निशिकांत दुबे के मराठी लोगों पर बयान पर सियासत गरमाई। देवेंद्र फडणवीस ने सफाई दी कि यह टिप्पणी मराठी समाज पर नहीं, कुछ संगठनों के लिए थी। उन्होंने दुबे को संयमित भाषा की नसीहत दी।
Maharashtra: बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के मराठी समुदाय पर दिए बयान को लेकर बवाल मच गया है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बयान को सही नहीं बताया और कहा कि यह मराठी समाज नहीं बल्कि कुछ संगठनों के खिलाफ था। उन्होंने दुबे को संयम बरतने की सलाह भी दी।
निशिकांत दुबे के बयान से मचा सियासी घमासान
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के एक विवादास्पद बयान ने महाराष्ट्र की सियासत में हलचल मचा दी है। उन्होंने अपने बयान में मराठी लोगों को लेकर जो शब्द इस्तेमाल किए, उसे लेकर कई नेताओं और संगठनों ने आपत्ति जताई है। बयान के बाद सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक इस पर प्रतिक्रिया देखने को मिली।
फडणवीस ने दिया स्पष्टीकरण
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दुबे का बयान सीधे मराठी समाज पर नहीं था, बल्कि कुछ संगठनों की ओर इशारा करते हुए दिया गया था, जिन्होंने जानबूझकर विवाद को हवा दी। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस तरह की भाषा या बयान देना उचित नहीं है।
फडणवीस ने कहा, “मेरा मानना है कि निशिकांत दुबे का बयान पूरी तरह से सही नहीं था। देश के विकास में महाराष्ट्र की भूमिका को कोई भी नकार नहीं सकता। अगर कोई ऐसा करता है, तो यह गलत है। मेरे विचार में ऐसे बयान भ्रम पैदा करते हैं और इससे जनता के बीच गलतफहमियां बढ़ती हैं।”
क्या है पूरा मामला
इस विवाद की शुरुआत हुई महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे की टिप्पणी से। राज ठाकरे ने हाल ही में एक सभा में कहा था कि जो लोग महाराष्ट्र में रहते हैं और मराठी में बात नहीं करना चाहते, उनके खिलाफ सख्त रवैया अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से यह भी कहा कि ऐसे लोगों को सबक सिखाएं लेकिन इसका वीडियो न बनाएं।
राज ठाकरे के इस बयान पर निशिकांत दुबे ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “तुम लोग हमारे पैसे से जी रहे हो। हमारे राज्यों – झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा – में सारी खदानें हैं। गुजरात में सेमीकंडक्टर रिफाइनरियां हैं। अगर तुममें हिंदी बोलने वालों को पीटने की हिम्मत है, तो तुम्हें उर्दू, तमिल और तेलुगु बोलने वालों को भी मारने की हिम्मत होनी चाहिए। अगर तुम इतने ही बहादुर हो तो बाहर आओ – बिहार, यूपी, तमिलनाडु – हम तुम्हें पटक-पटक कर मारेंगे।”
मराठी अस्मिता पर सवाल?
दुबे के इस बयान को मराठी अस्मिता पर सीधा हमला माना जा रहा है। हालांकि फडणवीस ने साफ किया कि उनका बयान मराठी समाज पर नहीं था। फिर भी, जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल हुआ, वह राजनीतिक और सामाजिक रूप से अस्वीकार्य है। महाराष्ट्र में मराठी भाषा और संस्कृति को लेकर संवेदनशीलता हमेशा से रही है। ऐसे में किसी भी बाहरी नेता का इस तरह का बयान विवाद पैदा करता है।
एनसीपी, शिवसेना (UBT) और कांग्रेस समेत कई दलों ने दुबे के बयान की आलोचना की है। शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि बीजेपी नेताओं को महाराष्ट्र की संस्कृति और मर्यादाओं का सम्मान करना चाहिए। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी बयान को गैरजिम्मेदाराना बताया।