श्रीनगर की दरगाह हजरतबल में हाल ही में रिनोवेशन के दौरान लगाए गए मार्बल पर बवाल हो गया। भीड़ ने मस्जिद के अंदर प्रतिमा लगाए जाने का विरोध करते हुए अशोक स्तंभ को तोड़ दिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि धार्मिक स्थल में प्रतिमा लगाना स्वीकार्य नहीं है। इस घटना ने प्रशासन और वक्फ बोर्ड की प्रतिक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
श्रीनगर: शुक्रवार, 5 सितंबर को श्रीनगर की प्रसिद्ध दरगाह हजरतबल में ईद-ए-मिलाद के मौके पर बवाल हुआ, जब स्थानीय लोगों ने हाल ही में रिनोवेशन के दौरान लगाए गए मार्बल और अशोक स्तंभ को तोड़ दिया। भीड़ का कहना था कि मस्जिद के अंदर प्रतिमा नहीं लगाई जानी चाहिए। घटना के समय वक्फ बोर्ड की चेयरपर्सन डॉ. दरख्शां अंद्राबी ने उद्घाटन किया था, लेकिन प्रत्यक्ष में भीड़ ने विरोध जताया। प्रशासन ने अभी तक स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने की बात कही है।
हजरतबल दरगाह में मार्बल और अशोक स्तंभ तोड़े जाने का बवाल
श्रीनगर की हजरतबल दरगाह में शुक्रवार (5 सितंबर) को भीड़ ने रिनोवेशन के दौरान लगाए गए मार्बल और अशोक स्तंभ को तोड़ दिया। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में लोग पत्थर से स्तंभ को तोड़ते नजर आ रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि मस्जिद के अंदर प्रतिमा रखना स्वीकार्य नहीं है और इसे धार्मिक भावनाओं के खिलाफ बताया जा रहा है।
भीड़ के विरोध ने प्रशासन और धार्मिक प्रतिष्ठान को भी चौंका दिया। घटना ईद-ए-मिलाद के मौके पर हुई, जब दरगाह में भक्तगण मौजूद थे। अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तत्काल कदम उठाए और मामले की जांच शुरू कर दी है।
डॉ. दरख्शां अंद्राबी का उद्घाटन और परियोजना का महत्व
तीन सितंबर को वक्फ बोर्ड की चेयरपर्सन डॉ. दरख्शां अंद्राबी ने हजरतबल दरगाह का रिनोवेशन और मार्बल का उद्घाटन किया था। उद्घाटन के दौरान शिलापट्ट पर उनका नाम अंकित किया गया। अंद्राबी ने इसे ऐतिहासिक परियोजना बताते हुए कहा कि नया डिजाइन पारंपरिक कश्मीरी कला को आधुनिकता के साथ जोड़ता है और पूरे क्षेत्र की सबसे खूबसूरत दरगाह बनाता है।
डॉ. अंद्राबी ने यह भी कहा कि यह परियोजना दरगाह को न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी समृद्ध करेगी। उनका कहना था कि इस पहल से जम्मू-कश्मीर की आध्यात्मिक धरोहर को नई पहचान मिलेगी और लोग इसे पूरे देश में एक गौरवपूर्ण स्थल के रूप में देख सकेंगे।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने दिया समर्थन
केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने हजरतबल दरगाह का वीडियो साझा करते हुए डॉ. दरख्शां अंद्राबी और वक्फ बोर्ड की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि 1968 के बाद यह दरगाह के आंतरिक हिस्से का पहला बड़ा परिवर्तन है और यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के सहयोग से संभव हुई।
मंत्री ने इसे जम्मू-कश्मीर की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के लिए मील का पत्थर बताया। उनका कहना था कि इस पहल से धार्मिक स्थलों में सौंदर्यीकरण और सुरक्षा का संतुलन बनाए रखा जा सकेगा।
भीड़ के विरोध और अशोक स्तंभ के टूटने के बाद प्रशासन ने तत्काल कदम उठाए। स्थानीय पुलिस को सक्रिय कर दिया गया और जांच के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों ने कहा कि भविष्य में धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा और जागरूकता बढ़ाने के लिए विशेष उपाय किए जाएंगे।
स्थानीय प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसे घटनाओं को रोकने के लिए सतर्कता और संवेदनशीलता का पालन आवश्यक है। धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्राथमिकता होगी।