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बिहार वोटर लिस्ट 2025: मतदाता सत्यापन में नाम की गड़बड़ी से बढ़ीं मुश्किलें, ऐसे करें सुधार

बिहार वोटर लिस्ट 2025: मतदाता सत्यापन में नाम की गड़बड़ी से बढ़ीं मुश्किलें, ऐसे करें सुधार

मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के दौरान वोटर वेरिफिकेशन की प्रक्रिया कई लोगों के लिए चुनौती बनती जा रही है। ऐसे ही एक मामले में मिठनपुरा वार्ड नंबर 37 से कॉल कर रहे मो. याकूब ने अपनी समस्या साझा की है, जो इस प्रक्रिया की जटिलता को दर्शाती है।

मुजफ्फरपुर: बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के तहत मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का कार्य जोरशोर से चल रहा है, लेकिन इस दौरान आम मतदाताओं को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कहीं नाम की गलतियां, कहीं दस्तावेजों में भिन्नता, तो कहीं आवासीय प्रमाणपत्र की अनावश्यक मांग—ऐसे अनेक मुद्दे जनता की उलझन को बढ़ा रहे हैं।

नाम एक, पहचान दो! मतदाता परेशान

मिठनपुरा के वार्ड संख्या 37 से मो. याकूब ने कॉल कर अपनी समस्या साझा की। उनके अनुसार, मेरे आधार कार्ड पर नाम 'बच्चा भारती' है, जबकि पासपोर्ट और पत्नी के वोटर कार्ड में नाम 'मो. याकूब' दर्ज है। अब कन्फ्यूजन है कि कौन-सा दस्तावेज मतदाता सत्यापन में अपलोड करूं? याकूब पेशे से कव्वाल हैं और दोनों नामों का उपयोग करते रहे हैं। लेकिन इस बार सत्यापन प्रक्रिया में नामों के अंतर के चलते उनका वोटर आईडी भविष्य संकट में नजर आ रहा है।

गणना प्रपत्र नहीं मिला, नाम कटने का डर

कच्ची पक्की की पूनम देवी ने बताया कि उनके पति को तो गणना प्रपत्र मिल गया, लेकिन उनके खुद और बेटे नीरज के पास अब तक यह फॉर्म नहीं पहुंचा।हमें डर है कि कहीं नाम वोटर लिस्ट से कट न जाए। फॉर्म भरने की प्रक्रिया भी किसी ने नहीं समझाई। यह डर इसलिए भी बढ़ गया है क्योंकि जिनके नाम लिस्ट में हैं, उन्हें ही फॉर्म दिया जा रहा है।

आवासीय प्रमाणपत्र बना सिरदर्द

रघुनाथपुर, कुढ़नी से दीपक भगत ने बताया कि स्थानीय अधिकारियों ने आवासीय प्रमाणपत्र को अनिवार्य बताया है, जबकि सरकार की तरफ से इसकी कोई अनिवार्यता नहीं है। साइबर कैफे वालों ने प्रमाणपत्र के लिए ₹200-₹250 मांगे। गांव में अफरातफरी है। इस स्थिति में ग्रामीण मतदाता ठगे जा रहे हैं और सूचना के अभाव में उन्हें फॉर्म भरने से रोका जा रहा है।

प्रशासन ने क्या कहा?

  • जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी सत्यप्रिय कुमार ने स्पष्ट किया:
  • सभी मतदाताओं को गणना प्रपत्र अवश्य मिलेगा।
  • आवासीय प्रमाणपत्र अनिवार्य नहीं है।
  • अगर किसी के दस्तावेजों में नाम में अंतर है, तो ऐसे में पासपोर्ट या अन्य अधिकृत दस्तावेज को ही अपलोड करें, जो निर्वाचन आयोग की सूची में मान्य है।

उन्होंने यह भी बताया कि, अगर पति-पत्नी के पासपोर्ट में नाम एक जैसा और सही है, तो मतदाता सूची में संशोधन के लिए वही दस्तावेज इस्तेमाल करें। यदि आप भी मतदाता सूची सत्यापन में किसी प्रकार की परेशानी से जूझ रहे हैं, तो आप मोबाइल नंबर 9801027107 पर कॉल कर अपनी समस्या साझा कर सकते हैं।

जानिए कौन-कौन से दस्तावेज मान्य हैं

मतदाता सूची संशोधन या सत्यापन के लिए निर्वाचन आयोग ने कुछ प्रमाणपत्रों को वैध माना है, जिनमें प्रमुख हैं:

  • पासपोर्ट
  • आधार कार्ड (बशर्ते जानकारी सही हो)
  • राशन कार्ड
  • ड्राइविंग लाइसेंस
  • बैंक पासबुक
  • जन्म प्रमाणपत्र
  • शैक्षणिक प्रमाणपत्र

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