7 जून 2025 को मंगल देवता सिंह राशि में प्रवेश कर रहे हैं। यह गोचर केवल एक खगोलीय घटना नहीं, बल्कि हमारे जीवन के कर्म और ऊर्जा में विशेष परिवर्तन लाने वाला है। सिंह, अग्नि तत्व की राशि है और सूर्य इसकी अधिपति है। जब मंगल जैसे ऊर्जावान ग्रह इस राशि में प्रवेश करते हैं, तो हमारे साहस, आत्म-विश्वास, क्रोध और निर्णय लेने की क्षमता पर गहरा प्रभाव डालते हैं।
कुंभ राशि: संबंधों और कर्मक्षेत्र में आत्म-चिंतन का समय
कुंभ राशि के लिए यह गोचर सप्तम भाव को प्रभावित करेगा, जो विवाह, साझेदारी और सामाजिक संबंधों का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में इस अवधि में रिश्तों को लेकर गंभीर सोच-विचार और भावनात्मक परिपक्वता की आवश्यकता होगी।
मुख्य प्रभाव
- वैवाहिक या प्रेम संबंधों में उतार-चढ़ाव संभव है।
- व्यापारिक साझेदारियों में नए प्रस्ताव आएंगे, पर निर्णय सोच-समझकर लें।
- करियर में साहसिक निर्णय होंगे, लेकिन अहंकार से बचें।
- मंगल की दृष्टि दसवें भाव पर है, इसलिए नौकरी या व्यवसाय में आत्म-प्रदर्शन बढ़ेगा।
धार्मिक उपाय
- हर मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें और श्रीराम का ध्यान करें।
- 'ॐ भौमाय नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें।
- किसी ब्राह्मण या साधु को लाल वस्त्र या मसूर दाल का दान करें।
- जीवनसाथी या सहयोगियों से विवाद टालें, और प्रेमपूर्वक संवाद करें।
इस गोचर में कुंभ जातकों के लिए यह समय आत्म-मूल्यांकन और संतुलन साधने का है। यदि आपने पहले से ही रिश्तों में मेहनत की है, तो यह समय उन्हें और मजबूत करेगा। वहीं यदि तनाव पहले से है, तो अहंकार से दूर रहना ही श्रेयस्कर रहेगा।
मीन राशि: स्वास्थ्य और आत्म-जागरण की घड़ी
मीन राशि वालों के लिए मंगल छठे भाव में गोचर कर रहे हैं। यह भाव रोग, शत्रु, ऋण और प्रतिस्पर्धा से जुड़ा होता है। इसका अर्थ है कि यह समय आपको अनुशासन, स्वास्थ्य और आंतरिक बल पर ध्यान देने की प्रेरणा देगा।
मुख्य प्रभाव
- स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहें, विशेष रूप से थकान, सूजन या पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
- कार्यस्थल पर प्रतिस्पर्धा रहेगी, लेकिन आप अपनी मेहनत से आगे निकल सकते हैं।
- अंदरूनी बेचैनी रह सकती है, लेकिन यह आत्म-शुद्धिकरण का संकेत भी हो सकता है।
- आध्यात्मिक रुझान बढ़ेगा, आप किसी साधना या तपस्या की ओर आकर्षित हो सकते हैं।
धार्मिक उपाय
- मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी के मंदिर जाकर सिंदूर अर्पित करें।
- प्रतिदिन 'अंगारक स्तोत्र' का पाठ करें, यह मंगल दोष से रक्षा करता है।
- प्रतिदिन सुबह सूर्य को जल अर्पित करें और 'ॐ सूर्याय नमः' का जाप करें।
- शत्रु बाधा या कोर्ट-कचहरी से परेशान हैं तो 'बगलामुखी स्तोत्र' का पाठ करें।
यह गोचर मीन राशि के जातकों के लिए एक आध्यात्मिक उठान का समय है। जीवन में अनुशासन लाना, पुराने कर्जों या मानसिक बोझ से मुक्त होना और आत्म-बल को जागृत करना इस अवधि के प्रमुख संदेश हैं। शत्रु चाहे बाहरी हों या आंतरिक—उनसे जीतने का यह सही समय है।
धार्मिक परिप्रेक्ष्य में मंगल गोचर का महत्व
भारतीय वैदिक संस्कृति में मंगलदेव को सेनापति माना गया है—जो धर्म की रक्षा के लिए संघर्ष करते हैं। जब मंगल किसी अग्नि राशि में प्रवेश करता है, विशेषकर सूर्य की राशि सिंह में, तो यह केवल बाहरी नहीं बल्कि भीतरी संघर्ष और विजय का प्रतीक बन जाता है। यह आत्मा को बलवान बनाता है, जिससे व्यक्ति कठिन परिस्थितियों में भी धर्म, संयम और कर्तव्य के पथ पर बना रहता है।
सामान्य उपाय सभी राशियों के लिए
- मंगलवार को व्रत रखें – विशेषकर नमक रहित भोजन करें।
- लाल चंदन का तिलक करें – यह मस्तिष्क को शांत रखता है और मंगल को प्रसन्न करता है।
- मंगल बीज मंत्र का जाप करें – 'ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः' प्रतिदिन 108 बार जाप करें।
- चमेली का तेल चढ़ाएं – हनुमान जी को मंगलवार के दिन चमेली का तेल और सिंदूर अर्पित करें।
7 जून 2025 को होने वाला मंगल गोचर मीन और कुंभ राशि के जातकों के जीवन में विशेष अध्यात्मिक और सांसारिक बदलाव लेकर आ सकता है। एक ओर जहां कुंभ राशि वालों को संबंधों और करियर में सतर्कता रखनी होगी, वहीं मीन राशि के लिए यह आत्म-सुधार और स्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण होगा। धर्म, ध्यान और अनुशासन के माध्यम से इस परिवर्तनशील समय को सफलता में बदला जा सकता है। मंगलदेव की कृपा से यह गोचर आपके जीवन में नई रोशनी और शक्ति का संचार करे—इसी शुभकामना के साथ।