दिल्ली के शालीमार बाग इलाके में नॉर्थ वेस्ट डीआईयू ने नकली लग्जरी सामान बनाने और बेचने वाले रैकेट का पर्दाफाश किया। पुलिस ने मोहित सचदेवा नामक आरोपी को गिरफ्तार किया, जो खुद को बड़े ब्रांड्स का अधिकृत विक्रेता बताकर असली ब्रांड का झांसा देकर ग्राहकों को ठगता था।
जांच में यह भी पता चला कि आरोपी के पास अवैध फैक्ट्री भी थी, जहां वह जूते, कपड़े और घड़ियों जैसी वस्तुएं नकली ब्रांड नाम और लेबल के साथ तैयार करता था। इसके बाद इन्हें बाजार में असली सामान का भ्रम देकर बेचा जाता था।
दुकान से नकली ब्रांड के कपड़े और सामान बरामद
एडिशनल डीसीपी सिकंदर सिंह ने बताया कि मोहित की दुकान से पुलिस ने 13 टी-शर्ट, 12 जोड़ी धूप के चश्मे, 14 शर्ट, 3 जोड़ी जींस, 2 कलाई घड़ियां, 5 जोड़ी जूते, 4 जोड़ी मोज़े, 3 टोपियां, 3 जोड़ी पैंट और एक बेल्ट बरामद किए।
इसके अलावा दुकान से कई खाली डिब्बे और नकली ब्रांड टैग भी मिले। पुलिस के अनुसार इन टैग और पैकेजिंग का इस्तेमाल ग्राहकों को यह भ्रम देने के लिए किया जा रहा था कि यह असली ब्रांड का सामान है।
मोहित नकली ब्रांड बेचकर ग्राहकों को ठगी
जांच में पता चला कि मोहित सचदेवा नकली ब्रांड के लोगो और पैकेजिंग का इस्तेमाल करता था। वह इसे बाजार में असली प्रोडक्ट की तरह बेचता था और ग्राहकों को विश्वास दिलाता था कि यह वास्तविक ब्रांड का माल है।
शिकायतकर्ता नृपेंद्र कश्यप ने पुलिस को बताया कि मोहित बड़े पैमाने पर नकली सामान बेचकर उपभोक्ताओं को धोखा देता था। पुलिस अब इस बात का पता लगा रही है कि कुल कितने लोग और इस रैकेट में शामिल थे।
नकली ब्रांड रैकेट पर कानूनी कार्रवाई
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कॉपीराइट एक्ट और ट्रेडमार्क एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपी ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उसने नकली लेबल और पैकेजिंग तैयार कराकर इन्हें बाजार में उतारा।
आगे की जांच में यह पता लगाया जा रहा है कि इस रैकेट ने ग्राहकों से कितनी राशि की ठगी की और कितनी मात्रा में नकली सामान बेचा गया। पुलिस ने इसे बड़े पैमाने पर अपराध मानते हुए रैकेट के अन्य सदस्यों की तलाश शुरू कर दी है।