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NEET 2025 Result: MBBS नहीं मिला? जानें टॉप मेडिकल करियर

NEET 2025 Result: MBBS नहीं मिला? जानें टॉप मेडिकल करियर

NEET UG 2025 का रिजल्ट जारी हो चुका है और लाखों छात्रों के सपनों की परीक्षा का परिणाम सामने आ गया है। 

NEET UG 2025: NEET UG का रिजल्ट घोषित हो चुका है और देशभर के लाखों छात्र-छात्राएं इस परीक्षा में अपने भविष्य को लेकर गंभीर उम्मीदों के साथ शामिल हुए थे। हर साल की तरह इस बार भी प्रतिस्पर्धा काफी तीव्र रही है, और सीमित सीटों की वजह से अनेक छात्रों को MBBS की सीट नहीं मिल पाई। अगर आप भी उनमें से हैं, जिन्हें MBBS या BDS नहीं मिला, तो निराश होने की कोई जरूरत नहीं है। मेडिकल फील्ड में MBBS के अलावा भी ऐसे कई विकल्प मौजूद हैं जो न सिर्फ करियर की दृष्टि से मजबूत हैं, बल्कि समाज में सम्मान और स्थायित्व भी प्रदान करते हैं।

नीट पास करने के बाद अगर मनचाही सीट न मिले तो करियर खत्म नहीं होता। आइए जानते हैं कुछ ऐसे प्रमुख विकल्प जो मेडिकल और हेल्थकेयर सेक्टर में एक उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाते हैं।

बीएससी नर्सिंग: सेवा का आदर्श रास्ता

अगर आपकी रुचि मरीजों की सेवा, अस्पताल में काम करने और समाज में बदलाव लाने में है, तो बीएससी नर्सिंग आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है। यह चार साल का स्नातक कोर्स है जिसमें छात्रों को हॉस्पिटल मैनेजमेंट, पब्लिक हेल्थ, क्लीनिकल स्किल्स और मरीजों की देखभाल की गहन ट्रेनिंग दी जाती है। भारत और विदेशों दोनों में नर्सिंग पेशे की मांग काफी तेजी से बढ़ रही है। इस कोर्स के बाद छात्र सरकारी व निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम्स और अंतरराष्ट्रीय हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन में भी नौकरी पा सकते हैं।

बीपीटी: फिजियोथेरेपी में उज्ज्वल करियर

फिजियोथेरेपी यानी बीपीटी एक उभरता हुआ करियर विकल्प है, खासकर उन छात्रों के लिए जिन्हें हेल्थ और फिटनेस में रुचि है। यह 4.5 साल का कोर्स है जिसमें शरीर के अंगों की गति, मांसपेशियों की कार्यप्रणाली और रोगियों की फिजिकल रिकवरी पर काम करना सिखाया जाता है। बीपीटी कोर्स करने के बाद आप अस्पतालों, स्पोर्ट्स टीमों, रिहैबिलिटेशन सेंटर्स और निजी क्लीनिक में कार्य कर सकते हैं। यह पेशा शारीरिक और मानसिक रूप से रोगियों को राहत देने का उत्कृष्ट माध्यम बन चुका है।

बी फार्मा: दवाओं की दुनिया में सुनहरा मौका

फार्मेसी यानी बी फार्मा कोर्स उन छात्रों के लिए उपयुक्त है जिन्हें दवाओं की संरचना, रिसर्च और मेडिकल टेक्नोलॉजी में रुचि है। यह चार साल का कोर्स है जिसमें छात्रों को दवा निर्माण, परीक्षण, वितरण और क्वालिटी कंट्रोल की शिक्षा दी जाती है। फार्मासिस्ट न सिर्फ अस्पतालों और मेडिकल स्टोर्स में काम करते हैं, बल्कि फार्मास्युटिकल कंपनियों, रिसर्च लैब्स और सरकारी संस्थानों में भी बड़ी भूमिका निभाते हैं।

बीडीएस: डेंटल फील्ड में सुरक्षित करियर

अगर NEET में क्वालिफाई किया है लेकिन MBBS की सीट नहीं मिली, तो डेंटल फील्ड यानी BDS आपके लिए मजबूत विकल्प है। यह पांच साल का कोर्स होता है जिसमें डेंटल सर्जरी, ओरल मेडिसिन और क्लीनिकल प्रैक्टिस की ट्रेनिंग दी जाती है। भारत में दंत चिकित्सा की मांग लगातार बढ़ रही है, और इस फील्ड में स्पेशलाइजेशन के लिए भी कई विकल्प उपलब्ध हैं जैसे ऑर्थोडॉन्टिक्स, ओरल सर्जरी और पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री।

बीएससी बायोटेक्नोलॉजी और बायोमेडिकल साइंस: रिसर्च की दुनिया में कदम

अगर आपका रुझान मेडिकल रिसर्च, जेनेटिक साइंस या बायोमेडिकल टेक्नोलॉजी की ओर है, तो ये कोर्स आपके लिए आदर्श हैं। बायोटेक्नोलॉजी में छात्रों को जेनेटिक इंजीनियरिंग, वैक्सीन डेवलपमेंट, मॉलिक्यूलर बायोलॉजी और मेडिकल उपकरणों की तकनीक सिखाई जाती है। वहीं, बायोमेडिकल साइंस में छात्र मानव शरीर की बायोलॉजिकल प्रक्रियाओं को समझते हैं और हेल्थकेयर के लिए नई खोजों में योगदान करते हैं। ये कोर्स अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अत्यधिक मांग वाले हैं और विदेशों में पढ़ाई और नौकरी के भरपूर अवसर प्रदान करते हैं।

बीएएमएस: आयुर्वेदिक चिकित्सा का पारंपरिक मार्ग

भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धति यानी आयुर्वेद में रुचि रखने वाले छात्रों के लिए BAMS एक बेहतरीन विकल्प है। इसमें 4.5 साल की पढ़ाई के साथ 1 साल की इंटर्नशिप होती है। छात्रों को आयुर्वेदिक औषधियों, पंचकर्म, रसशास्त्र और शारीरिक संतुलन की विस्तृत जानकारी दी जाती है। इस कोर्स के बाद आप आयुर्वेदिक डॉक्टर, हर्बल फार्मा कंपनियों में रिसर्चर या अपना क्लीनिक खोल सकते हैं।

अन्य विकल्प जो मेडिकल से जुड़े हैं

इसके अलावा भी बहुत सारे विकल्प हैं जिनमें मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी (MLT), ऑपरेशन थियेटर टेक्नोलॉजी, रेडियोलॉजी, ऑक्यूपेशनल थेरेपी, न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स और पब्लिक हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन जैसे कोर्स शामिल हैं। ये सभी कोर्स हेल्थकेयर सिस्टम का अहम हिस्सा हैं और तेजी से बढ़ते करियर विकल्प बन चुके हैं।

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