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मुस्लिम औरतों पर भड़के मौलाना इसहाक गोरा, कहा- 'मेले में देर रात तक...'

मुस्लिम औरतों पर भड़के मौलाना इसहाक गोरा, कहा- 'मेले में देर रात तक...'

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हर साल आयोजित होने वाले गुघाल मेले में मुस्लिम महिलाओं और युवाओं की भागीदारी को लेकर प्रसिद्ध देवबंदी उलेमा और जमीयत दावतुल मुस्लिमीन के संरक्षक मौलाना कारी इसहाक गोरा ने चिंता जताई है। 

सहारनपुर: प्रसिद्ध देवबंदी उलेमा और जमीयत दावतुल मुस्लिमीन के संरक्षक मौलाना कारी इसहाक गोरा ने सहारनपुर में हर साल आयोजित होने वाले गुघाल मेले में मुस्लिमों के शामिल होने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने एक वीडियो जारी कर इस मेले में मुस्लिम युवकों और महिलाओं की हिस्सेदारी पर नाराजगी व्यक्त की और इसे इस्लामी उसूलों के खिलाफ बताया।

मौलाना इसहाक गोरा ने कहा कि हमारे शहर में हर साल एक मेला लगता है, जिसमें तरह-तरह के कार्यक्रम होते हैं और यह पूरी रात चलता है। लेकिन दुख की बात यह है कि इस मेले की रौनक में मुसलमान सबसे आगे दिखाई देते हैं, जो उनके अनुसार उचित नहीं है।

मेले में देर रात तक रहने पर आपत्ति

मौलाना इसहाक गोरा ने कहा कि सहारनपुर में आयोजित यह मेला हर साल लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनता है। मेले में तरह-तरह के कार्यक्रम पूरे रात चले जाते हैं। मौलाना ने इस पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि अफसोस की बात यह है कि इस मेले में मुस्लिम युवाओं की बड़ी संख्या शामिल होती है, और वे पूरी रात वहीं गुजार देते हैं।

उन्होंने सवाल उठाया, क्या यह हमारी इस्लामी तहज़ीब है? क्या यह हमारे धार्मिक और सांस्कृतिक उसूलों के अनुसार है? अल्लाह ने हमें रात आराम के लिए दी है या इबादत के लिए?" मौलाना के अनुसार, इस तरह की गतिविधियां युवा पीढ़ी के लिए हानिकारक और भ्रमित करने वाली हो सकती हैं।

मुस्लिम महिलाओं को लेकर विशेष चिंता

मौलाना ने मेले में जाने वाली मुस्लिम महिलाओं पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुखद है कि हमारे समाज की महिलाएं देर रात तक ऐसे मेलों में रहती हैं। उनका यह व्यवहार उनकी इज्जत और सुरक्षा के खिलाफ है। मौलाना ने जोर देकर कहा कि इस्लाम ने महिलाओं की इज्जत और हिफाजत को अत्यधिक महत्व दिया है, और हमें अपने समाज की महिलाओं को ऐसे वातावरण से बचाना चाहिए।

मौलाना ने कहा कि मेले में रातभर कार्यक्रमों के कारण संतानों और महिलाओं को इस्लामी तालीमात और नमाज का ध्यान नहीं रहता, जो कि हमारी संस्कृति और धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप नहीं है।

मौलाना इसहाक गोरा ने मुसलमानों से अपील की कि हमें अपनी इस्लाह करनी होगी। उन्होंने कहा कि माता-पिता को अपनी औलाद और महिलाओं को ऐसे मेलों और रात की ग़फ़लत से बचाना चाहिए। उनका मानना है कि यदि हम अपनी जिन्दगी को नमाज, कुरान और इस्लामी तालीमात के अनुसार बनाएंगे, तभी हमारी असली सफलता संभव है।

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