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Smartwatch में कैसे काम करता है Heart rate tracking feature, जानें पूरी तकनीक और तरीका

Smartwatch में कैसे काम करता है Heart rate tracking feature, जानें पूरी तकनीक और तरीका

Smartwatch, स्मार्ट रिंग और एयरपॉड्स में हार्ट रेट ट्रैकिंग फीचर अब आम हो गया है। ये डिवाइस हरी लाइट और ऑप्टिकल सेंसर के जरिए दिल की धड़कन मापते हैं और संभावित स्वास्थ्य जोखिम की जानकारी देते हैं। हालांकि डेटा पूरी तरह सटीक नहीं होता, इसलिए नियमित स्वास्थ्य जांच जरूरी है।

Heart Rate Tracking: आजकल Smartwatch, स्मार्ट रिंग और एयरपॉड्स दिल की धड़कन पर नजर रखने के लिए हार्ट रेट ट्रैकिंग फीचर पेश कर रहे हैं। ये डिवाइस कलाई पर हरी लाइट और ऑप्टिकल सेंसर का उपयोग करके रक्त प्रवाह और हृदय की गति को मापते हैं। इससे उपयोगकर्ता को असामान्य धड़कन या संभावित स्वास्थ्य जोखिम का तुरंत पता चल जाता है। यह तकनीक विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है, जो अपने दिल के स्वास्थ्य पर नजर रखना चाहते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, हालांकि यह डेटा पूरी तरह सटीक नहीं है, नियमित हेल्थ चेकअप आवश्यक है।

ग्रीन लाइट और ऑप्टिकल सेंसर का कमाल

Smartwatch के पीछे लगी लगातार फ्लैश होने वाली हरी लाइट और ऑप्टिकल सेंसर हार्ट रेट मापने का काम करते हैं। हरी लाइट कलाई के ब्लड को अवशोषित करती है और ब्लड से परावर्तित होकर लौटने वाली लाइट को सेंसर डिटेक्ट करता है। लाल और हरे रंग के विपरीत होने के कारण ब्लड हरी लाइट को तेजी से अवशोषित करता है, जिससे दिल की धड़कन का सही अंदाजा लगाया जा सकता है।

Photoplethysmography (PPG) से माप

Smartwatch में हृदय गति मापने की तकनीक को Photoplethysmography (PPG) कहा जाता है। हर दिल की धड़कन के दौरान हृदय की मांसपेशियां सिकुड़ती हैं, जिससे नसों में खून का प्रवाह बढ़ जाता है, और रिलैक्स होने पर खून की मात्रा घट जाती है। जब नसें फूलती हैं तो अधिक हरी लाइट अवशोषित होती है, और रिलैक्स होने पर अवशोषण कम। इसी बदलाव को सॉफ्टवेयर प्रोसेस करता है और स्मार्टवॉच पर हार्ट रेट दिखाता है।

संभावित स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान

अत्याधुनिक एल्गोरिद्म वाली स्मार्टवॉच अब पल्स रेट के आधार पर संभावित बीमारियों का अंदाजा भी लगा सकती हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि यह डेटा पूरी तरह सटीक नहीं होता। इसलिए नियमित हेल्थ चेकअप कराना आवश्यक है।

यह तकनीक न केवल दिल की सेहत पर नजर रखने में मदद करती है, बल्कि समय रहते संभावित स्वास्थ्य जोखिमों की चेतावनी भी देती है।

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