राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उत्तराखंड दौरे के तीसरे दिन कैंची धाम में नींब करौरी बाबा के दर्शन किए। उन्होंने कुमाऊं विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में छात्रों को शिक्षा, नैतिकता और देशभक्ति का महत्व समझाया।
Uttrakhand: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने उत्तराखंड दौरे के तीसरे दिन नैनीताल में स्थित कैंची धाम का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने यहां के प्रमुख संत नींब करौरी बाबा के दर्शन किए और उनकी धार्मिक तथा सामाजिक योगदान की सराहना की। कैंची धाम उत्तराखंड का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं और अध्यात्मिक शांति प्राप्त करते हैं।
राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि उत्तराखंड न केवल प्राकृतिक सुंदरता के लिए बल्कि ज्ञान और संस्कृति का केंद्र होने के लिए भी प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि यह राज्य नदियों, पर्वतों और वनों की अकूत संपदा से भरा हुआ है, जो इसे एक अद्वितीय स्थान बनाता है।
नींब करौरी बाबा के योगदान की सराहना
राष्ट्रपति मुर्मू ने नींब करौरी बाबा के योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बाबा ने समाज में धर्म और ज्ञान के प्रचार के साथ-साथ लोगों को नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि ऐसे संत समाज को मार्गदर्शन देते हैं और युवा पीढ़ी को सही दिशा में प्रेरित करते हैं।
कैंची धाम की शांति और दिव्यता ने राष्ट्रपति को विशेष रूप से प्रभावित किया। उन्होंने बताया कि यह स्थान न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
कुमाऊं विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में सहभागिता

कैंची धाम में दर्शन के बाद राष्ट्रपति मुर्मू कुमाऊं विश्वविद्यालय पहुंचे और वहां आयोजित दीक्षा समारोह (Convocation Ceremony) में शामिल हुए। समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने छात्रों को शिक्षा और नैतिक मूल्यों के महत्व पर जोर दिया।
राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तराखंड सदियों से ज्ञान और संस्कृति का केंद्र (Center of Knowledge and Culture) रहा है। इस राज्य की शिक्षा प्रणाली, प्राकृतिक संसाधन और सामाजिक परंपराएं इसे अद्वितीय बनाती हैं। उन्होंने कहा कि छात्रों को केवल अकादमिक ज्ञान नहीं, बल्कि जीवन में नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारी निभाने की शिक्षा भी प्राप्त करनी चाहिए।
उत्तराखंड को वीरों की भूमि बताया
राष्ट्रपति मुर्मू ने उत्तराखंड की धरती को वीरों की भूमि (Land of Heroes) बताते हुए नमन किया। उन्होंने कहा कि इस राज्य के लोगों ने देश की स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया और देश की रक्षा में हमेशा तत्पर रहे।
उन्होंने विशेष रूप से उन स्वाधीनता सेनानियों और सैनिकों की वीरता को याद किया, जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में देश की सेवा की। राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तराखंड के लोग न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बल्कि देशभक्ति में भी मिसाल हैं।
छात्रों और पदकधारकों को बधाई
दीक्षा समारोह के दौरान राष्ट्रपति ने सभी पदक प्राप्त उपाधि धारकों को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने छात्रों को प्रेरित किया कि वे शिक्षा का उपयोग समाज और देश की सेवा में करें।
राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा केवल व्यक्तिगत सफलता का माध्यम नहीं है, बल्कि इसे समाज और देश के उत्थान के लिए भी प्रयोग में लाना चाहिए। उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित किया कि वे नैतिक और सामाजिक मूल्यों को अपने जीवन में आत्मसात करें।
                                                                        
                                                                            
                                                











