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National Working Mom's Day 2025: राष्ट्रीय कामकाजी माँ दिवस पर मनाए संतुलन, समर्पण और सफलता का जश्न

National Working Mom's Day 2025: राष्ट्रीय कामकाजी माँ दिवस पर मनाए संतुलन, समर्पण और सफलता का जश्न
अंतिम अपडेट: 12-03-2025

हर साल 12 मार्च को राष्ट्रीय कामकाजी माँ दिवस मनाया जाता है, जो उन माताओं को समर्पित है जो परिवार और करियर दोनों में संतुलन बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयासरत रहती हैं। चाहे वे अपने घरों को संभाल रही हों, किसी कंपनी का नेतृत्व कर रही हों या अपने छोटे व्यवसायों को बढ़ा रही हों, कामकाजी माताएँ समाज की रीढ़ हैं। यह दिन उनकी मेहनत, संघर्ष और सफलता का जश्न मनाने का अवसर है।

कामकाजी माँ: शक्ति और समर्पण की मिसाल

आज के दौर में महिलाएँ सिर्फ़ घर की जिम्मेदारियों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे कॉर्पोरेट जगत, व्यापार, चिकित्सा, विज्ञान, शिक्षा और राजनीति जैसे क्षेत्रों में भी अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। कामकाजी माताएँ केवल अपने परिवार का भरण-पोषण ही नहीं करतीं, बल्कि समाज और अर्थव्यवस्था के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।

राष्ट्रीय कामकाजी माँ दिवस को पहली बार 2020 में वर्किंग मॉम्स ऑफ मिल्वौकी (WMM) की संस्थापक सुज़ाना लागो ने शुरू किया था। इस दिन का उद्देश्य उन माताओं की सराहना करना है, जो अपने परिवार और करियर के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए दिन-रात मेहनत करती हैं।

कामकाजी माताओं के संघर्ष और सफलता की कहानी

कामकाजी माताओं के सामने कई चुनौतियाँ होती हैं—टाइम मैनेजमेंट, बच्चों की देखभाल, ऑफिस की ज़िम्मेदारियाँ, और सामाजिक अपेक्षाएँ। लेकिन वे इन सभी बाधाओं को पार करके सफलता की नई इबारत लिख रही हैं। कई माँएँ मल्टीटास्किंग में माहिर होती हैं। वे एक ही समय में मीटिंग्स भी अटेंड करती हैं और बच्चों की ऑनलाइन क्लासेज की निगरानी भी करती हैं। 

भारत की इंदिरा नूई (पूर्व पेप्सिको सीईओ), किरण मजूमदार-शॉ (बायोकॉन की संस्थापक) जैसी कई महिलाएँ प्रेरणादायक उदाहरण हैं, जिन्होंने मातृत्व और करियर में बेहतरीन संतुलन स्थापित किया है।

कैसे मनाएँ राष्ट्रीय कामकाजी माँ दिवस?

* कामकाजी माँ के स्वामित्व वाले छोटे व्यवसायों को सपोर्ट करें
* उनकी मेहनत की सराहना करें और धन्यवाद नोट दें
* शाम के भोजन की जिम्मेदारी खुद लें, जिससे वे रिलैक्स कर सकें
* कामकाजी माताओं को खुद के लिए समय निकालने के लिए प्रेरित करें

कामकाजी माँ होने के लिए ज़रूरी स्किल्स 

* टाइम मैनेजमेंट: ऑफिस और घर के कामों में तालमेल बैठाना
* कम्युनिकेशन स्किल्स: परिवार और कार्यस्थल के बीच सही समन्वय बनाए रखना
* मल्टीटास्किंग: कई कामों को एक साथ करने की क्षमता

एक नए युग की शुरुआत

आज की महिलाएँ घर और ऑफिस दोनों में अपनी अलग पहचान बना रही हैं। वे केवल परिवार की देखभाल तक सीमित नहीं हैं, बल्कि समाज और देश की प्रगति में भी योगदान दे रही हैं। राष्ट्रीय कामकाजी माँ दिवस न सिर्फ़ एक उत्सव है, बल्कि एक प्रेरणा भी है, जो हमें याद दिलाता है कि एक माँ की मेहनत और संघर्ष को मान्यता देना कितना ज़रूरी है। तो इस बार 12 मार्च को, अपनी ज़िंदगी में मौजूद कामकाजी माँ के लिए कुछ खास करें, क्योंकि वे हर दिन हमारे लिए खास बनाती हैं।

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