पंजाब की राजनीति में बड़ा फेरबदल देखने को मिला है। शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal - SAD) के महासचिव और वरिष्ठ नेता जगदीप सिंह चीमा ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थाम लिया।
चंडीगढ़: पंजाब की राजनीति में बड़ा फेरबदल देखने को मिला है। शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal - SAD) के महासचिव और वरिष्ठ नेता जगदीप सिंह चीमा ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थाम लिया। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पंजाब भाजपा के कार्यवाहक प्रभारी अश्विनी शर्मा की मौजूदगी में चीमा ने औपचारिक रूप से भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
चीमा का भाजपा में शामिल होना न केवल पंजाब की सियासत में हलचल पैदा कर गया है, बल्कि आगामी लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा के लिए यह एक बड़ा राजनीतिक संदेश भी माना जा रहा है।
अकाली दल को गहरा झटका, भाजपा को मिला सशक्त सिख चेहरा
जगदीप सिंह चीमा पंजाब के प्रमुख राजनीतिक परिवार से आते हैं। उनके पिता रणधीर सिंह चीमा तीन बार पंजाब के कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं और कांग्रेस तथा अकाली राजनीति में अहम भूमिका निभा चुके हैं। जगदीप चीमा स्वयं भी अमलोह और फतेहगढ़ साहिब विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ चुके हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चीमा के भाजपा में शामिल होने से पार्टी को सिख समुदाय में पैठ मजबूत करने में मदद मिलेगी, खासकर मालवा क्षेत्र में जहां भाजपा अभी भी संगठनात्मक रूप से विस्तार की कोशिश में है।
हरियाणा CM नायब सिंह सैनी बोले — पंजाब अब बदलाव चाहता है
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस अवसर पर कहा,
'पंजाब के लोगों ने कांग्रेस, अकाली दल और आम आदमी पार्टी की सरकारें देख लीं। अब वे परिवर्तन चाहते हैं। आज पंजाब के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों से प्रभावित हैं और भाजपा की सरकार लाने के लिए तैयार हैं।'
सीएम सैनी ने कहा कि पंजाब के लोगों में आम आदमी पार्टी को लेकर भारी नाराजगी है। उन्होंने कहा,
'लोग हमसे कहते हैं कि आम आदमी पार्टी को चुनना उनकी सबसे बड़ी गलती थी। जो वादे उन्होंने किए थे, वे सब झूठे निकले। जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है।'
AAP ने आपदा पर भी राजनीति की — सैनी का तीखा हमला
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पंजाब में हाल में आई बाढ़ और प्राकृतिक आपदा का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने गंभीरता नहीं दिखाई। पंजाब में इतनी बड़ी आपदा आई लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार ने मदद करने के बजाय इस पर सियासत की। छोटा भाई होने के नाते हरियाणा ने पंजाब की मदद भेजी, लेकिन वहां की सरकार केवल बयानबाजी करती रही। उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी का सफाया हो चुका है और अब पंजाब में भी लोग "आप सरकार को विदा करने की तैयारी कर चुके हैं।