नेपाल में राजनीतिक संकट के बीच पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की अंतरिम सरकार की प्रमुख बन रही हैं। सत्ता संभालने से पहले उन्होंने मोदी जी को नमस्कार कहा और भारत की मदद की सराहना की। जनता में नई उम्मीद जगी है।
Nepal Gen-Z Protests: नेपाल हाल के दिनों में गहरे राजनीतिक संकट और Gen-Z आंदोलन से जूझ रहा है। प्रदर्शनों में अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है और 1000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। बढ़ते दबाव के बीच प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया। ऐसे माहौल में नेपाल की कमान पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को सौंपी जा रही है।
मोदी जी के लिए सम्मान और भारत की सराहना
सुशीला कार्की ने अंतरिम सरकार संभालने से पहले भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खुलकर सराहना की। उन्होंने कहा कि मैं मोदी जी को नमस्कार करती हूं। मुझ पर मोदी जी का अच्छा प्रभाव है और मैं उनकी कार्यशैली से प्रभावित हूं। कार्की ने यह भी कहा कि नेपाल और भारत के रिश्ते ऐतिहासिक हैं और भारत ने हमेशा मुश्किल समय में नेपाल की मदद की है।
प्रदर्शनकारियों के परिवारों के लिए प्राथमिकता
कार्की ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता उन परिवारों के लिए काम करना होगा जिन्होंने हाल के प्रदर्शनों में अपनों को खोया है। उन्होंने साफ किया कि नेपाल की नई सरकार सबसे पहले उन शहीदों के परिवारों को सम्मान देगी और उनके लिए ठोस कदम उठाएगी।
भारत-नेपाल संबंधों की अहमियत
कार्की ने भारत के सहयोग को नेपाल के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि भारत का सम्मान करती हूं और उनसे प्यार करती हूं। भारत ने हमेशा नेपाल की मदद की है और आगे भी दोनों देशों के रिश्ते और मजबूत होंगे।
सुशीला कार्की ने माना कि नेपाल का राजनीतिक इतिहास अस्थिरता से भरा रहा है। संविधान निर्माण से लेकर लगातार बदलती सरकारों तक, जनता को स्थिर नेतृत्व नहीं मिल पाया। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात कठिन हैं लेकिन अब यह नई शुरुआत का समय है।
सुशीला कार्की का न्यायिक सफर
1955 में जन्मीं सुशीला कार्की ने कानून की पढ़ाई के बाद न्यायिक सेवा में लंबा सफर तय किया। वह 2016 में नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस बनीं। उनके कार्यकाल को न्यायिक सुधारों और लैंगिक समानता के लिए याद किया जाता है। हालांकि 2017 में उन पर सरकार के कामकाज में दखल का आरोप लगाकर संसद में महाभियोग लाया गया। इसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया लेकिन उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और रिटायरमेंट से ठीक पहले कोर्ट ने उनके पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाया।