अदालत ने ऋषिकेश सिंह हत्याकांड में इरफान उर्फ जानी, बाबुल और सौरभ मिश्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही प्रत्येक दोषी पर 90,000 रुपये का अर्थदंड लगाया गया है। अदालत ने यह निर्णय फास्टट्रैक कोर्ट द्वितीय द्वारा लगाया।
घटना और मामला
आरोप है कि 9 फरवरी 2008 को कोतवाली नगर के सिरवारा रोड के रहने वाले ऋषिकेश सिंह उर्फ पिंटू की मौत हुई थी। बताया गया कि दोषियों ने पिंटू पर तलवार, तमंचा, लोहे की रॉड, डंडा, और क्रिकेट बैट से हमला किया था।
मृतक को कुल 23 चोटें आई थीं, जिनमें से 11 घातक हेड इंजरी थीं।
इस हत्या के पीछे कथित विवाद था — बताया गया कि यह विवाद क्रिकेट खेलने को लेकर हुआ था।
अभियोजन, बहस और निर्णय
वादी पक्ष की ओर से अधिवक्ता अरविंद सिंह राजा और सरकार की ओर से क्रिमिनल विभाग की बहस हुई।
बहस व सबूत की समीक्षा के बाद, अदालत ने तीनों आरोपितों को दोषी पाया और उन्हें आरोपी बताकर उन्हें सजा सुनाई।
आजाद उर्फ नूर मोहम्मद नामक एक आरोपी को साक्ष्य की कमी के कारण बरी कर दिया गया।
इस केस में दो किशोर आरोपी भी थे; उनका मामला किशोर न्याय बोर्ड में है।
सामाजिक असर
मृतक के बड़े भाई राकेश सिंह ने कहा कि उन्होंने लंबी कानूनी लड़ाई के बाद इस फैसले का इंतज़ार किया।
उन्होंने बताया कि उन्हें अदालत पर विश्वास था कि न्याय मिलेगा, और आज की तारीख एक बड़ी राहत है।
अदालत ने जो अर्थदंड लगाया है, वह मृतक के वारिसों को दिया जाएगा।