राजस्थान के कोटपूतली-बहरोड़ जिले में पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी सॉल्यूशंस राज्य का पहला ई-बस मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट लगाएगी। इस पर 1,200 करोड़ रुपये का निवेश होगा और 65 एकड़ जमीन पर प्लांट स्थापित होगा। यह प्रोजेक्ट राज्य में औद्योगिक विकास, रोजगार सृजन और इलेक्ट्रिक परिवहन क्षेत्र को बढ़ावा देगा।
E-Bus Manufacturing Plant: राजस्थान के कोटपूतली-बहरोड़ जिले के घिलोठ इंडस्ट्रियल एरिया में पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी सॉल्यूशंस 1,200 करोड़ रुपये निवेश से राज्य का पहला ई-बस मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट लगाएगी। राजस्थान सरकार ने इसके लिए 65 एकड़ जमीन आवंटित की है। प्लांट में इलेक्ट्रिक बसें, मोटर, बैटरी और पार्ट्स का निर्माण होगा, जिससे औद्योगिक विकास और रोजगार के अवसर पैदा होंगे और राज्य में टिकाऊ शहरी परिवहन को बढ़ावा मिलेगा।
प्लांट की क्षमता और उत्पादन
इस नए ई-बस मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट में इलेक्ट्रिक बसों का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही बस बॉडी, मोटर, बैटरी, वायर हार्नेस और अन्य पार्ट्स का उत्पादन भी इसी प्लांट से होगा। पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी सॉल्यूशंस का लक्ष्य राज्य में इलेक्ट्रिक परिवहन उद्योग को बढ़ावा देना और रोजगार के अवसर पैदा करना है।
राज्य में इस प्रकार का पहला प्लांट होने की वजह से इसे विशेष महत्व दिया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट से न केवल उद्योग क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा बल्कि युवाओं के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।
औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन
राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम (रीको) ने पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी सॉल्यूशंस को जमीन आवंटित की है। यह समझौता 'राइजिंग राजस्थान' वैश्विक निवेश शिखर सम्मेलन के दौरान हुआ। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि यह प्रोजेक्ट राज्य के औद्योगिक विकास को मजबूती देगा।
उन्होंने आगे बताया कि इस प्लांट से आने वाले वर्षों में कई श्रमिकों और तकनीशियनों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। इसके अलावा इलेक्ट्रिक बस निर्माण उद्योग में नए प्रशिक्षण केंद्र और टेक्निकल वर्कशॉप स्थापित किए जा सकते हैं।
राजस्थान को EV मैन्यूफैक्चरिंग का हब बनाएगा प्रोजेक्ट
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा, ‘‘यह प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।’’ उन्होंने बताया कि यह संयंत्र राजस्थान को इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करेगा।
भवन, सड़क और परिवहन इंफ्रास्ट्रक्चर के लिहाज से भी इस परियोजना का बड़ा महत्व है। राज्य सरकार इस क्षेत्र में निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए कई उपाय कर रही है।
हरित ऊर्जा और टिकाऊ शहरी परिवहन को बढ़ावा
राजस्थान सरकार ने हरित ऊर्जा और टिकाऊ शहरी परिवहन को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता जताई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्लांट राज्य में इलेक्ट्रिक परिवहन के विकास को गति देगा। इससे प्रदूषण में कमी आएगी और ईंधन की बचत भी होगी।
प्लांट से निर्मित ई-बसें न केवल राज्य में बल्कि अन्य हिस्सों में भी आपूर्ति की जा सकती हैं। इससे भारत में सार्वजनिक परिवहन में इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रतिशत बढ़ेगा और शहरी क्षेत्रों में पर्यावरणीय लाभ होंगे।
निवेश और आर्थिक संभावनाएं
इस प्रोजेक्ट पर शुरुआती निवेश लगभग 1,200 करोड़ रुपये का है। यह राशि मशीनरी, निर्माण और उत्पादन लाइन की स्थापना में खर्च होगी। इस निवेश से राज्य के औद्योगिक क्षेत्र में नई कंपनियों के लिए आकर्षक अवसर पैदा होंगे।
भविष्य में पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी सॉल्यूशंस उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर और अधिक बसें और वाहन पार्ट्स बनाने की योजना भी बना सकती है। इससे राजस्थान में इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।
रोजगार और प्रशिक्षण अवसर
इस प्लांट से राज्य में तकनीशियनों और इंजीनियरों के लिए प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर मिलेंगे। नए कर्मचारियों को इलेक्ट्रिक बस निर्माण की तकनीकी जानकारी और उत्पादन प्रक्रियाओं में विशेषज्ञता दी जाएगी।
प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार से राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। युवा वर्ग के लिए रोजगार सृजन में यह प्रोजेक्ट एक अहम भूमिका निभाएगा।