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ऑफिस में छुट्टी के लिए झूठ बोलना पाप है? जानें प्रेमानंद महाराज का जवाब

ऑफिस में छुट्टी के लिए झूठ बोलना पाप है? जानें प्रेमानंद महाराज का जवाब

प्रेमानंद महाराज ने स्पष्ट किया कि ऑफिस में छुट्टी के लिए झूठ बोलना पाप है। उन्होंने कहा कि सांसारिक जीवन में झूठ से बचना चाहिए, जबकि भक्ति और धर्मिक कार्यों के लिए किया गया झूठ पाप नहीं माना जाता। उनका संदेश नैतिकता, सच्चाई और जीवन में ईमानदारी पर केंद्रित है।

ऑफिस में छुट्टी: प्रेमानंद महाराज ने कहा कि झूठ बोलकर छुट्टी लेना पाप है। वृंदावन स्थित अपने आश्रम में हाल ही में एक निजी कंपनी के कर्मचारी ने उनसे सवाल किया कि जब सच बोलकर छुट्टी नहीं मिलती लेकिन झूठ बोलकर तुरंत छुट्टी मिल जाती है तो क्या यह पाप है। इस पर महाराज ने हंसते हुए स्पष्ट किया कि सांसारिक जीवन में झूठ बोलना नैतिक रूप से गलत है। उन्होंने कहा कि केवल भक्ति और धर्मिक कार्यों के लिए बोला गया झूठ पाप नहीं होता, लेकिन ऑफिस और रोजमर्रा के कामों में सच का पालन आवश्यक है।

झूठ बोलकर छुट्टी लेना

प्राइवेट जॉब करने वाले एक व्यक्ति ने प्रेमानंद महाराज से पूछा कि वह एक प्राइवेट कंपनी में काम करता है। उन्होंने बताया कि कई बार जरूरी काम होने के बावजूद ऑफिस से छुट्टी नहीं मिल पाती, लेकिन अगर किसी रिश्तेदार की मौत या गंभीर बीमारी का बहाना बनाते हैं, तो छुट्टी तुरंत मिल जाती है। व्यक्ति ने सवाल किया, क्या झूठ बोलकर छुट्टी लेना पाप है?

इस पर प्रेमानंद महाराज ने हंसते हुए कहा कि यह कलयुग का असर है। उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि लोग अक्सर यही करते हैं, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि इसे सही ठहराया जा सकता है।

प्रेमानंद महाराज का स्पष्ट जवाब

प्रेमानंद महाराज ने समझाया, झूठ लेना झूठ देना, झूठ भोजन झूठ चबाना। चाहे कुछ भी हो, झूठ बोलना पाप है। उन्होंने आगे एक श्लोक का उल्लेख किया, जिसमें यह बताया गया कि सच्चाई का पालन तप के समान है, जबकि झूठ पाप के बराबर है और हृदय को पीड़ा पहुँचाता है।

हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर किसी भक्ति, धर्मिक कार्य या भगवतिक उद्देश्य के लिए झूठ बोला जाए, तो वह झूठ पाप नहीं होता। उदाहरण के लिए, भजन, धर्मिक सेवा या दान-धर्म के कार्यों में अगर झूठ बोलना आवश्यक हो, तो इसे पाप नहीं माना जाता।

सांसारिक जीवन में सच की राह अपनाएं

प्रेमानंद महाराज ने कहा कि सांसारिक कार्यों में झूठ बोलने से बचना चाहिए। भले ही कभी-कभी कठिन परिस्थितियों के कारण झूठ बोलना आसान लगे, लेकिन प्रयास यह होना चाहिए कि सच की राह पर चले और नैतिक मूल्यों का पालन करे। उन्होंने कहा, “सच का पालन करना मुश्किल हो सकता है, लेकिन झूठ से समस्याओं का समाधान नहीं होता। सच बोलने की आदत जीवन में लंबे समय तक लाभ देती है।”

उनका संदेश स्पष्ट था: ऑफिस में छुट्टी लेने या किसी रोजमर्रा के काम के लिए झूठ बोलना पाप है। इससे भले समस्या तुरंत हल हो जाए, लेकिन नैतिक दृष्टि से यह उचित नहीं है। इसके बजाय, सही समय और उचित कारण से सच बोलकर छुट्टी लेने की कोशिश करनी चाहिए।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो

प्रेमानंद महाराज के इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर तेजी से ध्यान खींचा। उनके आश्रम में लोग देशभर से दर्शन के लिए आते हैं। साधारण जनता के अलावा कई नामचीन हस्तियां भी उनके आश्रम पहुंचती हैं। वीडियो में उनके सरल और सहज अंदाज ने लोगों को प्रभावित किया, और कई लोगों ने कमेंट्स में लिखा कि यह संदेश जीवन में नैतिक मूल्यों की याद दिलाता है।

ऑफिस में झूठ बोलकर छुट्टी लेना आसान हो सकता है, लेकिन प्रेमानंद महाराज का स्पष्ट संदेश है कि नैतिकता और सच का पालन करना आवश्यक है। धर्मिक या भगवतिक कार्यों के लिए किया गया झूठ अलग है, लेकिन सांसारिक जीवन में झूठ से बचना चाहिए। इससे न केवल नैतिक मूल्यों का पालन होता है, बल्कि मानसिक संतोष और आत्मिक शांति भी मिलती है

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