राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज अंबाला वायुसेना स्टेशन पहुंचीं, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। वह यहां भारतीय वायुसेना के विशेष कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं। कार्यक्रम के तहत राष्ट्रपति मुर्मू कुछ ही देर में फ्रांस निर्मित राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरने वाली हैं।
अंबाला: भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बुधवार सुबह हरियाणा के अंबाला वायुसेना स्टेशन पहुंचीं, जहां उन्होंने भारतीय वायुसेना द्वारा आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मू फ्रांस निर्मित अत्याधुनिक राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरने वाली हैं। यह उनके कार्यकाल का एक ऐतिहासिक क्षण माना जा रहा है, क्योंकि इससे पहले भी कुछ ही भारतीय गणमान्य हस्तियों ने इस शक्तिशाली फाइटर जेट में उड़ान भरी है।
राफेल उड़ान से पहले सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम
राष्ट्रपति की अंबाला यात्रा को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था बेहद पुख्ता की गई है। जिला प्रशासन और वायुसेना के अधिकारियों ने मिलकर पूरे एयरफोर्स स्टेशन और उसके आसपास के क्षेत्रों को हाई अलर्ट पर रखा है। उपायुक्त अजय सिंह तोमर ने बताया कि राष्ट्रपति दिल्ली से विशेष वायुयान के माध्यम से अंबाला छावनी एयरबेस पहुंचीं। एयरफोर्स स्टेशन के चारों ओर ड्रोन उड़ाने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। इसके अलावा, किसी भी अनधिकृत व्यक्ति को बेस के अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई है।
कार्यक्रम स्थल पर मोबाइल फोन ले जाने पर भी रोक है। केवल वायुसेना और प्रोटोकॉल टीम के अधिकृत अधिकारियों को ही एंट्री दी गई। एयरबेस के आस-पास की सड़कों पर भी सुरक्षा बलों की अतिरिक्त तैनाती की गई है ताकि राष्ट्रपति के कार्यक्रम में किसी प्रकार की बाधा न आए।

राष्ट्रपति मुर्मू की ऐतिहासिक उड़ान
राष्ट्रपति मुर्मू की यह उड़ान महिलाओं की शक्ति और भारत की आधुनिक रक्षा क्षमताओं का प्रतीक मानी जा रही है। भारत की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति के रूप में, उनका राफेल में उड़ान भरना भारतीय वायुसेना के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ देगा। सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रपति मुर्मू अंबाला एयरबेस के ऊपर एक सर्किट उड़ान भर सकती हैं, जिसमें वायुसेना के अनुभवी पायलट उनके साथ होंगे। उड़ान के दौरान उन्हें राफेल की तकनीकी क्षमताओं, हथियार प्रणाली और एवियोनिक्स की जानकारी दी जाएगी।
भारत ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने का समझौता किया था, जिसकी पहली खेप 27 जुलाई 2020 को भारत पहुंची थी। इन विमानों ने फ्रांस के मेरिग्नैक एयरबेस से उड़ान भरकर संयुक्त अरब अमीरात के अल दफरा एयरबेस पर रुकते हुए अंबाला एयरबेस पर लैंड किया था। 10 सितंबर 2020 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली की उपस्थिति में एक भव्य इंडक्शन सेरेमनी आयोजित की गई थी। इसके बाद इन विमानों को भारतीय वायुसेना की 17वीं स्क्वॉड्रन "गोल्डन एरोज़" में शामिल किया गया।













