राजस्थान के डीग जिले के डुबोकर गांव में दो मंजिला मकान भरभराकर गिर गया। हादसे में दो बच्चों की मौत हुई और तीन लोग घायल हुए। विधायक नौक्षम चौधरी ने पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दी और परिजनों का हौसला बढ़ाया।
डीग: राजस्थान के डीग जिले में रात के समय हुए एक भयंकर हादसे ने पूरे क्षेत्र को शोक में डाल दिया। डुबोकर गांव में स्थित दो मंजिला मकान भरभराकर गिर गया, जिसमें 2 बच्चों की मौत हो गई और एक महिला समेत 3 अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद मौके पर पहुंची कांमा की विधायक नौक्षम चौधरी भी बच्चों के जनाजे को देखकर भावुक हो उठीं और आंखों से आंसू छलक पड़े।
रात 3 बजे हुआ मकान गिरने का हादसा
घटना डीग जिले के कांमा थाना क्षेत्र के डुबोकर गांव में रात करीब 3 बजे हुई। मकान के गिरने के समय घर में पांच बच्चे और उनकी मां सो रहे थे। अचानक मकान का एक हिस्सा धराशायी हो गया, जिससे मलबे में दबकर दो बच्चों की जान चली गई।
मलबे में फंसे बच्चों और महिला को स्थानीय ग्रामीणों की मदद से बाहर निकाला गया। घायलों में मां और तीन अन्य बच्चे शामिल हैं। उन्हें तुरंत भरतपुर अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। हादसे में घायल परिवार की हालत गंभीर बताई जा रही है।
विधायक नौक्षम चौधरी घटना पर पहुंचीं
इस दर्दनाक घटना के बाद कांमा की विधायक नौक्षम चौधरी तुरंत मौके पर पहुंचीं। उन्होंने मृत बच्चों के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया और 1 लाख रुपए की तत्काल आर्थिक मदद दी। विधायक ने कहा कि राज्य सरकार इस हादसे के लिए पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है और आगे भी हर संभव मदद सुनिश्चित की जाएगी।
विधायक ने बच्चों के जनाजे में शामिल होकर अपनी भावनाएं साझा की और परिजनों को सांत्वना दी। इस दौरान उनके आंखों में आंसू छलक उठे। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से आग्रह किया कि ऐसे हादसों को रोकने के लिए गांवों में पुराने और जर्जर मकानों की पहचान कर उन्हें सुरक्षित किया जाए।
जर्जर मकान के कारण दो बच्चों की मौत
मृत बच्चों की पहचान पांच वर्षीय बच्ची और 13 वर्षीय लड़के के रूप में हुई है। मृत बच्चों के पिता शमीम मेव हैदराबाद में कार्यरत हैं और जेसीबी मशीन चलाते हैं। हादसे के समय पिता घर पर नहीं थे, जिससे परिवार की स्थिति और अधिक दयनीय हो गई।
स्थानीय लोगों के अनुसार, मकान काफी पुराना और जर्जर स्थिति में था। उन्हें कई बार चेतावनी दी गई थी कि घर को सुरक्षित बनाने या खाली करने की आवश्यकता है, लेकिन सुरक्षा उपाय नहीं किए गए। इससे यह हादसा अंजाम पर पहुँचा।
प्रशासन की राहत कार्रवाई
हादसे के तुरंत बाद डीग जिले की प्रशासनिक टीम, पुलिस और बचाव दल मौके पर पहुंचे। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया और मलबे से राहत कार्य जारी रखा गया। स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि हादसे की पूर्ण जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
आगे की योजना में प्रशासन ने गांव में अन्य जर्जर मकानों की पहचान करने और उन्हें खाली कर सुरक्षित बनाने का निर्देश दिया है। राहत कार्य और पीड़ित परिवार की आर्थिक सहायता सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन लगातार संपर्क में है।