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भारत-अफगानिस्तान संबंध मजबूत, काबुल में मिशन को मिला दूतावास का दर्जा, पाकिस्तान के लिए बनी चुनौती 

भारत-अफगानिस्तान संबंध मजबूत, काबुल में मिशन को मिला दूतावास का दर्जा, पाकिस्तान के लिए बनी चुनौती 

अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी ने दिल्ली में एस जयशंकर से मुलाकात की। भारत ने काबुल में अपने तकनीकी मिशन को अब दूतावास का दर्जा दिया। इससे दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध (bilateral relations) और सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।

World News: हाल ही में अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी ने भारत का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने बातचीत में अफगानिस्तान और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों (bilateral relations) को मजबूत करने पर जोर दिया। इस मुलाकात से यह उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों देशों के बीच राजनयिक और आर्थिक सहयोग को नया मोड़ मिलेगा।

भारत का बड़ा फैसला

अफगान विदेश मंत्री की यात्रा के बाद भारत ने काबुल में अपने तकनीकी मिशन को अब दूतावास (Embassy) का दर्जा दिया है। यह कदम भारत की अफगानिस्तान के साथ संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता (commitment) को दर्शाता है। इससे पहले जून 2022 में भारत ने काबुल में सीमित स्तर पर तकनीकी टीम भेजी थी। अब इस मिशन को पूर्ण दूतावास का दर्जा मिलने से दोनों देशों के बीच राजनयिक संपर्क और भी मजबूत होंगे।

काबुल में भारतीय दूतावास का इतिहास

भारत ने 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान सत्ता के कब्जे के बाद अपने राजनयिकों को काबुल दूतावास से वापस बुला लिया था। उस समय भारत ने सुरक्षा कारणों और राजनीतिक अस्थिरता के चलते अपनी मौजूदगी को सीमित कर दिया था। अब यह कदम उन प्रयासों का परिणाम है जो दोनों देशों के बीच विश्वास और सहयोग को बढ़ाने के लिए किए गए।

विदेश मंत्रालय का बयान

विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) ने कहा कि यह कदम अफगानिस्तान में भारत की संकल्पबद्धता को दिखाता है। मंत्रालय ने बयान में कहा कि काबुल स्थित भारतीय दूतावास अब अफगानिस्तान के मृसमग्र विकास, मानवीय सहायता (humanitarian aid) और क्षमता निर्माण (capacity building) कार्यक्रमों में भारत के योगदान को और बढ़ाएगा।

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