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पुणे में करगिल युद्ध के पूर्व सैनिक हकीमुद्दीन से मांगा नागरिकता प्रमाण पत्र, पुलिस ने की कार्रवाई

पुणे में करगिल युद्ध के पूर्व सैनिक हकीमुद्दीन से मांगा नागरिकता प्रमाण पत्र, पुलिस ने की कार्रवाई

पुणे में एक पूर्व सैनिक से जबरन नागरिकता का प्रमाण मांगने का मामला सामने आया है। कारगिल युद्ध में हिस्सा ले चुके और 16 साल भारतीय सेना में सेवाएं दे चुके हकीमुद्दीन शेख के साथ हुई इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। 26 जुलाई की रात करीब 30 से 40 लोगों की भीड़ ने चंदन नगर इलाके में स्थित हकीमुद्दीन के घर का घेराव कर दस्तावेज दिखाने की मांग की। इस दौरान घर के बाहर नारेबाजी भी की गई।

पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। पुणे पुलिस कमिश्नर के अनुसार, आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। घटना के बाद पुलिस अधिकारियों ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर सुरक्षा का भरोसा भी दिलाया है।

हकीमुद्दीन का आरोप

रिटायर्ड फौजी हकीमुद्दीन शेख ने बताया कि जब उनके घर के बाहर भीड़ जमा हुई, उस वक्त लोकल पुलिस भी मौजूद थी, लेकिन उसने उपद्रवियों को रोकने की कोई कोशिश नहीं की। उनका कहना है कि साल 2000 में वे सेना से रिटायर हुए थे और 2013 में अपने पैतृक निवास प्रतापगढ़ चले गए थे, जबकि उनका परिवार अब भी पुणे में ही रह रहा है।

अवैध प्रवासी की सूचना पर गई थी टीम

इस मामले में पुणे पुलिस के डीसीपी सोमय मुंडे ने सफाई दी है कि पुलिस को इलाके में संदिग्ध अवैध प्रवासी की सूचना मिली थी। इसी आधार पर पुलिस की टीम वहां गई थी और दस्तावेज मांगे गए। जब यह स्पष्ट हो गया कि व्यक्ति भारतीय नागरिक हैं, तो उन्हें जाने दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस किसी तीसरे पक्ष के साथ नहीं गई थी और पूरी घटना का वीडियो फुटेज भी मौजूद है।

गौरतलब है कि हकीमुद्दीन शेख 1984 में सेना की 269वीं इंजीनियर रेजिमेंट में भर्ती हुए थे और 16 साल सेवा देने के बाद वर्ष 2000 में सेवानिवृत्त हुए।

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