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शिमला-मनाली से आगे भी है भारत: जानिए उन गांवों के बारे में, जहां संस्कृति और प्रकृति का होता है अद्भुत संगम

शिमला-मनाली से आगे भी है भारत: जानिए उन गांवों के बारे में, जहां संस्कृति और प्रकृति का होता है अद्भुत संगम

ग्रामीण पर्यटन भारत में एक तेजी से उभरती यात्रा प्रवृत्ति बन रही है। जहां एक ओर शिमला, मनाली जैसे हिल स्टेशन लंबे समय से पर्यटकों की पहली पसंद रहे हैं, वहीं अब देश के कई ऐसे गांव भी सामने आ रहे हैं जो अपनी सांस्कृतिक विरासत, सादगीपूर्ण जीवनशैली और प्राकृतिक सौंदर्य से सैलानियों को आकर्षित कर रहे हैं। भारत सरकार की ‘अतुल्य भारत’ जैसी योजनाएं इन गांवों को पर्यटन मानचित्र पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

नई दिल्ली: भारत विविधताओं से भरा एक ऐसा देश है, जहां आधुनिकता और परंपरा का अद्भुत मेल देखने को मिलता है। बड़े शहरों और प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों की चकाचौंध से अलग, भारत के ग्रामीण क्षेत्र आज पर्यटन का नया केंद्र बनते जा रहे हैं। ग्रामीण पर्यटन न केवल यात्रा का एक अनूठा अनुभव प्रदान करता है, बल्कि स्थानीय समुदायों को आर्थिक रूप से सशक्त भी बनाता है। भारत सरकार और विभिन्न राज्य सरकारें ‘अतुल्य भारत’ (Incredible India) और ग्रामीण पर्यटन विकास योजनाओं के तहत इन गांवों में बुनियादी ढांचे, होमस्टे सुविधाओं और स्थानीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं।

माणा गांव, उत्तराखंड

धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व

उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित माणा गांव, भारत का अंतिम गांव कहलाता है और यह तिब्बत सीमा के पास बसा हुआ है। ऐतिहासिक दृष्टि से यह गांव अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि माना जाता है कि महाभारत काल में पांडवों ने यहां विश्राम किया था और यहीं व्यास गुफा में महाभारत की रचना हुई थी। माणा गांव की प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण और धार्मिक महत्व इसे एक आदर्श पर्यटन स्थल बनाते हैं। यहां व्यास गुफा, गणेश गुफा और भीम पुल जैसे स्थान पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा यहां का निकटतम एयरपोर्ट है, जबकि ऋषिकेश निकटतम रेलवे स्टेशन है।

शेखावाटी, राजस्थान

कला और विरासत

राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र को "राजस्थान की खुली कला गैलरी" कहा जाता है। यहां के गांव, जैसे मंडावा, नवलगढ़ और फतेहपुर, अपनी ऐतिहासिक हवेलियों और रंग-बिरंगे भित्तिचित्रों के लिए प्रसिद्ध हैं। यह क्षेत्र राजस्थानी लोक कला, पारंपरिक खानपान और ग्रामीण मेहमाननवाजी के अनुभव के लिए जाना जाता है। जयपुर और बीकानेर से सड़क मार्ग द्वारा शेखावाटी आसानी से पहुंचा जा सकता है। जयपुर का संगानेर एयरपोर्ट सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है।

खजुराहो के गांव

संस्कृति और जीवनशैली

मध्य प्रदेश का खजुराहो विश्व प्रसिद्ध मंदिरों के लिए जाना जाता है, लेकिन इसके आस-पास के ग्रामीण क्षेत्र भी कम आकर्षक नहीं हैं। यहां के गांव पारंपरिक बाजारों, स्थानीय हस्तशिल्प और ग्रामीण जीवनशैली का जीवंत चित्र प्रस्तुत करते हैं। पर्यटक इन गांवों में स्थानीय परिवारों के साथ समय बिताकर उनकी संस्कृति, रीति-रिवाज और खानपान को निकट से समझ सकते हैं। खजुराहो के पास हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन दोनों उपलब्ध हैं, जिससे यह क्षेत्र सुगम रूप से पहुंचा जा सकता है।

डिस्किट, लद्दाख

शांति और आध्यात्मिकता

लद्दाख की नुब्रा घाटी में स्थित डिस्किट गांव, प्रकृति प्रेमियों और आध्यात्मिक शांति की तलाश में लगे यात्रियों के लिए एक आदर्श स्थान है। यह गांव डिस्किट मठ और वहां स्थित विशाल मैत्रेय बुद्ध प्रतिमा के लिए जाना जाता है। साथ ही यहां ऊंट सफारी, स्थानीय त्योहार जैसे दोसमोचे उत्सव और पारंपरिक लद्दाखी जीवनशैली को अनुभव किया जा सकता है। लेह से सड़क मार्ग द्वारा डिस्किट पहुंचा जा सकता है, और निकटतम एयरपोर्ट भी लेह में ही स्थित है।

आर्थिक और सांस्कृतिक योगदान

ग्रामीण पर्यटन के बढ़ते महत्व को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि यह न केवल पर्यटकों को स्थानीय संस्कृति और प्रकृति से जोड़ता है, बल्कि इससे ग्रामीण युवाओं को रोजगार के अवसर, पारंपरिक कला को संरक्षण और सतत पर्यटन का आधार भी मिलता है। इस प्रकार का पर्यटन ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन स्तर सुधारने में भी सहायक बन रहा है।

यदि आप भी अगली छुट्टियों में भीड़-भाड़ से दूर एक शांत, सांस्कृतिक और प्राकृतिक अनुभव की तलाश में हैं, तो इन गांवों की यात्रा को अपनी सूची में शामिल करें। ये गांव न केवल आपकी आत्मा को सुकून देंगे, बल्कि भारत की असली तस्वीर से भी रूबरू कराएंगे। अपनी अगली यात्रा योजना में किसी एक गांव को जरूर शामिल करें और इस जानकारी को अपने दोस्तों व परिजनों के साथ साझा करें, ताकि अधिक से अधिक लोग भारत के इन अनछुए रत्नों से परिचित हो सकें।

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