह तय करना समिति का काम होगा कि इसे किस कक्षा से लागू किया जाएगा।

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