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PMLA कानून की समीक्षा पर सुप्रीम कोर्ट करेगा विस्तार से सुनवाई: 13 मुद्दों पर होगी बहस, पहले स्वीकार्यता पर होगा फैसला

PMLA कानून की समीक्षा पर सुप्रीम कोर्ट करेगा विस्तार से सुनवाई: 13 मुद्दों पर होगी बहस, पहले स्वीकार्यता पर होगा फैसला

PMlA कानून के प्रावधानों पर सुप्रीम कोर्ट ने समीक्षा की प्रक्रिया शुरू की है। कोर्ट पहले याचिकाओं की वैधता पर बहस करेगा, फिर 13 कानूनी मुद्दों पर विस्तार से सुनवाई करेगा।

PMLA SC: सुप्रीम कोर्ट अब मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े कानून पीएमएलए (Prevention of Money Laundering Act) के विभिन्न प्रावधानों की वैधता को लेकर दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं पर गंभीरता से विचार कर रहा है। गुरुवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि सबसे पहले यह तय किया जाएगा कि क्या इन समीक्षा याचिकाओं को स्वीकार किया जाए या नहीं। इसके बाद ही आगे के 13 प्रस्तावित मुद्दों पर सुनवाई आगे बढ़ेगी।

क्या है मामला?

दरअसल, पीएमएलए की वैधता से जुड़े मामले में पहले सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने जुलाई 2022 में कानून के अधिकांश प्रावधानों को सही ठहराया था। इस फैसले को चुनौती देते हुए कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं, जिनमें कहा गया है कि कोर्ट को इस फैसले पर दोबारा विचार करना चाहिए। याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि कुछ प्रावधान नागरिक अधिकारों का हनन करते हैं और एजेंसियों को अत्यधिक शक्ति देते हैं।

याचिकाकर्ता पक्ष के तर्क

सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने 13 अहम कानूनी सवाल तैयार किए हैं, जिन पर समीक्षा की जानी चाहिए। सिब्बल ने कहा कि कोर्ट की ओर से पहले केवल दो मुद्दों तक सीमित रखने की कोई शर्त नहीं थी, और अब इन सभी बिंदुओं पर बहस होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि एक अन्य मामले में कोर्ट ने पहले ही पूर्ण नोटिस जारी कर रखा है।

प्रवर्तन निदेशालय की आपत्ति और कोर्ट का निर्देश

प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से शुरुआती तौर पर तीन मुद्दे प्रस्तावित किए गए हैं। अदालत ने कहा कि फिलहाल हम सिर्फ उन्हीं बिंदुओं पर चर्चा करेंगे जो विधिवत पंजीकृत हैं। चूंकि यह समीक्षा याचिकाएं हैं, इसलिए न्यायालय सबसे पहले यह तय करेगा कि क्या इन्हें स्वीकार किया जा सकता है।

जस्टिस सूर्यकांत की अगुवाई वाली बेंच ने कहा, "हम सबसे पहले प्रारंभिक मुद्दों पर बहस चाहेंगे। उसके बाद यह भी तय करेंगे कि हमारे विचारार्थ कौन-कौन से कानूनी प्रश्न हैं।"

कोर्ट का रूख और अगला कदम

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में साफ किया है कि वह किसी भी सवाल को खारिज नहीं कर रहा, लेकिन समीक्षा याचिकाओं की स्वीकृति को लेकर तय प्रक्रिया अपनाई जाएगी। यदि यह याचिकाएं वैध और न्यायिक मानकों पर खरी उतरती हैं, तो ही आगे के 13 बिंदुओं पर विस्तार से सुनवाई की जाएगी।

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, "हम सब कुछ अभी के लिए खुला छोड़ रहे हैं, ताकि सभी पक्षों को पर्याप्त सुनवाई का अवसर मिल सके।"

क्यों है ये मामला अहम?

PM Modi सरकार के कार्यकाल में मनी लॉन्ड्रिंग कानून (PMLA) को लेकर बार-बार यह आरोप लगे हैं कि इसका इस्तेमाल राजनीतिक विरोधियों और आलोचकों के खिलाफ किया जा रहा है। विपक्षी दलों ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों के खिलाफ बताया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2022 में इसे वैध ठहराने के बाद आलोचना और बढ़ गई थी।

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