डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर टैरिफ और रूस पर कड़े प्रतिबंध की घोषणा की। भारत से दोस्ती और पाकिस्तान-भारत विवाद पर भी उन्होंने टिप्पणी की। रूस-यूक्रेन युद्ध को शांति से हल करने की उनकी रणनीति भी सामने आई।
World News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर बड़ा टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इस फैसले के बाद चीन ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि अगर उसे मजबूर किया गया, तो वह इसका करारा जवाब देगा। चीन के डिप्लोमैट वेई, जो इन दिनों भारत की यात्रा पर हैं, ने कहा कि चीन किसी संघर्ष की स्थिति नहीं चाहता लेकिन अगर ज़रूरत पड़ी तो वह अपने अधिकारों की रक्षा के लिए ज़रूरी कदम उठाएगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका को अपनी गलतियों को सुधारना चाहिए क्योंकि सहयोग से ही दोनों देशों को फ़ायदा होगा।
ट्रंप का जवाब – जिनपिंग से होगी मुलाकात
चीन के इस बयान के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अगले हफ़्ते वे मलेशिया, दक्षिण कोरिया और जापान की यात्रा करेंगे। दक्षिण कोरिया में वे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे। ट्रंप ने कहा कि उनकी यह बैठक लंबी होगी और इसमें दोनों देश अपने सवालों और मतभेदों को दूर करने की कोशिश करेंगे।
उन्होंने कहा कि उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ तय बैठक रद्द कर दी क्योंकि उन्हें लगा कि यह बैठक उस मुकाम तक नहीं पहुंच पाएगी जहां ज़रूरत थी। ट्रंप ने कहा कि चीन और रूस के रिश्ते दोस्ताना नहीं हो सकते। उन्हें उम्मीद है कि ये रिश्ते सामान्य रहेंगे लेकिन बाइडेन और ओबामा की नीतियों ने दोनों को तेल और ऊर्जा के कारण साथ ला दिया।
रूस और यूक्रेन के युद्ध पर ट्रंप की टिप्पणी
ट्रंप ने कहा कि वे शी जिनपिंग से रूस और यूक्रेन के युद्ध को खत्म करने पर भी चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि यह बातचीत ऊर्जा और तेल के ज़रिए या किसी और तरीके से हो सकती है। ट्रंप का कहना है कि वे सभी युद्धों को सुलझाना चाहते हैं और शांति (peace) बहाल करना चाहते हैं।
भारत-पाकिस्तान पर ट्रंप का बयान
ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने टैरिफ नीति के जरिए अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है। उनके मुताबिक कई दशक से अमेरिका के खिलाफ टैरिफ का गलत इस्तेमाल हो रहा था जिससे देश पर 37 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज़ चढ़ा। ट्रंप ने कहा कि “भारत और पाकिस्तान अगर लड़ना चाहते हैं, तो लड़ें लेकिन उन्हें टैरिफ चुकाने होंगे और वे बहुत ज़्यादा होंगे।”
उन्होंने बताया कि दोनों देशों ने अमेरिका से बातचीत के बाद लड़ाई रोकने का फैसला किया। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने आठ युद्ध सुलझाए हैं जिनमें से पांच से छह टैरिफ नीति के कारण खत्म हुए।
भारत से मजबूत रिश्ते की बात
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बैठक को लेकर ट्रंप ने कहा कि भारत ने उन्हें बताया है कि वह रूस से तेल खरीदना बंद करने की प्रक्रिया में है। उन्होंने कहा कि भारत यह काम धीरे-धीरे करेगा और साल के अंत तक यह लगभग खत्म हो जाएगा। ट्रंप ने कहा, “कल मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की, वे बिल्कुल अच्छे रहे हैं। चीन थोड़ा अलग है क्योंकि उसके रूस के साथ रिश्ते जटिल हैं।”
रूस पर सख्त प्रतिबंध
रूस के खिलाफ ट्रंप ने नए प्रतिबंधों की घोषणा की है। उन्होंने कहा, “आज का दिन बहुत बड़ा है। ये प्रतिबंध रूस की दो बड़ी तेल कंपनियों पर लगाए गए हैं। हमें उम्मीद है कि युद्ध खत्म होगा। हमने मिसाइलों और अन्य हथियारों पर भी जवाब दिया है लेकिन हमें नहीं लगता कि इसकी ज़रूरत पड़ेगी।”
ट्रंप ने कहा कि रूस को अपनी पुरानी रणनीति छोड़कर वापस लौट जाना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि पिछले हफ़्ते रूस के करीब 8,000 सैनिक मारे गए हैं। ट्रंप का कहना है कि अब रूस और यूक्रेन दोनों शांति चाहते हैं।
सभी युद्धों को निपटाने का दावा
जब उनसे पूछा गया कि रूस पर प्रतिबंध अभी क्यों बढ़ाए जा रहे हैं, तो ट्रंप ने कहा कि अब समय आ गया है। उन्होंने बताया कि अमेरिका ने मध्य पूर्व सहित सात युद्धों का सामना किया है और पाकिस्तान-भारत से जुड़े युद्ध भी झेले हैं। ट्रंप ने कहा, “हमारे पास एक युद्ध बचा है और मुझे विश्वास है कि हम उसे भी सुलझा लेंगे।”