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New York: 20 साल बाद आमने-सामने! पेट्रायस और अहमद अल-शरा की ऐतिहासिक मुलाकात

New York: 20 साल बाद आमने-सामने! पेट्रायस और अहमद अल-शरा की ऐतिहासिक मुलाकात

20 साल बाद डेविड पेट्रायस और अहमद अल-शरा का आमना-सामना हुआ। पहले विरोधी रहे दोनों अब संवाद के जरिए भू-राजनीति पर चर्चा कर रहे हैं। शरा अब सीरिया के राष्ट्रपति हैं और महासभा में अपना पहला संबोधन देंगे।

न्यूयॉर्क। लगभग 20 साल बाद दो पुराने दुश्मन एक ही मंच पर नजर आए। एक तरफ हैं डेविड पेट्रायस, जो कभी इराक में अमेरिकी सेना के कमांडर रहे और दूसरी ओर अबू मोहम्मद अल-जुलानी, जो अब अहमद अल-शरा के नाम से सीरिया के राष्ट्रपति बन चुके हैं। दोनों एक समय में एक-दूसरे के लिए सबसे बड़े खतरे थे, लेकिन अब समय और परिस्थितियां बदल गई हैं।

अहमद अल-शरा का अतीत

अहमद अल-शरा, जिन्हें पहले अबू मोहम्मद अल-जुलानी के नाम से जाना जाता था, इराक में अमेरिकी सेना के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण आतंकवादियों में से एक थे। उन्हें अल-कायदा के प्रमुख कमांडरों में गिना जाता था और उन पर इराक में कई गुरिल्ला हमलों का आरोप था। उस समय अमेरिकी सेना की कमान जनरल डेविड पेट्रायस के हाथों में थी। फरवरी 2007 से सितंबर 2008 तक पेट्रायस ने इराक में मल्टीनेशनल फोर्स-इराक के कमांडिंग जनरल के रूप में नेतृत्व किया और ऑपरेशन सर्ज लागू किया था। इस ऑपरेशन का मकसद इराक में बढ़ती हिंसा और विद्रोह को नियंत्रित करना था।

समय ने बदले चेहरे

समय के साथ परिस्थितियां बदल गईं। अहमद अल-शरा ने पिछले साल सीरिया में बशर अल-असद सरकार का तख्तापलट किया और सत्ता पर कब्जा कर लिया। अब वे सीरिया के राष्ट्रपति के रूप में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में शिरकत करने न्यूयॉर्क पहुंचे हैं। इस मौके पर डेविड पेट्रायस ने उनका इंटरव्यू लिया, जिससे सोशल मीडिया पर यह चर्चा का विषय बन गया।

इंटरव्यू का खास सवाल

इंटरव्यू के दौरान पेट्रायस ने अहमद अल-शरा से सवाल किया कि "जब मैं इराक में ऑपरेशन सर्ज की कमान संभाल रहा था, तब हम अलग-अलग पक्ष में थे। कृपया बताएं कि आप अल-कायदा से निकलकर आज सीरिया के राष्ट्रपति कैसे बन गए?" यह सवाल आज की बदलती भू-राजनीतिक परिस्थितियों और समय के बदलाव की गवाही देता है।

शरा का जवाब

अहमद अल-शरा ने अपने जवाब में कहा कि "यह अच्छा है कि तब हम युद्ध की स्थिति में थे, लेकिन अब हम संवाद की स्थिति में हैं। जो युद्ध से गुजरा है, वह शांति की अहमियत सबसे बेहतर समझता है।" उन्होंने आगे कहा, "हम आज के नियमों के आधार पर अतीत का आकलन नहीं कर सकते, और अतीत के नियमों के आधार पर आज का आकलन नहीं किया जा सकता।" शरा ने पेट्रायस से यह भी कहा कि अब दोनों युद्ध क्षेत्र से संवाद क्षेत्र में आए हैं।

इंटरव्यू के दौरान मजेदार पल

इंटरव्यू के दौरान कई हल्के-फुल्के और मजेदार पल भी आए। पेट्रायस ने शरा से पूछा कि "इराक में मुझे बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था। आप सीरिया में चुनौतियों का सामना कैसे करेंगे?" इसके जवाब में शरा ने कहा, "निश्चित रूप से मेरा मिशन इराक में आपके मिशन से कठिन है। आपके पास इराक छोड़ने का विकल्प था, जबकि हमारे विकल्प सीमित हैं।"

ऑपरेशन सर्ज का महत्व

ऑपरेशन सर्ज इराक में अमेरिकी सेना की एक रणनीति थी, जिसमें सैनिकों की संख्या बढ़ाकर काउंटर-इंसर्जेंसी ऑपरेशन पर जोर दिया गया था। शहरों में सुरक्षा स्थापित करने के लिए सैनिकों को तैनात किया गया और अल-कायदा जैसे विद्रोही समूहों को कमजोर करने की कोशिश की गई। पेट्रायस और शरा के बीच यह इतिहास आज की राजनीति और संवाद की दिशा में एक अहम बिंदु बन गया।

शरा का संयुक्त राष्ट्र महासभा में पहला संबोधन

अहमद अल-शरा 1967 के बाद से संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाग लेने वाले पहले सीरियाई राष्ट्रपति हैं। वे इस महासभा की बैठक में अपना पहला संबोधन देंगे। इस कदम को सीरिया की अंतरराष्ट्रीय पहचान और उसकी राजनीति में बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।

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