मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक में एलपीजी सब्सिडी, उज्ज्वला योजना, शिक्षा और पूर्वोत्तर विकास से जुड़े ₹52,667 करोड़ के पैकेज को मंजूरी मिली। तेल कंपनियों को ₹30,000 करोड़ की भरपाई दी जाएगी।
Cabinet Meeting: केंद्र सरकार ने शुक्रवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में 52,667 करोड़ रुपये के बड़े आर्थिक पैकेज को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में LPG उपभोक्ताओं से लेकर शिक्षा और बुनियादी ढांचे तक को लेकर कई अहम फैसले लिए गए।
घरेलू LPG को सस्ता करने के लिए बड़ा कदम
सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत 12,060 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इस राशि का उद्देश्य गरीब और निम्न आय वर्ग के लोगों को रसोई गैस की सुविधा सस्ती और सुगम बनाना है। इसके अलावा, घरेलू रसोई गैस की कीमतों को स्थिर बनाए रखने और तेल कंपनियों को हुए घाटे की भरपाई के लिए 30,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई है।
तीन प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों - इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) को यह मुआवजा मिलेगा। इन कंपनियों ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती LPG कीमतों के बावजूद उपभोक्ताओं पर बोझ नहीं बढ़ाया और नियंत्रित मूल्य पर गैस सिलेंडर की आपूर्ति जारी रखी।
12 किश्तों में मिलेगा मुआवजा
यह सब्सिडी पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के माध्यम से 12 किश्तों में वितरित की जाएगी। सरकार का मानना है कि यह वित्तीय सहायता तेल कंपनियों को कच्चे तेल और गैस की खरीद, ऋण चुकाने और आवश्यक पूंजीगत खर्च पूरा करने में मदद करेगी। इससे देशभर में रसोई गैस की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी।
शिक्षा क्षेत्र के लिए 4,200 करोड़ का पैकेज
कैबिनेट ने शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए भी बड़ा फैसला लिया है। तकनीकी संस्थानों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए सरकार ने 4,200 करोड़ रुपये का पैकेज स्वीकृत किया है। इसका उद्देश्य इंजीनियरिंग और तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाना और आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराना है।
पूर्वोत्तर राज्यों के लिए विशेष विकास पैकेज
पूर्वोत्तर भारत के विकास पर जोर देते हुए असम और त्रिपुरा के लिए 4,250 करोड़ रुपये के विशेष विकास पैकेज की मंजूरी दी गई है। इस राशि से बुनियादी ढांचा, परिवहन, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों में विशेष परियोजनाएं चलाई जाएंगी। यह कदम सरकार की 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' नीति को मजबूती देगा।
दक्षिण भारत में बेहतर सड़क संपर्क
दक्षिण भारत में सड़क संपर्क को सुदृढ़ करने के लिए मरक्कनम-पुडुचेरी फोर लेन हाईवे परियोजना को 2,157 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। यह परियोजना न केवल परिवहन को आसान बनाएगी, बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी गति देगी।