शुभमन गिल मैनचेस्टर टेस्ट में सुनील गावस्कर का 54 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ने के करीब हैं, उन्हें सिर्फ 168 रन चाहिए।
Shubman Gill: भारत बनाम इंग्लैंड की मौजूदा टेस्ट सीरीज़ रोमांच और रिकॉर्डों से भरपूर रही है। जहां इंग्लैंड 2-1 की बढ़त के साथ सीरीज़ में आगे है, वहीं भारत के पास मैनचेस्टर में चौथे टेस्ट के ज़रिए न केवल सीरीज़ बराबर करने का मौका है, बल्कि शुभमन गिल को एक ऐतिहासिक भारतीय रिकॉर्ड तोड़ने का भी सुनहरा अवसर है। यह रिकॉर्ड किसी और का नहीं, बल्कि 'लिटिल मास्टर' सुनील गावस्कर का है, जो पिछले 54 सालों से अडिग खड़ा है।
इतिहास के पन्नों में दर्ज गावस्कर का रिकॉर्ड
1970-71 में वेस्टइंडीज दौरे पर सुनील गावस्कर ने जो करिश्मा किया था, वह आज भी भारतीय क्रिकेट की गौरवगाथा में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है। उन्होंने महज अपने डेब्यू सीरीज में 774 रन बनाए थे – 5 टेस्ट में 154.80 की औसत से 4 शतक और 3 अर्धशतक। यह रिकॉर्ड पिछले 54 वर्षों से कायम है और कई दिग्गज बल्लेबाजों के बावजूद इसे कोई नहीं तोड़ पाया।
गिल की लय में दिख रही है चमक
अब नजरें टिकी हैं शुभमन गिल पर, जिन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में अब तक 607 रन बना लिए हैं। इस रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए उन्हें सिर्फ 168 रनों की और जरूरत है। गिल की बल्लेबाजी में जिस प्रकार की निरंतरता और आक्रामकता देखने को मिली है, उससे यह कयास लगाया जा रहा है कि वह मैनचेस्टर टेस्ट में ही इस आंकड़े के करीब पहुंच सकते हैं।
गिल का अब तक का प्रदर्शन
इस सीरीज में गिल का बल्ला लगातार बोल रहा है। उन्होंने तीन अर्धशतक और दो शतक लगाए हैं, और उनकी बल्लेबाजी में न सिर्फ तकनीकी संतुलन है बल्कि मानसिक मजबूती भी स्पष्ट नजर आ रही है। उन्होंने कठिन परिस्थितियों में रन बनाए हैं, और इंग्लैंड की स्विंग और सीम गेंदबाजी के खिलाफ धैर्य और आक्रामकता का सुंदर मिश्रण दिखाया है।
मैनचेस्टर: जहां भारत अब तक जीता नहीं
मैनचेस्टर का ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान भारतीय टीम के लिए किसी पहेली से कम नहीं रहा है। यहां भारत ने अब तक 9 टेस्ट मुकाबले खेले हैं, लेकिन एक भी मैच नहीं जीता। 4 हार और 5 ड्रॉ के साथ भारत का रिकॉर्ड बेहद निराशाजनक है। ऐसे में गिल के सामने न सिर्फ व्यक्तिगत कीर्तिमान का मौका है, बल्कि टीम को इतिहास रचाने का अवसर भी है।
कप्तान गिल पर दांव
इस सीरीज में टीम की कमान भी शुभमन गिल के हाथों में है। यह पहली बार है जब वह एक पूरी टेस्ट सीरीज में कप्तानी कर रहे हैं। अब तक उन्होंने अपने फैसलों और फील्ड प्लेसमेंट से सभी को प्रभावित किया है। अगर वह मैनचेस्टर में न सिर्फ रिकॉर्ड बनाते हैं बल्कि टीम को जीत दिलाते हैं, तो यह उनकी कप्तानी को भी एक नया आयाम देगा।
कड़ी टक्कर के लिए तैयार इंग्लैंड
हालांकि यह इतना आसान नहीं होने वाला। इंग्लैंड की टीम इस समय बेहतरीन फॉर्म में है और उन्होंने भारत को घरेलू परिस्थितियों में लगातार दबाव में रखा है। एंडरसन, वुड और स्टोक्स जैसे अनुभवी खिलाड़ियों के सामने गिल को फिर से धैर्य और आत्मविश्वास के साथ बल्लेबाजी करनी होगी।
इतिहास रचने का मौका
गावस्कर का रिकॉर्ड तोड़ना सिर्फ एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं होगी, यह भारतीय क्रिकेट के एक युगांतकारी पल की तरह होगा। शुभमन गिल जैसे युवा खिलाड़ी से यह उम्मीद की जा रही है कि वह न सिर्फ इस रिकॉर्ड को तोड़ेंगे, बल्कि भारत को मैनचेस्टर में पहली जीत दिलाकर अपने नाम एक और इतिहास जोड़ेंगे।