शरीर में प्रोटीन की कमी मांसपेशियों की कमजोरी, बाल और नाखून झड़ना, त्वचा का फीका पड़ना, थकान और इम्यूनिटी कमजोर होना जैसी समस्याएं पैदा कर सकती है। यह अधिकतर संतुलित डाइट न लेने, शाकाहारी भोजन या पाचन व अंग संबंधी समस्याओं के कारण होती है।
Protein Deficiency: प्रोटीन शरीर के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्व है, जो मांसपेशियों, त्वचा, बाल और हड्डियों को मजबूत बनाए रखता है। यदि भोजन में पर्याप्त प्रोटीन न मिले, तो कमजोरी, थकान, बाल झड़ना, नाखून टूटना, इम्यूनिटी कमजोर होना और बच्चों में ग्रोथ रुकना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसे रोकने के लिए दालें, अंडा, पनीर, सोया, मछली और चिकन जैसे प्रोटीन स्रोत डाइट में शामिल करना जरूरी है।
प्रोटीन की कमी के कारण
प्रोटीन की कमी आमतौर पर तब होती है जब व्यक्ति संतुलित आहार नहीं लेता या लंबे समय तक सिर्फ कार्बोहाइड्रेट और फैट वाली चीजें ही खाता है। यह समस्या विशेषकर उन लोगों में अधिक देखी जाती है जो शाकाहारी हैं और प्रोटीन से भरपूर विकल्पों को अपनी डाइट में शामिल नहीं करते।
इसके अलावा, पाचन संबंधी बीमारियां, किडनी या लिवर की समस्याएं और बार-बार संक्रमण होने पर शरीर में प्रोटीन का एब्जॉर्प्शन कम हो जाता है। लंबे समय तक प्रोटीन की कमी रहने पर शरीर कमजोर पड़ता है और एनीमिया, मांसपेशियों का लॉस, स्किन इंफेक्शन और हार्मोनल असंतुलन जैसी समस्याएं देखने को मिल सकती हैं। इसके अलावा इम्यून सिस्टम कमजोर होने से शरीर संक्रमणों से लड़ने में असमर्थ हो सकता है।
प्रोटीन की कमी के लक्षण

मैक्स हॉस्पिटल के डॉ. दलजीत सिंह के अनुसार, प्रोटीन की कमी के कई स्पष्ट लक्षण शरीर में दिखाई देने लगते हैं। सबसे पहले व्यक्ति लगातार थकान और कमजोरी महसूस करता है, क्योंकि मांसपेशियों में ऊर्जा की कमी आ जाती है।
बाल झड़ने लगते हैं, नाखून कमजोर होकर टूटने लगते हैं और त्वचा का निखार कम हो जाता है। बच्चों में ग्रोथ रुकना, वजन का न बढ़ना या ध्यान केंद्रित न कर पाना भी प्रोटीन की कमी के संकेत हैं।
गंभीर स्थिति में शरीर में सूजन यानी एडिमा, मांसपेशियों का गलना और बार-बार संक्रमण जैसी समस्याएं देखने को मिल सकती हैं। इसके अलावा, घाव भरने में देर होना, इम्यूनिटी कम होना और लगातार मूड स्विंग्स भी इस कमी के संकेत हैं। अगर समय पर ध्यान न दिया जाए, तो यह स्थिति गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का रूप ले सकती है।
प्रोटीन की कमी से कैसे बचा जा सकता है
रोज़ाना भोजन में प्रोटीन से भरपूर चीजें शामिल करना सबसे प्रभावी तरीका है। इसमें दालें, राजमा, छोले, पनीर, अंडा, दूध और सोया प्रमुख हैं। जो लोग नॉन-वेज खाते हैं, उनके लिए मछली और चिकन अच्छे प्रोटीन स्रोत हैं। यदि भोजन के जरिए पर्याप्त प्रोटीन न मिल पा रहा हो, तो डॉक्टर की सलाह से प्रोटीन सप्लिमेंट लेना भी लाभकारी हो सकता है।
बच्चों और बुजुर्गों के लिए संतुलित डाइट सुनिश्चित करना जरूरी है। साथ ही, पर्याप्त पानी पीना भी जरूरी है ताकि पाचन बेहतर बना रहे और पोषक तत्वों का अवशोषण सही से हो।













