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PM मोदी और जिनपिंग की 40 मिनट बैठक, सीमा शांति और आपसी सहयोग पर भारत-चीन संबंधों को नई दिशा देने पर बनी सहमति

PM मोदी और जिनपिंग की 40 मिनट बैठक, सीमा शांति और आपसी सहयोग पर भारत-चीन संबंधों को नई दिशा देने पर बनी सहमति

PM मोदी ने तिआनजिन में जिनपिंग से मुलाकात की। सीमा पर शांति, आपसी सहयोग और व्यापारिक संबंधों को नई दिशा देने पर सहमति बनी। दोनों नेताओं ने 2.8 बिलियन लोगों के हित में मजबूत रिश्तों पर जोर दिया और भविष्य में सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया।

SCO Meeting: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए चीन पहुंचे। इस दौरान उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से तिआनजिन में मुलाकात की। सात साल बाद पीएम मोदी चीन की यात्रा पर हैं और बीते दस महीने में यह उनकी दूसरी मुलाकात है। पिछली मुलाकात ब्रिक्स 2024 सम्मेलन के दौरान रूस के कजान में हुई थी।

40 मिनट चली द्विपक्षीय बैठक

तिआनजिन में पीएम मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच करीब 40 मिनट तक बातचीत हुई। पीएम मोदी ने सीमा पर शांति, सहयोग और आपसी विश्वास पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कजान में हुई पिछली बातचीत के बाद दोनों देशों के संबंधों को सकारात्मक दिशा मिली है। सीमा पर डिसइंगेजमेंट के बाद अब माहौल शांतिपूर्ण और स्थिर है।

भारत-चीन संबंधों की नई दिशा

बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि पिछले साल की बातचीत ने हमारे संबंधों को नई ऊर्जा दी है। उन्होंने सीमा प्रबंधन पर विशेष प्रतिनिधियों के बीच बनी सहमति का जिक्र किया। पीएम मोदी ने बताया कि कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू हो चुकी है और दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें भी बहाल की जा रही हैं।

2.8 बिलियन लोग होंगे लाभान्वित

पीएम मोदी ने कहा कि भारत और चीन के बीच बेहतर सहयोग से 2.8 बिलियन लोग जुड़े हुए हैं। यह सहयोग न सिर्फ दोनों देशों के लिए, बल्कि पूरी मानवता के कल्याण के लिए भी अहम है। उन्होंने कहा कि आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर ही संबंधों को आगे बढ़ाया जा सकता है। पीएम मोदी ने SCO की सफल अध्यक्षता के लिए जिनपिंग को बधाई भी दी।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल की मौजूदगी

इस बैठक में भारत की ओर से एनएसए अजीत डोभाल, विदेश सचिव विक्रम मिसरी, चीन में भारत के राजदूत प्रदीप रावत और जॉइंट सेक्रेटरी ईस्ट एशिया गौरांग लाल दास मौजूद रहे।

जिनपिंग ने भी दिखाई सकारात्मकता

राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीएम मोदी से मिलकर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि कजान में हुई पिछली बैठक सफल रही थी और भारत-चीन के लिए एक साथ काम करना जरूरी है। जिनपिंग ने कहा कि दोनों देशों को आपसी सहयोग और विश्वास के आधार पर आगे बढ़ना होगा।

ड्रैगन और हाथी का साथ आना जरूरी

चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि चीन और भारत दुनिया के दो सबसे पुराने सभ्य देश हैं। ये दोनों ग्लोबल साउथ का हिस्सा हैं और दुनिया की दो सबसे बड़ी आबादियां रखते हैं। उन्होंने कहा कि दोस्ती और सहयोग ही दोनों देशों के लिए सही रास्ता है। ड्रैगन और हाथी का साथ आना न सिर्फ एशिया बल्कि पूरी दुनिया के लिए जरूरी है।

75वीं वर्षगांठ पर संबंध मजबूत करने की अपील

राष्ट्रपति जिनपिंग ने कहा कि इस साल चीन-भारत राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ है। दोनों देशों को अपने संबंधों को रणनीतिक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से आगे बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में लोकतंत्र बनाए रखने की जिम्मेदारी भी दोनों देशों की है।

जिनपिंग ने कहा कि भारत और चीन को न केवल एशिया बल्कि पूरी दुनिया में शांति और समृद्धि के लिए साथ मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने बहुपक्षवाद और आपसी सहयोग पर जोर दिया।

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