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मलेरिया का खतरा बढ़ा, जानिए शुरुआती लक्षण और बचाव के आसान तरीके

मलेरिया का खतरा बढ़ा, जानिए शुरुआती लक्षण और बचाव के आसान तरीके

बरसात के मौसम में मलेरिया का खतरा बढ़ जाता है। शुरुआती लक्षणों में तेज बुखार, ठंड लगना, सिर दर्द, थकान और उल्टी शामिल हैं। समय पर इलाज न मिलने पर यह गंभीर रूप ले सकता है। बचाव के लिए पानी जमा न होने दें, मच्छरदानी व रिपेलेंट का इस्तेमाल करें, पूरी बाजू के कपड़े पहनें और नियमित खून की जांच कराएं।

Malaria early symptoms: दिल्ली में इस साल अब तक मलेरिया के 264 मामले सामने आए हैं, जो पिछले पांच साल में सबसे अधिक हैं। आरएमएल हॉस्पिटल के डॉ. सुभाष गिरी के अनुसार मलेरिया के शुरुआती लक्षण आम बुखार जैसे होते हैं, जिसमें अचानक तेज बुखार, ठंड लगना, सिर दर्द, थकान, पसीना आना और मांसपेशियों में दर्द शामिल हैं। मच्छरों के काटने से फैलने वाली यह बीमारी समय पर इलाज न मिलने पर लीवर, किडनी और रक्त प्लेटलेट्स को प्रभावित कर गंभीर हो सकती है। बचाव के लिए घर और आस-पास पानी जमा न होने दें, मच्छरदानी और रिपेलेंट का इस्तेमाल करें और नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं।

मलेरिया कैसे फैलता है

मलेरिया एक संक्रामक बीमारी है, जो एनाफिलीज़ मच्छर के काटने से फैलती है। जब मच्छर किसी संक्रमित व्यक्ति को काटता है और फिर दूसरे व्यक्ति को काटता है, तो प्लास्मोडियम पैरासाइट खून में प्रवेश कर जाता है। यह पैरासाइट रेड ब्लड सेल्स को प्रभावित करता है। इसके कारण मरीज को बार-बार बुखार, कमजोरी और थकान जैसी समस्याएं होती हैं। गंभीर मामलों में यह लीवर, किडनी और प्लेटलेट्स को प्रभावित कर सकता है। बच्चों और गर्भवती महिलाओं में मलेरिया एनीमिया और समय से पहले डिलीवरी जैसी गंभीर परेशानियां पैदा कर सकता है।

मलेरिया के शुरुआती लक्षण

आरएमएल हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग में यूनिट हेड डॉ. सुभाष गिरी के अनुसार मलेरिया के शुरुआती लक्षण अक्सर सामान्य बुखार की तरह दिखाई देते हैं। मरीज को ठंड लगना, अचानक तेज बुखार, सिर दर्द और थकान महसूस होती है। इसके अलावा पसीना आना, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, भूख कम लगना, उल्टी या मतली भी शुरुआती लक्षण हो सकते हैं।

बच्चों में संक्रमण चिड़चिड़ापन और कमजोरी के रूप में दिखाई देता है। यदि संक्रमण बढ़ता है तो बुखार बार-बार आता-जाता रहता है और शरीर का तापमान अचानक बहुत बढ़ सकता है। गंभीर मामलों में सांस लेने में कठिनाई, पीलिया और खून की कमी जैसी स्थितियां भी उत्पन्न हो सकती हैं। बरसात के मौसम में लगातार बुखार और कमजोरी महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना बेहद जरूरी है।

मलेरिया से बचाव के उपाय

मलेरिया से बचाव के लिए घर और आसपास पानी जमा न होने दें। मच्छरों के प्रजनन स्थल जैसे कूलर, टब, बर्तन और गटर नियमित रूप से साफ करें। सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें और त्वचा पर मच्छर भगाने वाले रिपेलेंट लगाएं। बाहर जाते समय पूरी बाजू के कपड़े पहनें। दरवाजों और खिड़कियों पर जाली लगाएं ताकि मच्छर अंदर न आ सकें। समय-समय पर खून की जांच कराते रहें, ताकि बीमारी का समय रहते पता चल सके।

गंभीर मलेरिया के खतरे

मलेरिया सिर्फ बुखार ही नहीं बल्कि शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर सकता है। यह इम्यून सिस्टम को कमजोर करता है, जिससे बार-बार थकान और कमजोरी महसूस होती है। तेज बुखार से डिहाइड्रेशन और प्लेटलेट्स की कमी हो सकती है। यदि संक्रमण दिमाग तक पहुंच जाए तो सेरेब्रल मलेरिया जैसी जानलेवा स्थिति बन सकती है। इसलिए मलेरिया को हल्के में लेना खतरनाक साबित हो सकता है।

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