रेडिको खेतान ने अब तक अपने निवेशकों को मजबूत रिटर्न दिया है। पिछले एक साल में इस शेयर ने करीब 25% से ज्यादा का रिटर्न दिया है, जबकि पिछले पांच वर्षों में इसमें लगभग 150% तक की बढ़त दर्ज की गई है।
रेडिको खेतान: भारतीय शराब बाजार में प्रीमियम ब्रांड्स की मांग लगातार बढ़ रही है और इस मांग में अपनी मज़बूत मौजूदगी के चलते रेडिको खैतान निवेशकों के लिए अब एक आकर्षक विकल्प बनता जा रहा है। मोतीलाल ओसवाल जैसी प्रतिष्ठित ब्रोकरेज फर्म ने इस कंपनी के लिए 15 फीसदी की संभावित बढ़त का अनुमान जताया है। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्टॉक आगे चलकर लंबी अवधि के निवेशकों को बेहतर रिटर्न दे सकता है।
रेडिको खैतान की बाज़ार में पैठ
रेडिको खैतान भारतीय शराब उद्योग की एक पुरानी और मजबूत कंपनी है, जिसने वर्षों से अपने उत्पादों की गुणवत्ता और रणनीतिक विस्तार के जरिए निवेशकों का विश्वास जीता है। कंपनी की उपस्थिति इंडियन मेड फॉरेन लिकर यानी आईएमएफएल के प्रीमियम सेगमेंट में खासतौर से उल्लेखनीय है। इसके Prestige & Above कैटेगरी में कंपनी का बाज़ार हिस्सा करीब 8 फीसदी है। वोडका सेगमेंट में कंपनी की हिस्सेदारी 80 फीसदी से अधिक है, जिससे साफ है कि यह सेगमेंट रेडिको के लिए कमाई का बड़ा जरिया बन चुका है।
बीते वर्षों में जबरदस्त रिटर्न
पिछले दस वर्षों में रेडिको खैतान ने अपने शेयरधारकों को लगभग 25 गुना रिटर्न दिया है, जबकि पांच वर्षों में यह आंकड़ा 8 गुना तक रहा है। यह परफॉर्मेंस यूनाइटेड स्पिरिट्स, यूनाइटेड ब्रेवरीज और एलाइड ब्लेंडर्स जैसे दिग्गज प्रतिद्वंद्वियों से कहीं बेहतर है। इसका मतलब है कि कंपनी ने अपने व्यवसाय को केवल मजबूत किया है, बल्कि निवेशकों को भी शानदार लाभ दिया है।
प्रीमियम सेगमेंट में आक्रामक विस्तार
रेडिको खैतान ने हाल के वर्षों में अपने पोर्टफोलियो में कई लग्ज़री ब्रांड्स को शामिल किया है। इनमें रामपुर, रणथंभौर और जैसलमेर जैसे नाम शामिल हैं, जो न केवल भारतीय बाजार में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी कंपनी की पहचान को मजबूत कर रहे हैं। इन ब्रांड्स की लोकप्रियता और बढ़ती मांग के कारण कंपनी को प्रीमियम सेगमेंट में तेजी से जगह मिल रही है।
रिटेल और ऑन-प्रिमाइसेस उपस्थिति में बढ़ोतरी
रेडिको ने हाल ही में अपने रिटेल टचपॉइंट्स की संख्या 75 हजार से बढ़ाकर 1 लाख कर दी है, जिससे इसकी जमीनी मौजूदगी और उपभोक्ताओं तक पहुंच में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है। साथ ही, ऑन-प्रिमाइसेस लोकेशन्स की संख्या भी 8 हजार से बढ़ाकर 10 हजार कर दी गई है, जिससे होटल, रेस्टोरेंट और बार में रेडिको के उत्पादों की उपलब्धता बढ़ी है।
वित्तीय प्रदर्शन और मार्जिन
वित्त वर्ष 2019 से 2025 तक कंपनी की कुल राजस्व वृद्धि की औसत सालाना दर 15 फीसदी रही है, जबकि प्रीमियम और लग्ज़री ब्रांड्स से होने वाली आय में 20 फीसदी की दर से इजाफा हुआ है। हालांकि, कच्चे माल जैसे ग्लास और एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल यानी ईएनए की बढ़ती कीमतों ने मार्जिन पर असर डाला है। पहले जहां मार्जिन 17 फीसदी था, अब यह घटकर 14 फीसदी रह गया है। लेकिन कंपनी अब इनहाउस प्रोडक्शन बढ़ाकर लागत पर नियंत्रण करने की दिशा में काम कर रही है, जिससे भविष्य में मार्जिन में सुधार की उम्मीद है।
नीतिगत लाभ और सरकार की भूमिका
रेडिको खैतान को कुछ राज्यों में सरकार की नीतियों से भी लाभ मिल रहा है। उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और तमिलनाडु जैसे राज्यों में कंपनी की रेवेन्यू हिस्सेदारी में लगातार वृद्धि हुई है। खासकर आंध्र प्रदेश में वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में इसका मार्केट शेयर 10 फीसदी से बढ़कर 23 फीसदी तक पहुंच गया है।
इसके अतिरिक्त, भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच संभावित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से कंपनी को बड़ा फायदा मिल सकता है। इस समझौते के बाद व्हिस्की और जिन जैसे आयातित स्पिरिट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी 150 फीसदी से घटाकर 75 फीसदी और आने वाले 10 वर्षों में 40 फीसदी तक लाई जा सकती है। इससे कंपनी के प्रीमियम ब्रांड्स की उत्पादन लागत घटेगी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट और वैल्यूएशन
मोतीलाल ओसवाल ने अपनी रिपोर्ट में रेडिको खैतान के शेयर पर 7,000 रुपये का टारगेट प्राइस निर्धारित किया है। यह मौजूदा स्तर से लगभग 15 प्रतिशत अधिक है। कंपनी को यह वैल्यूएशन इसके वित्त वर्ष 2027 के अनुमानित प्रति शेयर आय यानी ईपीएस पर 60 गुना पीई के आधार पर मिला है। इससे स्पष्ट है कि ब्रोकरेज हाउस को कंपनी के भविष्य के प्रदर्शन पर पूरा भरोसा है।