भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक चमकता हुआ नाम, सुनील गावस्कर, जिन्हें दुनिया ‘लिटिल मास्टर’ के नाम से जानती है, आज अपना 76वां जन्मदिन मना रहे हैं।
स्पोर्ट्स न्यूज़: भारतीय क्रिकेट के ‘लिटिल मास्टर’ और दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर आज अपना 76वां जन्मदिन मना रहे हैं। क्रिकेट के इतिहास में उनकी गिनती उन चंद महान बल्लेबाजों में होती है जिन्होंने अपनी तकनीक, एकाग्रता और साहस से न सिर्फ भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी देश को गौरवान्वित किया।
क्रिकेट के महानतम दौर में चमका गावस्कर का सितारा
सुनील गावस्कर ने उस युग में बल्लेबाजी की, जब गेंदबाजों का बोलबाला था. विशेषकर वेस्टइंडीज, ऑस्ट्रेलिया, और इंग्लैंड जैसे देशों के खतरनाक पेस अटैक के खिलाफ। उन्होंने 1971 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की और अपनी पहली ही सीरीज में 774 रन बनाकर क्रिकेट जगत को चौंका दिया। इस सीरीज में उनका औसत 154.80 रहा जो आज भी किसी भी डेब्यू सीरीज में बनाए गए सर्वाधिक रन का रिकॉर्ड है।
पहले बल्लेबाज जिन्होंने टेस्ट में 10,000 रन का आंकड़ा छुआ
गावस्कर ने अपने 16 साल लंबे करियर में 125 टेस्ट मैच खेले और 10122 रन बनाए। उन्होंने टेस्ट में 34 शतक और 45 अर्धशतक जड़े। वह टेस्ट क्रिकेट में 10,000 रन बनाने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज बने। यह रिकॉर्ड उन्होंने ऐसे समय में बनाया जब बल्लेबाजी करना आज की तुलना में कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण था।
उनकी सबसे खास उपलब्धियों में से एक है — टेस्ट की चारों पारियों में दोहरा शतक बनाने वाले दुनिया के इकलौते बल्लेबाज होना। यह दर्शाता है कि वे हर परिस्थिति में रन बनाने की क्षमता रखते थे।
वनडे में भी दिया योगदान, वर्ल्ड कप विजेता टीम का हिस्सा
भले ही गावस्कर वनडे क्रिकेट में उतने सफल नहीं रहे, फिर भी उन्होंने 108 वनडे मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया और 1983 में वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा रहे। उन्होंने वनडे में 3 अर्धशतक बनाए और अपनी समझदारी भरी बल्लेबाजी से कई बार टीम को संभाला। गावस्कर सिर्फ एक बल्लेबाज नहीं, बल्कि एक क्रिकेट विचारक भी थे।
उन्होंने भारतीय टीम में अनुशासन, रणनीति, और आत्मविश्वास को मजबूत किया। वे हमेशा टीम के लिए खड़े रहे, चाहे वह कठिन दौर हो या ऐतिहासिक जीतें।उनका प्रभाव आज भी भारतीय क्रिकेट में महसूस किया जा सकता है। सचिन तेंदुलकर से लेकर विराट कोहली तक, कई दिग्गज उन्हें प्रेरणा स्रोत मानते हैं।
क्रिकेट से संन्यास के बाद भी खेल से जुड़े रहे
1987 में संन्यास लेने के बाद गावस्कर ने कमेंटेटर और क्रिकेट विश्लेषक के रूप में अपनी दूसरी पारी शुरू की। उनकी बेहद स्पष्ट, निष्पक्ष और बेबाक राय आज भी क्रिकेट प्रेमियों के बीच चर्चा का विषय रहती है। वे न सिर्फ मैच विश्लेषण में माहिर हैं, बल्कि युवा खिलाड़ियों को गाइड करने में भी सक्रिय रहते हैं।
आज भी कायम हैं उनके कई रिकॉर्ड
गावस्कर के बनाए कई रिकॉर्ड आज भी कायम हैं:
- डेब्यू टेस्ट सीरीज में सर्वाधिक रन (774 रन)
- टेस्ट की चारों पारियों में दोहरा शतक लगाने वाले एकमात्र बल्लेबाज
- टेस्ट में पहले 10,000 रन बनाने वाले बल्लेबाज
इन आंकड़ों से साफ है कि गावस्कर का कद सिर्फ रिकॉर्ड बुक्स तक सीमित नहीं है, बल्कि उनका योगदान भारतीय क्रिकेट के मूल ढांचे का हिस्सा है। सुनील गावस्कर के 76वें जन्मदिन के अवसर पर क्रिकेट जगत के तमाम दिग्गजों, खिलाड़ियों और फैंस ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। सोशल मीडिया पर #HappyBirthdayLittleMaster ट्रेंड कर रहा है, जहां लोग उनके ऐतिहासिक शॉट्स, यादगार पारियों और बेबाक कमेंट्री को साझा कर रहे हैं।