Stock news: कंपनी के शेयर में एक महीने में 9.67% की मजबूती दर्ज की गई है। अब इसकी सहायक कंपनी को NHAI से 1,199.30 करोड़ रुपये का नया प्रोजेक्ट भी हासिल हुआ है। जानिए पूरी जानकारी आगे विस्तार से।
इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की प्रमुख कंपनी सीगल इंडिया लिमिटेड को एक और बड़ी सफलता मिली है। कंपनी की सहायक इकाई सीगल नॉर्दर्न अयोध्या बाईपास प्राइवेट लिमिटेड को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी एनएचएआई से 1,199.30 करोड़ रुपये की सड़क परियोजना का ठेका मिला है। इस प्रोजेक्ट में उत्तर प्रदेश में 35.40 किलोमीटर लंबी चार और छह लेन की सड़क का निर्माण किया जाएगा, जो अयोध्या के उत्तरी हिस्से में बाईपास का हिस्सा होगी।
एनएचएआई ने परियोजना की नियत तिथि 9 जुलाई तय की।
कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी में बताया कि एनएचएआई ने 9 जुलाई 2025 को इस प्रोजेक्ट के लिए 'डेट ऑफ एपॉइंटमेंट' यानी नियत तिथि तय की है। इसका मतलब है कि इसी तारीख से प्रोजेक्ट पर आधिकारिक रूप से काम शुरू माना जाएगा। यह प्रोजेक्ट एनएचडीपी (नेशनल हाईवे डेवलपमेंट प्रोग्राम) के चरण-VII के अंतर्गत हाइब्रिड एन्युटी मोड में लागू किया जाएगा।
मार्च में भी मिला था बड़ा ठेका
इससे पहले इसी साल मार्च 2025 में भी सीगल इंडिया को एक बड़ा प्रोजेक्ट मिला था। कंपनी ने जानकारी दी थी कि उसे एनएचएआई से ग्रीनफील्ड दक्षिणी लुधियाना बाईपास के निर्माण के लिए लेटर ऑफ अवॉर्ड प्राप्त हुआ है। यह प्रोजेक्ट पंजाब में लुधियाना-अजमेर आर्थिक गलियारे का हिस्सा है।
लुधियाना प्रोजेक्ट की भी बड़ी लागत
लुधियाना बाईपास के इस प्रोजेक्ट में कुल 25.24 किलोमीटर की लंबाई तय की गई है। इसका निर्माण राजगढ़ गांव से लेकर बल्लोवाल गांव तक किया जाना है, जो NH-44 से दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे (NE-5) तक फैला होगा। इस प्रोजेक्ट का अनुमानित खर्च 864.97 करोड़ रुपये आंका गया था, जबकि लेटर ऑफ अवॉर्ड के अनुसार कुल बोली लागत 1,063.79 करोड़ रुपये बताई गई थी। कंपनी ने यह ठेका 923 करोड़ रुपये की बोली लगाकर हासिल किया था और इसे 24 महीनों के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था।
शेयर बाजार में दिखा असर, एक महीने में 9.67 फीसदी की बढ़त
सीगल इंडिया को लगातार मिल रहे बड़े प्रोजेक्ट्स का असर उसके शेयर पर भी साफ नजर आ रहा है। बीएसई पर मंगलवार को कंपनी के शेयर में 7.02 फीसदी की तेज़ी दर्ज की गई और यह ₹271.45 पर बंद हुआ। एनएसई पर भी यह शेयर 7.20 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुआ।
पिछले 5 दिनों में कंपनी के शेयर में 7.47 फीसदी का इजाफा हुआ है, जबकि पिछले 1 महीने में यह 9.67 फीसदी ऊपर चढ़ चुका है। यह बढ़त ऐसे समय में आई है जब इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में प्रतिस्पर्धा लगातार तेज़ हो रही है और कंपनियों को बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए बोली में मजबूत रणनीति अपनानी पड़ रही है।
6 महीने में गिरावट के बावजूद निवेशकों का भरोसा बरकरार
हालांकि, अगर पिछले 6 महीनों के आंकड़ों पर नजर डालें, तो इस दौरान सीगल इंडिया के शेयर में करीब 20.98 फीसदी की गिरावट आई है। बावजूद इसके, कंपनी को लगातार मिल रहे सरकारी ठेके और प्रोजेक्ट्स से निवेशकों का भरोसा बना हुआ है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर कंपनी इन प्रोजेक्ट्स को तय समयसीमा में गुणवत्ता के साथ पूरा करती है, तो आने वाले समय में यह उसकी ब्रांड वैल्यू और ऑर्डर बुक दोनों को मजबूत कर सकता है।
हाइब्रिड एन्युटी मोड में मिल रहे ठेके से मिल रहा फायदा
सीगल इंडिया को जो प्रोजेक्ट मिल रहे हैं, वे हाइब्रिड एन्युटी मोड के तहत आते हैं। इस मॉडल में सरकार और निजी कंपनियों के बीच जोखिम को बांट दिया जाता है। इसमें कंपनी को निर्माण के दौरान 40 फीसदी रकम सरकार देती है, जबकि बाकी रकम कंपनी निवेश करके वसूली करती है।
इस मॉडल में कंपनियों को वित्तीय रूप से थोड़ा जोखिम उठाना पड़ता है, लेकिन बड़े और दीर्घकालिक प्रोजेक्ट्स के लिए यह फायदेमंद माना जाता है। सीगल इंडिया ने इस मॉडल को अपनाकर अपनी मौजूदगी को राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण में और मजबूत कर लिया है।
प्रोजेक्ट्स से कंपनी की ऑर्डर बुक हो रही मजबूत
सीगल इंडिया की ऑर्डर बुक इन नए प्रोजेक्ट्स के बाद और ज्यादा मजबूत हो गई है। कंपनी लगातार उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में सड़क परियोजनाएं संभाल रही है, जिसमें हाईवे, बाईपास और ग्रीनफील्ड कॉरिडोर शामिल हैं।
अयोध्या और लुधियाना जैसे धार्मिक और औद्योगिक क्षेत्रों में कंपनी की भागीदारी उसके अनुभव और तकनीकी कौशल को दर्शाती है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह बात भविष्य में कंपनी के लिए और प्रोजेक्ट्स हासिल करने में मददगार साबित हो सकती है।