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चीन ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को दी सैन्य मदद? भारत के आरोप पर चीन ने तोड़ी चुप्पी, जानिए क्या कहा

चीन ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को दी सैन्य मदद? भारत के आरोप पर चीन ने तोड़ी चुप्पी, जानिए क्या कहा

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन की भूमिका को लेकर सवाल उठे हैं। भारत ने चीन पर पाकिस्तान को सैन्य सहायता देने का आरोप लगाया है, लेकिन चीन ने सीधा जवाब नहीं दिया।

नई दिल्ली। हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारत की ओर से गंभीर आरोप लगाए गए हैं। भारतीय सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने दावा किया कि इस ऑपरेशन के दौरान चीन ने पाकिस्तान को सक्रिय सैन्य सहायता दी थी। इस बयान के बाद जब चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग से सवाल पूछा गया तो उन्होंने इस पर सीधा जवाब देने से बचते हुए कूटनीतिक प्रतिक्रिया दी।

माओ निंग का जवाब: टारगेट नहीं है कोई तीसरा पक्ष

बीजिंग में प्रेस ब्रीफिंग के दौरान माओ निंग ने कहा कि चीन और पाकिस्तान पारंपरिक रूप से घनिष्ठ पड़ोसी हैं। उनके बीच रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग कोई असामान्य बात नहीं है। हालांकि उन्होंने कहीं भी यह नहीं कहा कि चीन ने पाकिस्तान की मदद नहीं की। माओ ने केवल यह दोहराया कि दोनों देशों के बीच सहयोग का उद्देश्य किसी तीसरे देश को टारगेट करना नहीं है।

आरोप पर सीधी टिप्पणी से बचती दिखीं माओ निंग

जब माओ निंग से यह पूछा गया कि क्या चीन ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को कोई एक्टिव मिलिट्री सपोर्ट दिया, तो उन्होंने इस आरोप को महत्व नहीं दिया। उन्होंने कहा कि "मैं उन विशेष बातों से परिचित नहीं हूं जिनका आपने उल्लेख किया है। मैं सिर्फ इतना कह सकती हूं कि चीन-पाकिस्तान के संबंधों का कोई तीसरा पक्ष लक्ष्य नहीं है।"

ऑपरेशन सिंदूर में चीन और तुर्की का जिक्र

दिल्ली में आयोजित एक सेमिनार में लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने कहा था कि 7 से 10 मई के बीच चले ऑपरेशन सिंदूर में भारत को एक साथ तीन मोर्चों पर मुकाबला करना पड़ा। पाकिस्तान इस संघर्ष का फ्रंट फेस था। लेकिन चीन ने अपने 'ऑल वेदर फ्रेंड' पाकिस्तान की हर स्तर पर सहायता की। जनरल सिंह ने यह भी कहा कि चीन ने इस युद्ध को अपने रक्षा उपकरणों के लाइव टेस्ट के रूप में देखा। इसके साथ ही तुर्की ने भी इस्लामाबाद को सैन्य हार्डवेयर सप्लाई कर समर्थन दिया।

चीन की भूमिका पर भारत का रुख

भारत के सुरक्षा विश्लेषकों का मानना है कि चीन का रवैया स्पष्ट नहीं है। चीन ने प्रत्यक्ष रूप से समर्थन स्वीकार नहीं किया, लेकिन उसे नकारा भी नहीं। यह रुख भारत की चिंता को और गहरा करता है। चीन की ओर से बार-बार कहा जा रहा है कि वह भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ संतुलित संबंध चाहता है। लेकिन वास्तविक हालात में उसका झुकाव पाकिस्तान की ओर अधिक दिखता है।

चीन का रुख: शांति और बातचीत की अपील

चीनी प्रवक्ता ने यह भी कहा कि बीजिंग भारत-पाकिस्तान के घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहा है। उन्होंने कहा कि चीन क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए सक्रिय रूप से बातचीत और शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करता है। माओ निंग ने कहा, "हम दोनों देशों को सलाह देते हैं कि वे अपने मतभेदों को संवाद और परामर्श के जरिए सुलझाएं।"

माओ निंग ने यह भी कहा कि चीन-भारत संबंध सुधार और विकास के एक महत्वपूर्ण चरण में हैं। चीन चाहता है कि दोनों देश आपसी सहयोग बढ़ाएं और संबंधों को स्थिरता की दिशा में ले जाएं।

क्या चीन ने भारत की कीमत पर पाकिस्तान का साथ दिया?

जब माओ निंग से यह पूछा गया कि क्या पाकिस्तान को समर्थन देना भारत के विरोध में कदम नहीं है, तो उन्होंने जवाब दिया कि चीन और पाकिस्तान के रिश्ते किसी तीसरे पक्ष को निशाना नहीं बनाते। उन्होंने भारत और पाकिस्तान दोनों से क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने की अपील की।

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