मंगलवार, 23 सितंबर 2025 को भारतीय शेयर बाजार बढ़त के साथ खुले। सेंसेक्स 100 अंक चढ़ा और निफ्टी 500 ने 25,200 का स्तर पार किया। मारुति और टाटा स्टील के शेयर 2% उछले, जबकि आईटी कंपनियां ट्रंप सरकार की एच-1बी वीजा फीस बढ़ोतरी से दबाव में रहीं। विशेषज्ञों का मानना है कि उपभोग और निवेश से बाजार को समर्थन मिलेगा।
Stock Market Today: नई दिल्ली में मंगलवार, 23 सितंबर 2025 को शेयर बाजार की शुरुआत बढ़त के साथ हुई। बीएसई सेंसेक्स 100 अंक ऊपर खुला और एनएसई निफ्टी 500 ने 25,200 का स्तर पार किया। मारुति और टाटा स्टील के शेयरों में 2% तेजी रही, जबकि आईटी शेयर ट्रंप सरकार द्वारा एच-1बी वीजा फीस बढ़ाने के फैसले से दबाव में रहे। विशेषज्ञों का कहना है कि जीएसटी सुधार, सामान्य मॉनसून और विदेशी निवेश से बाजार को निकट भविष्य में समर्थन मिल सकता है।
ट्रंप के वीजा फैसले का असर बाजार पर
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एच-1बी वीजा फीस में भारी बढ़ोतरी का असर भारतीय बाजार पर साफ दिखाई दिया। सोमवार को इस फैसले की वजह से आईटी कंपनियों के शेयरों में जोरदार बिकवाली हुई और बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ। आईटी इंडेक्स पर इसका सीधा दबाव देखने को मिला। हालांकि अगले ही दिन यानी मंगलवार को स्टील और ऑटो सेक्टर के मजबूत प्रदर्शन ने बाजार को नई ताकत दी।
आईटी सेक्टर पर दबाव बरकरार
ट्रंप सरकार के महंगे वीजा फरमान ने आईटी कंपनियों को मुश्किल स्थिति में डाल दिया है। सोमवार को इन्फोसिस, टीसीएस, विप्रो और एचसीएल जैसे दिग्गज शेयरों में तेज गिरावट देखी गई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि वीजा फीस बढ़ने से भारतीय आईटी कंपनियों की लागत पर असर पड़ेगा, जिसका नतीजा तिमाही नतीजों में दिख सकता है। हालांकि मंगलवार को बाजार ने थोड़ी मजबूती जरूर दिखाई, लेकिन आईटी कंपनियों के शेयर अब भी दबाव में बने हुए हैं।
स्टील और ऑटो सेक्टर ने दिखाई मजबूती
जहां आईटी सेक्टर दबाव झेल रहा है, वहीं ऑटो और स्टील सेक्टर ने बाजार में चमक बिखेरी। मारुति सुजुकी के शेयर में 2 प्रतिशत की छलांग लगी। त्योहारी सीजन से पहले कारों की मांग बढ़ने की उम्मीद ने इस शेयर को मजबूत बनाया। दूसरी ओर, टाटा स्टील ने भी जोरदार प्रदर्शन किया और शेयर में 2 प्रतिशत की तेजी देखी गई। वैश्विक स्तर पर स्टील की कीमतों में स्थिरता और घरेलू मांग में सुधार ने इस सेक्टर को मजबूत आधार दिया।
जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के रिसर्च हेड विनोद नायर ने बताया कि वीजा फीस की बढ़ोतरी ने आईटी सेक्टर को कमजोर कर दिया है, लेकिन उपभोग आधारित सेक्टरों में तेजी बनी हुई है। उन्होंने कहा कि जीएसटी को सरल बनाने, सामान्य मानसून, कम ब्याज दरों और टैक्स इंसेंटिव से उपभोग में बढ़ोतरी की उम्मीद है। यही कारण है कि निवेशकों का रुझान धीरे-धीरे उपभोग-केंद्रित कंपनियों की ओर बढ़ रहा है।
मिडकैप और स्मॉलकैप में मुनाफावसूली
पिछले कुछ हफ्तों में मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में जबरदस्त तेजी आई थी। लेकिन सोमवार को इन शेयरों में मुनाफावसूली देखने को मिली। मंगलवार को भी इन शेयरों पर दबाव बना रहा। निवेशकों का ध्यान बड़े और मजबूत शेयरों पर अधिक केंद्रित होता दिखा, जिससे सेंसेक्स और निफ्टी को सपोर्ट मिला।
विदेशी निवेशकों की वापसी
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि विदेशी निवेशक धीरे-धीरे भारतीय बाजार में लौट रहे हैं। वैश्विक बाजारों की स्थिरता और भारत में खपत बढ़ने की उम्मीद ने विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया है। आने वाले महीनों में एफआईआई की भागीदारी बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
विश्लेषकों का मानना है कि वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी छमाही में कंपनियों की आय में सुधार देखने को मिलेगा। विशेष रूप से ऑटो और स्टील सेक्टर में मजबूत नतीजों की उम्मीद है। वहीं आईटी सेक्टर में दबाव जरूर रहेगा, लेकिन लंबी अवधि में यह सेक्टर भी सुधार की राह पकड़ सकता है।