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Shashi Tharoor: जन्माष्टमी पर भेदभाव? शशि थरूर ने केरल की अलग तारीख पर उठाए सवाल

Shashi Tharoor: जन्माष्टमी पर भेदभाव? शशि थरूर ने केरल की अलग तारीख पर उठाए सवाल

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने केरल में जन्माष्टमी अलग तारीख पर मनाए जाने पर सवाल उठाया। उनका कहना है कि भगवान श्री कृष्ण दो अलग तारीखों पर पैदा नहीं हो सकते और त्योहार सभी के लिए एक साथ मनाना चाहिए।

तिरुवनंतपुरम। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने हाल ही में केरल में जन्माष्टमी न मनाए जाने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा कि जब पूरे देश में कृष्ण जन्माष्टमी 16 अगस्त 2025 को मनाई गई, तो केरल में इसे छह हफ्ते बाद क्यों मनाया जाएगा। थरूर का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और चर्चा का विषय बन गया है।

मलयालम कैलेंडर और अलग तारीख

दरअसल, मलयालम कैलेंडर के अनुसार इस साल जन्माष्टमी 14 सितंबर 2025 (रविवार) को आएगी। यही कारण है कि केरल में जन्माष्टमी पूरे देश से अलग तारीख पर मनाई जाएगी। शशि थरूर ने इसे लेकर आपत्ति जताई और सवाल किया कि भगवान श्री कृष्ण दो अलग-अलग तारीखों पर पैदा नहीं हो सकते। उनका कहना है कि सभी धर्मावलंबियों के लिए यह महत्वपूर्ण त्योहार एक साथ मनाया जाना चाहिए।

शशि थरूर का सोशल मीडिया संदेश

शशि थरूर ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक वीडियो साझा किया। उन्होंने लिखा कि कल पूरे देश में श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाई गई, केवल केरल को छोड़कर। उन्होंने पूछा कि ऐसा क्यों है और क्या सभी अनुयायी एक साथ त्योहार नहीं मना सकते। उन्होंने यह भी कहा कि केरल के लोग क्रिसमस तो अलग-अलग नहीं मनाते, लेकिन जन्माष्टमी पर भेदभाव क्यों?

क्रिसमस और जन्माष्टमी में भेदभाव पर सवाल

शशि थरूर ने कहा कि धार्मिक त्योहारों को अलग-अलग तारीखों पर मनाने का कारण केवल कैलेंडर नहीं हो सकता। उन्होंने उदाहरण दिया कि क्रिसमस के दिन पूरे केरल में एक ही समय पर मनाया जाता है। उन्होंने सवाल किया कि जन्माष्टमी में ऐसा भेदभाव क्यों हो रहा है। उनका यह तर्क सामाजिक और सांस्कृतिक एकरूपता की दिशा में सोचने के लिए महत्वपूर्ण है।

भगवान कृष्ण से जीवन की सीख

इससे पहले भी शशि थरूर ने भगवान श्री कृष्ण और उनकी शिक्षाओं का उदाहरण दिया है। उन्होंने कहा कि महाभारत, भगवद् गीता और भागवत पुराण में जीवन की मूल्यवान सीखें हैं। उन्होंने बताया कि श्री कृष्ण ने जीवनभर धर्म और न्याय बनाए रखने के लिए संघर्ष किया।

 

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