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Paytm Stock: 3 महीने में 16% चढ़ा शेयर, FY26 से पर्सनल लोन ग्रोथ बनेगी नई ताकत

Paytm Stock: 3 महीने में 16% चढ़ा शेयर, FY26 से पर्सनल लोन ग्रोथ बनेगी नई ताकत

Paytm Share: मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने पेटीएम का टारगेट प्राइस बढ़ाया है। ब्रोकरेज के अनुसार, कंपनी के कॉन्ट्रिब्यूशन मार्जिन में लगातार सुधार हो रहा है, इसी कारण इसकी रेटिंग को 'न्यूट्रल' कर दिया गया है।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (MOSL) ने पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस को लेकर ताजा अपडेट जारी किया है। ब्रोकरेज हाउस ने कंपनी को ‘न्यूट्रल’ रेटिंग दी है और इसका टारगेट प्राइस 870 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये कर दिया है। इसके पीछे कंपनी के फाइनेंशियल प्रदर्शन में दिख रहे स्थायित्व और भविष्य के ग्रोथ आउटलुक को मुख्य वजह बताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी के कई क्षेत्रों में सुधार और मार्जिन में बढ़ोतरी के संकेत मिले हैं।

मार्जिन में दिखी मजबूती

MOSL की रिपोर्ट के अनुसार, पेटीएम का कॉन्ट्रिब्यूशन मार्जिन वित्त वर्ष 2028 तक 58 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। कंपनी का पेमेंट बिजनेस अब स्थिरता की ओर बढ़ रहा है और इससे जुड़ी आय में भी धीरे-धीरे बढ़ोतरी देखी जा रही है। इसके अलावा, FY25 से FY28 के बीच कंपनी के रेवेन्यू में सालाना 22 प्रतिशत की ग्रोथ देखने को मिल सकती है।

GMV में अच्छी ग्रोथ का अनुमान

पेटीएम का इकोसिस्टम लगातार मजबूत हो रहा है। ब्रोकरेज का कहना है कि मर्चेंट मार्केट में कंपनी की पकड़ बढ़ रही है और इसका सीधा असर GMV यानी ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू पर पड़ेगा। FY25 से FY28 के बीच GMV में सालाना 23 प्रतिशत की बढ़ोतरी का अनुमान है। GMV से यह पता चलता है कि पेटीएम के प्लेटफॉर्म के जरिए कितने मूल्य का सामान खरीदा और बेचा गया है।

लोन डिस्ट्रीब्यूशन में FLDG मॉडल की भूमिका

पेटीएम के कर्ज वितरण मॉडल को लेकर भी MOSL ने सकारात्मक रुख दिखाया है। कंपनी का FLDG मॉडल (फर्स्ट लॉस डिफॉल्ट गारंटी) लोन डिस्ट्रीब्यूशन को बढ़ावा देगा। इस मॉडल में अगर कोई लोन चुकता नहीं होता तो उसकी भरपाई पेटीएम खुद करता है। इससे लेंडिंग पार्टनर्स का भरोसा बढ़ता है और कर्ज वितरण में तेजी आती है। FY26 की दूसरी छमाही में पर्सनल लोन डिस्ट्रीब्यूशन में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना जताई गई है।

मुख्य बिजनेस से होने वाली आय में सुधार

पेटीएम ने अपने मूल बिजनेस मॉडल को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। डिजिटल पेमेंट और फाइनेंशियल सर्विस जैसे क्षेत्रों में कंपनी खुद को नए परिवर्तनों के अनुसार ढाल रही है। ब्रोकरेज को उम्मीद है कि इससे कंपनी की आय में स्थायी सुधार होगा और लाभप्रदता का स्तर भी बढ़ेगा।

मार्च तिमाही के नतीजों पर एक नजर

कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में 540 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया है, जो पिछले साल की इसी अवधि में 550 करोड़ रुपये था। इसका मतलब है कि घाटा कुछ हद तक कम हुआ है।

इस तिमाही में पेटीएम का ऑपरेटिंग रेवेन्यू 1,912 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान तिमाही में 2,267 करोड़ रुपये था यानी लगभग 16 प्रतिशत की गिरावट हुई है। हालांकि तिमाही आधार पर देखें तो पिछली तिमाही के मुकाबले रेवेन्यू में लगभग 5 प्रतिशत की बढ़त हुई है। Q3FY25 में कंपनी का रेवेन्यू 1,828 करोड़ रुपये रहा था।

शेयर बाजार में पेटीएम का प्रदर्शन

बीएसई पर मंगलवार को पेटीएम के शेयर 1 प्रतिशत की बढ़त के साथ 933.9 रुपये तक पहुंचे, हालांकि कारोबार खत्म होने तक यह 0.44 प्रतिशत की बढ़त के साथ 929 रुपये पर बंद हुए। बीते तीन महीनों में पेटीएम के शेयरों में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि पिछले एक साल में इसमें 125 प्रतिशत तक की उछाल देखी गई है। हालांकि, साल-दर-साल आधार पर इसमें 6 प्रतिशत की गिरावट भी आई है।

ब्रोकरेज का भरोसा और बाजार की चाल

MOSL की रिपोर्ट और टारगेट अपग्रेड के बाद यह साफ है कि पेटीएम में अब ब्रोकरेज हाउस भी स्थिरता और संभावनाएं देख रहे हैं। हालांकि कंपनी को अभी भी घाटे से पूरी तरह बाहर आने की चुनौती है, लेकिन जिस तरह से उसके मुख्य बिजनेस मॉडल में मजबूती आई है, उससे शेयर बाजार में इसका भरोसा बढ़ा है।

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