सकाना एआई का AB-MCTS एल्गोरिदम कई एआई मॉडलों को मिलकर काम करने की क्षमता देता है, जिससे जटिल समस्याओं का समाधान बेहतर और सटीक होता है। यह एआई में सामूहिक सोच और टेस्ट-टाइम स्केलिंग की दिशा में बड़ा कदम है।
AB-MCTS: टोक्यो स्थित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) शोध संस्था सकाना एआई ने एक क्रांतिकारी ओपन-सोर्स एल्गोरिदम एडेप्टिव ब्रांचिंग मोंटे कार्लो ट्री सर्च (AB-MCTS) जारी किया है, जो जटिल समस्याओं के समाधान में कई एआई मॉडलों को एक साथ सहयोग करने में सक्षम बनाता है। यह नई प्रणाली एआई के लिए एक ऐसे युग की शुरुआत कर सकती है जहाँ अलग-अलग क्षमताओं वाले मॉडल मिलकर "सोचते" हैं और समस्याओं को अधिक कुशलता से हल करते हैं।
क्या है एबी-एमसीटीएस?
AB-MCTS, या एडाप्टिव ब्रांचिंग मोंटे कार्लो ट्री सर्च, एक अनुमान-समय स्केलिंग एल्गोरिदम है जिसे खासतौर पर इस उद्देश्य से तैयार किया गया है कि जब कोई एआई सिस्टम किसी नई, अनजानी या जटिल समस्या का सामना करे, तो वह यह तय कर सके:
- कितनी गहराई तक तर्क करना है
- कितना व्यापक अन्वेषण करना है
- और सबसे अहम, कौन सा एआई मॉडल इस कार्य के लिए सबसे उपयुक्त होगा
यदि समस्या बेहद जटिल हो, तो AB-MCTS एक से अधिक एआई मॉडल को एक साथ तैनात कर सकता है ताकि उनके संयुक्त प्रयास से बेहतर हल निकाला जा सके।
क्यों खास है यह एल्गोरिदम?
इस एल्गोरिदम की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह सिर्फ एक मॉडल पर निर्भर नहीं रहता। इसके बजाय, यह AI मॉडल क्लस्टर बनाकर काम करता है, जिससे हर मॉडल अपनी ताकत के अनुसार योगदान देता है। यह विचार 'सामूहिक बुद्धिमत्ता' (Collective Intelligence) की तरह है, जहाँ कई दिमाग मिलकर किसी एक से बेहतर सोचते हैं।
कौन-कौन से मॉडल जुड़े हैं इस प्रणाली से?
सकाना एआई ने इस प्रणाली का परीक्षण दुनिया के कुछ प्रमुख एआई मॉडलों के साथ किया है:
- Gemini 2.5 Pro
- o4-mini (OpenAI का एक हल्का लेकिन सक्षम मॉडल)
- DeepSeek-R1
इन तीनों को मिलाकर एक 'क्लस्टर' बनाया गया और उन्हें OpenAI द्वारा डिजाइन किए गए ARC-AGI-2 बेंचमार्क पर परखा गया।
AB-MCTS का प्रदर्शन कैसा रहा?
परीक्षणों में यह देखने को मिला कि:
- अकेले o4-mini मॉडल केवल 23% समस्याओं को हल कर पाया।
- वहीं AB-MCTS क्लस्टर के हिस्से के रूप में यही मॉडल 27.5% तक पहुंच गया।
इससे यह स्पष्ट होता है कि जब कई एआई मॉडल साथ मिलकर काम करते हैं, तो वे अकेले से कहीं बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।
क्यों ज़रूरी है यह प्रगति?
AI इंडस्ट्री एक ऐसे मोड़ पर है जहाँ हर मॉडल की अपनी सीमाएँ हैं। कुछ मॉडल भाषा में अच्छे हैं, कुछ गणना में, और कुछ विजुअल डेटा को समझने में। ऐसे में किसी एक मॉडल से सभी कार्यों की अपेक्षा करना अवास्तविक है। सकाना एआई का यह नया एल्गोरिदम एक फ्लेक्सिबल सिस्टम देता है जो यह तय कर सकता है कि किस समस्या के लिए कौन सा या कौन-कौन से मॉडल सबसे बेहतर होंगे।
ओपन-सोर्स और पारदर्शिता की दिशा में बड़ा कदम
सकाना एआई ने न केवल इस तकनीक को ओपन-सोर्स बनाया है बल्कि इसे GitHub पर Treequest नाम से सार्वजनिक भी किया है। इसके साथ ही ARC-AGI प्रयोगों का पूरा डेटा भी साझा किया गया है ताकि अन्य शोधकर्ता और डेवलपर्स इस तकनीक को आज़मा सकें, और आगे सुधार भी कर सकें।
शोध से जुड़े सभी विवरण arXiv पर प्रकाशित एक पेपर के रूप में उपलब्ध हैं, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि कंपनी पारदर्शिता और सामूहिक नवाचार में विश्वास रखती है।
भविष्य की संभावनाएं
AB-MCTS सिर्फ एक एल्गोरिदम नहीं, बल्कि एआई के विकास की दिशा में एक नया दर्शन है। भविष्य में हम देख सकते हैं:
- स्मार्ट एआई टीम्स जो खुद तय करेंगी कि कौन क्या काम करेगा
- रियल-टाइम कॉर्डिनेशन जिसमें मॉडल्स आपस में संवाद करके निर्णय लेंगे
- स्केलेबल AI सिस्टम्स जो सीमित संसाधनों में भी बड़ा आउटपुट दे सकें