प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अगस्त को चीन में होने वाली SCO समिट में हिस्सा लेंगे। यह उनका 2018 के बाद पहला चीन दौरा होगा। इस दौरान वे शी जिनपिंग और अन्य राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात कर सकते हैं।
PM Modi China Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अगस्त से चीन के तियानजिन शहर की यात्रा पर जा सकते हैं। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organization - SCO) की 25वीं शिखर बैठक में भाग लेना है। न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से इस यात्रा की जानकारी दी है, हालांकि भारत सरकार की ओर से अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
SCO की भूमिका और भारत की भागीदारी
SCO की स्थापना 2001 में हुई थी। वर्तमान में इसमें 10 सदस्य देश शामिल हैं, जिनमें भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, ईरान, बेलारूस, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान जैसे देश शामिल हैं। इस संगठन का उद्देश्य क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और आतंकवाद के खिलाफ साझा रणनीति तैयार करना है। भारत 2017 में SCO का पूर्ण सदस्य बना था।
PM मोदी का चीन दौरा क्यों है अहम
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा कई वजहों से बेहद अहम माना जा रहा है। एक तो यह उनका 2018 के बाद पहला चीन दौरा होगा और कुल मिलाकर यह उनका पांचवां दौरा होगा। दूसरे, यह दौरा ऐसे समय हो रहा है जब भारत-अमेरिका के बीच टैरिफ वॉर जैसी स्थितियां बनी हुई हैं और भारत, अमेरिका के प्रतिद्वंद्वी माने जाने वाले देशों जैसे रूस और चीन के साथ रिश्ते मजबूत कर रहा है। इससे यह संकेत मिलता है कि भारत अब किसी एक वैश्विक धड़े तक सीमित नहीं रहना चाहता।
जून 2020 की गलवान झड़प के बाद बदले रिश्ते
भारत और चीन के बीच संबंध 2020 में गलवान घाटी में हुए सैन्य संघर्ष के बाद से तनावपूर्ण हैं। इस झड़प में दोनों देशों के सैनिकों को जान गंवानी पड़ी थी। उसके बाद से दोनों देशों के बीच सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव और बातचीत दोनों ही जारी रहे हैं। इस पृष्ठभूमि में पीएम मोदी का यह चीन दौरा दोनों देशों के रिश्तों में नई दिशा तय कर सकता है।
जापान यात्रा भी संभावित
इस चीन दौरे से पहले पीएम मोदी 30 अगस्त को जापान जा सकते हैं। वहां वे भारत-जापान शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। यह कूटनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण दौरा होगा क्योंकि जापान, भारत का रणनीतिक साझेदार है और भारत-प्रशांत क्षेत्र में दोनों देशों की साझेदारी लगातार मजबूत हो रही है।
PM मोदी और शी जिनपिंग की संभावित बैठक
SCO शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक हो सकती है। दोनों नेता इससे पहले BRICS सम्मेलन में कजान में मिले थे। उस बैठक में दोनों देशों ने संबंधों को स्थिर बनाने के प्रयासों पर चर्चा की थी। इस बार की बैठक में सीमा विवाद, व्यापार सहयोग, और क्षेत्रीय स्थिरता जैसे मुद्दों पर बात हो सकती है।
रूस के राष्ट्रपति से भी हो सकती है मुलाकात
SCO शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी शामिल हो सकते हैं। ऐसे में पीएम मोदी की उनसे मुलाकात भी संभव है। यह बैठक भारत-रूस रिश्तों को और मजबूती देने का एक और अवसर हो सकती है, खासकर ऐसे समय में जब भारत रूस से ऊर्जा और रक्षा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सहयोग कर रहा है।
विदेश मंत्री की तैयारी बैठक
प्रधानमंत्री की यात्रा से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से बीजिंग में मुलाकात की थी। इस बैठक में उन्होंने भारत को उर्वरकों पर लगे प्रतिबंध, व्यापार में आ रही बाधाओं, और दुर्लभ पृथ्वी चुंबक (rare earth magnets) की सप्लाई जैसे मुद्दों पर चर्चा की। यह बैठक आगामी शिखर सम्मेलन के लिए माहौल तैयार करने का हिस्सा मानी जा रही है।