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Mumbai: महाराष्ट्र में अजित पवार-आईपीएस अंजना कृष्णा वीडियो वायरल, NCP और BJP ने दी प्रतिक्रिया

Mumbai: महाराष्ट्र में अजित पवार-आईपीएस अंजना कृष्णा वीडियो वायरल, NCP और BJP ने दी प्रतिक्रिया

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार का वीडियो वायरल, जिसमें वे आईपीएस अंजना कृष्णा को फटकारते दिख रहे हैं। NCP ने सफाई दी, कहा कार्रवाई रोकना उद्देश्य नहीं। BJP ने भी वीडियो पर प्रतिक्रिया दी। 

Mumbai: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और NCP नेता अजित पवार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में वे कथित तौर पर आईपीएस अधिकारी अंजना कृष्णा को फटकारते हुए दिख रहे हैं। इस वीडियो को लेकर राजनीतिक गलियारे में चर्चा तेज हो गई है। BJP और अन्य विपक्षी दलों ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है।

चंद्रशेखर बावनकुले का स्पष्टीकरण

महाराष्ट्र के मंत्री और BJP नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि वीडियो में जो दिख रहा है, वह पूरी सच्चाई नहीं है। उनके अनुसार, कभी-कभी जनप्रतिनिधियों, विधायकों और मंत्रियों के पास शिकायतें आती हैं और अधिकारियों के साथ बातचीत होती है।

बावनकुले ने स्पष्ट किया कि अजित पवार किसी अधिकारी को अवैध काम के लिए फटकारने वाले नेता नहीं हैं। उनका उद्देश्य केवल शिकायतकर्ता की चिंता को समझना और मामला शांत करना था।

वीडियो में क्या देखा गया

वीडियो में आईपीएस अंजना कृष्णा सोलापुर जिले में अवैध मुर्रम खनन के खिलाफ कार्रवाई कर रही हैं। वीडियो में एक NCP कार्यकर्ता पवार को फोन करता है। इसके बाद पवार वीडियो कॉल के जरिए अंजना कृष्णा से बात करते हैं।

वीडियो में पवार कथित तौर पर कार्रवाई को लेकर सवाल उठाते हुए दिख रहे हैं। NCP का दावा है कि यह वीडियो जानबूझकर लीक किया गया ताकि पार्टी और पवार की छवि को नुकसान पहुंचाया जा सके।

NCP का पक्ष

NCP प्रदेश अध्यक्ष सुनील टटकरे ने कहा कि पवार का मकसद अधिकारी को कार्रवाई रोकने का नहीं था। उनका उद्देश्य पार्टी कार्यकर्ताओं को शांत करना था।
टटकरे ने आरोप लगाया कि वीडियो को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से पेश किया गया, जिससे राजनीतिक माहौल और जनता की भावनाओं पर असर पड़ा है।

आईपीएस अंजना कृष्णा का कार्य

अंजना कृष्णा सोलापुर जिले में अवैध खनन और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही हैं। उनके काम में कई बार राजनीतिक दबाव भी देखने को मिला है। वीडियो में दिखाई गई बातचीत में स्पष्ट नहीं है कि पवार ने कोई अवैध आदेश दिया या नहीं।

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